सुप्रीम कोर्ट ने चांदनी चौक पर जमकर बरसाया: ‘एक ईंट लगाने वाले की भी नहीं छोड़ेंगे!’
वाह! दिल्ली के मशहूर चांदनी चौक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा झटका दिया है कि MCD और बिल्डर्स दोनों की नींद उड़ गई है। कोर्ट ने साफ-साफ कह दिया – “अबकी बार एक ईंट भी गलत जगह लगी तो सीधे हवालात!” सच कहूं तो ये आदेश सुनकर मुझे लगा, शायद अब कुछ होगा। क्योंकि ये सिर्फ चांदनी चौक की बात नहीं, पूरी दिल्ली में अवैध निर्माण पर लगाम लगाने का मौका है। पर सवाल ये है कि क्या प्रशासन इसे सच में लागू कर पाएगा? वैसे कोर्ट ने MCD और पुलिस को खुली छूट दे दी है – अब देखना है कौन किसकी लेता है!
चांदनी चौक की कहानी: जगह नहीं, लालच ज्यादा!
असल में समस्या को समझना हो तो… चांदनी चौक तो वैसे ही टाइट शॉप्स और नर्क जैसे ट्रैफिक के लिए मशहूर है। लेकिन पिछले कुछ सालों में तो यहां बिल्डर्स ने ऐसा कहर बरपाया है जैसे जगह की कोई कमी ही न हो! मानो हर square inch पर पैसा कमाने की होड़ लगी हो। और हैरानी की बात ये कि ये सब पुलिस और MCD की नाक के नीचे होता रहा। कोर्ट ने पहले भी कई बार इशारा किया, पर कान तो अनसुना करने वाले ही थे। अब ये आदेश एक तरह से ‘लास्ट वॉर्निंग’ जैसा है।
कोर्ट ने क्या-क्या गजब फरमाया?
अब जरा कोर्ट के आदेश की खास बातें समझ लेते हैं। पहली और सबसे धमाकेदार बात – “गिरफ्तारी बिना वॉर्निंग!” यानी अब कोई बिल्डर या मजदूर अवैध निर्माण करते पकड़ा गया तो सीधे हथकड़ी। दूसरा, MCD और पुलिस को हर हफ्ते inspection करने का आदेश। और सबसे मजेदार – आम लोगों को whistleblower बनने को कहा गया है! मतलब अब तो आपके पड़ोसी की शिकायत पर भी किसी की दुकान गिर सकती है। थोड़ा खतरनाक लगता है न? पर शायद यही जरूरी था।
लोग क्या बोले? जानिए गर्मा-गर्म राय!
इस मामले पर राय अलग-अलग है। कुछ दुकानदार खुश हैं – “अब तो सांस लेने को जगह मिलेगी!” वहीं कुछ का कहना है – “पहले जमीन ही कहाँ दी सरकार ने?” MCD वालों ने तो बस औपचारिकता पूरी कर दी – “हम कोर्ट का आदेश मानेंगे”। पर असली मजा तो राजनीतिक दलों ने दिखाया। विपक्ष ने सीधे सरकार को घेर लिया – “कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा, यही बताता है सरकार की नाकामी!” सच कहूं तो ये सब देखकर लगता है, मुद्दा सुरक्षा का नहीं, वोट बैंक का है।
अब आगे क्या? क्या बदलेगा हालात?
तो अब सवाल ये है कि क्या वाकई कुछ बदलेगा? MCD के बाबू अचानक active हो जाएंगे? पुलिस वाले बिल्डर्स के खिलाफ खड़े हो पाएंगे? मेरा मानना है – शुरुआत में तो धमाकेदार एक्शन होगा। कुछ ढांचे गिरेंगे, कुछ नामी बिल्डर्स के खिलाफ केस दर्ज होंगे। पर फिर… हमारे यहां तो नियम बनाने और तोड़ने दोनों का सिलसिला चलता रहता है। एक बात तय है – अगर यहां सफलता मिली तो पूरी दिल्ली में इसकी गूंज सुनाई देगी। परन्तु… बड़ा ‘परन्तु’ ये कि क्या हम वाकई बदलाव चाहते हैं?
अंत में मेरी निजी राय: कोर्ट का ये कदम सराहनीय है, पर इसे सिर्फ चांदनी चौक तक सीमित न रखें। पूरी दिल्ली को सांस लेने का हक है। पर सच्चाई ये भी है कि जब तक हम आम लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं खड़े होते, कोर्ट के आदेश भी नोटिसबोर्ड पर ही लटके रह जाएंगे। क्या आपको नहीं लगता?
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com