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रिपोर्ट: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का वो इंटरव्यू जिस पर सबकी नज़रें

अभी-अभी जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक खास बातचीत में राज्य के हालात और आगे की रणनीति पर कुछ दिलचस्प बातें कही हैं। और सच कहूं तो, ये ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनका पहला ऐसा इंटरव्यू है जहां उन्होंने पहलगाम हमले से लेकर अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा तक – हर नाजुक मुद्दे पर बिना लाग-लपेट के अपनी बात रखी।

पूरा माजरा क्या है?

देखिए, पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में काफी कुछ हुआ है। ऑपरेशन सिंदूर तो वाकई एक गेम-चेंजर रहा – सुरक्षा बलों ने आतंकवाद के खिलाफ जोरदार एक्शन लिया। लेकिन फिर पहलगाम हमला हुआ और वो दर्दनाक पल फिर से याद दिला गया जब हमारे जवान शहीद हुए। पर एक अच्छी खबर भी है – इस बार अमरनाथ यात्रा बिना किसी बड़ी घटना के पूरी हुई। और ये कोई छोटी बात नहीं है, है न? वहीं कश्मीर में धीरे-धीरे ही सही, मगर बदलाव की हवा भी महसूस हो रही है। शांति, विकास, पर्यटन – सब पर सकारात्मक खबरें आ रही हैं।

सिन्हा साहब ने क्या-क्या कहा?

इंटरव्यू में तो उपराज्यपाल साहब ने जमकर बातें कीं। आतंकवाद पर उनका कहना साफ था – “ऑपरेशन सिंदूर कोई एक दिन का शो नहीं था, ये जारी रहेगा।” पहलगाम हमले के बारे में उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही हमलावरों को पकड़ लिया जाएगा। अमरनाथ यात्रा की सफलता पर उनकी खुशी झलक रही थी – इसे उन्होंने सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की टीम वर्क का नतीजा बताया। और सबसे बड़ी बात – कश्मीर के युवाओं को रोजगार और शिक्षा के नए मौके देने पर जोर। बिल्कुल सही फैसला, मेरी नज़र में।

लोग क्या कह रहे हैं?

अब सवाल यह है कि इन बयानों पर लोगों की क्या प्रतिक्रिया है? केंद्र सरकार तो पूरी तरह साथ दे रही है। पर विपक्ष के कुछ नेताओं को लगता है कि अभी बहुत काम बाकी है। और स्थानीय लोग? उनकी राय थोड़ी मिली-जुली है। कुछ युवा विकास की रफ्तार से खुश हैं, तो कुछ को लगता है कि सुरक्षा व्यवस्था में अभी सुधार की गुंजाइश है। सच तो ये है कि हर कोई अपने-अपने नज़रिए से चीजों को देख रहा है।

आगे की राह क्या है?

तो अब क्या? सरकार की योजनाएं काफी क्लियर लग रही हैं। ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियान जारी रहेंगे। अमरनाथ यात्रा 2024 की तैयारियां तो शुरू हो चुकी हैं। और बड़ी बात – कश्मीर को शांति और विकास का हब बनाने का लक्ष्य। इसके लिए infrastructure, education और tourism पर खास फोकस हो रहा है। अच्छी बात है, मगर असली चुनौती तो इन योजनाओं को जमीन पर उतारने की होगी।

मनोज सिन्हा का यह इंटरव्यू वाकई जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति को समझने में मददगार रहा। पर सवाल यही है न – क्या ये सभी योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहेंगी, या फिर कश्मीर घाटी वाकई में एक शांतिपूर्ण और समृद्ध क्षेत्र बन पाएगी? वक्त ही बताएगा।

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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