भारत की नई साइबर डॉक्ट्रिन: अब डिफेंस नहीं, अटैक पर फोकस
अरे भाई, भारत ने तो हाल ही में साइबर सुरक्षा के मामले में एक बड़ा गेम-चेंजर मूव किया है! नई जारी हुई “Joint Doctrine for Cyberspace Operations” को देखकर लगता है कि अब हम सिर्फ बैठकर हमलों का इंतज़ार नहीं करेंगे। सच कहूं तो, यह डॉक्ट्रिन भारत को साइबर वॉरफेयर के मामले में एकदम नए लेवल पर ले जाएगी। अब हमारे पास दुश्मन देशों के radar, satellite, command system और power grid जैसी चीज़ों को ऑनलाइन ही नेस्तनाबूद करने की क्षमता होगी। बात साफ है – अब हमला भी हमारे प्लान का हिस्सा है!
पुरानी नीति से नए दृष्टिकोण की ओर
देखिए न, पहले तो हमारी साइबर स्ट्रैटेजी पूरी तरह defensive थी – बस दीवार खड़ी करो और हमले रोको। लेकिन अब तक का अनुभव क्या कहता है? China और Pakistan से होने वाले साइबर अटैक्स ने हमें सिखा दिया कि सिर्फ बचाव काफी नहीं है। बैंकिंग सिस्टम पर हमले, बिजली ग्रिड में गड़बड़ी… ये सब देखकर तो लगता है कि अब वक्त आ गया है जवाबी कार्रवाई का। और सुनिए, यह नई नीति तो हमारी परमाणु नीति के “No First Use” वाले सिद्धांत को भी चुनौती देती नज़र आती है। मतलब साफ है – साइबर स्पेस में अब नए नियम!
नई डॉक्ट्रिन के प्रमुख बदलाव
तो अब सवाल यह है कि इसमें नया क्या है? सुनिए:
- पहला तो यह कि Army, Navy और Air Force के साइबर कमांड को पहले से कहीं ज़्यादा मज़बूत किया जाएगा। जैसे कि सचिन के बल्ले से छक्का मारने जैसा!
- दूसरा, अब हम दुश्मन के critical infrastructure को टारगेट कर सकेंगे। मतलब उनके संचार नेटवर्क से लेकर सैन्य सिस्टम तक – सब पर निशाना।
- तीसरा और सबसे दिलचस्प – AI और machine learning की मदद से हम हमलों को पहले ही भांप लेंगे और तुरंत जवाब दे पाएंगे। जैसे कोई बॉलीवुड एक्शन सीन हो!
और हां, अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी अब हम साइबर वॉरफेयर के नियम बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
विशेषज्ञों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
अब defense experts क्या कह रहे हैं? उनका मानना है कि यह नीति भारत को “active defense” की तरफ ले जाएगी। मतलब अब हमारे पास सिर्फ ढाल नहीं, तलवार भी होगी! हालांकि, कुछ लोगों को डर है कि कहीं यह साइबर युद्ध को बढ़ावा तो नहीं देगी। पर सच पूछो तो, जब तक दूसरे देश हम पर हमला करते रहेंगे, तब तक हम सिर्फ बचाव ही करते रहें क्या?
अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी इस पर चर्चा कर रही है। कहा जा रहा है कि भारत अब America, China और Russia जैसी साइबर सुपरपावर की लीग में शामिल हो रहा है। बड़ी बात है यार!
भविष्य की दिशा और प्रभाव
तो आगे क्या? इस नई डॉक्ट्रिन के साथ भारत अब cyberspace में counter-attack की क्षमता विकसित करेगा। मतलब अब कोई भी देश हम पर हमला करने से पहले सौ बार सोचेगा! आने वाले समय में साइबर युद्ध के लिए विशेष टीमें बनाई जाएंगी। और सबसे अच्छी बात? यह बदलाव न सिर्फ हमारी सुरक्षा को मज़बूत करेगा, बल्कि हमें डिजिटल दुनिया में एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करेगा। जैसे कि कहावत है – “जो डर गया, समझो मर गया!”
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com