चुनावी खजाना खुला! ₹10 लाख हर बूथ को… पर सवाल ये है कि दीदी की इस चाल से BJP बच पाएगी या नहीं?
अरे भाई, पश्चिम बंगाल की राजनीति में तो मानो भूचाल आ गया है! ममता दीदी ने तो ठीक चुनाव से पहले एक बम फोड़ दिया है। “आमादेर पारा, आमादेर समाधान” – नाम सुनकर ही लगता है कि कुछ बड़ा होने वाला है। और है भी… हर बूथ को 10 लाख रुपये? सच में? यानी कुल मिलाकर 8000 करोड़ का खेल! दो महीने तक चलेगा यह सिलसिला। साफ दिख रहा है न कि 2026 के चुनावों की तैयारी जोरों पर है।
असल में देखा जाए तो यह कोई नई बात नहीं। दीदी तो ऐसे चालें चलने में माहिर हैं। लक्ष्मी भंडार हो या कन्याश्री, इन योजनाओं ने उन्हें गांव-गांव में तो खासा पॉपुलर बना दिया। लेकिन इस बार… उफ्फ! सीधे बूथ लेवल तक पहुंच गई हैं। BJP तो इसे सीधे-सीधे “वोट खरीदी” बता रही है। और सुनो, उनकी बात में दम भी तो है। सरकारी खजाने से इतना पैसा? हम्म…
अब थोड़ा गणित समझ लेते हैं। 80,000 बूथ × 10 लाख = ? हां भई, 8000 करोड़! सरकार कह रही है कि यह पैसा सड़क, पानी, अस्पताल जैसे कामों में लगेगा। पर सच क्या है? ईमानदारी से कहूं तो… हर कोई जानता है कि चुनाव के समय ऐसे फंड का असली इस्तेमाल क्या होता है। TMC वालों ने ऑडिट का वादा किया है, मगर यार… किसे यकीन हो रहा है?
राजनीतिक रिएक्शन तो बिल्कुल साफ है। TMC वाले तालियां बजा रहे हैं – “जनता के पैसे जनता पर!” वहीं BJP वाले आग बबूला – “यह तो खुला घोटाला है!” और जनता? कुछ लोग खुश हैं, कुछ को शक है। कुछ कह रहे हैं “आखिरकार हमारे गांव का विकास होगा”, तो कुछ मुंह बिचका रहे हैं – “बस वोटों की खातिर यह सब”।
तो अब बड़ा सवाल – आगे क्या? मेरे हिसाब से तो BJP इस मामले को Election Commission तक ले जाएगी ही। कोर्ट-कचहरी का सिलसिला भी चल सकता है। अगर यह योजना सच में कामयाब रही तो… अरे भई! TMC को तो गांवों में जबरदस्त समर्थन मिल जाएगा। और फिर तो दूसरे राज्यों की सरकारें भी ऐसी ही योजनाएं लाने लगेंगी। चुनावी रिवॉल्यूशन हो जाएगा!
आखिर में क्या कहूं… ममता दीदी ने तो एक शानदार (या शातिर?) चाल चली है। असर होगा या नहीं? वो तो वक्त बताएगा। पर एक बात तय है – पश्चिम बंगाल की राजनीति में यह भूकंप जैसा है। और हां… अब देखना है कि BJP इसका जवाब कैसे देती है। गेम ऑन!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com