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ब्रिटेन का F-35 फाइटर जेट केरल में फंसा – क्या चल रहा है असल में?

अरे भई, 14 जून से केरल का तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट चर्चा में है। और वजह? एक ब्रिटिश F-35 फाइटर जेट जो यहाँ अटक गया है। सोचो न, दुनिया का सबसे एडवांस्ड स्टील्थ विमान, जिस पर करोड़ों डॉलर खर्च हुए होंगे, वो हमारे यहाँ पार्किंग में खड़ा है! मजे की बात ये कि तकनीकी गड़बड़ी की वजह से ये उड़ ही नहीं पा रहा। और हाँ, सबसे दिलचस्प सवाल तो ये कि एयरपोर्ट वाले ब्रिटिश नेवी से कितना पार्किंग चार्ज वसूल रहे होंगे? कम से कम 10,000 रुपये तो लगे ही होंगे दिन का!

पूरी कहानी क्या है?

देखिए, F-35 कोई आम विमान तो है नहीं। अमेरिका ने ब्रिटेन समेत कई देशों को ये बेचा है। पर भारत के किसी एयरपोर्ट पर ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई विदेशी फाइटर जेट इतने दिनों से फंसा हो। असल में क्या खराबी हुई है? किसी को पता नहीं। कोई कहता है सॉफ्टवेयर में बग है, कोई कहता है इंजन की दिक्कत। पर एक बात तय है – ये मामला सिर्फ तकनीकी नहीं, राजनयिक भी है। भारत और ब्रिटेन के रिश्तों पर इसका क्या असर पड़ेगा, ये तो वक्त ही बताएगा।

अभी तक क्या हुआ है?

तीन बड़ी बातें समझ लीजिए:
1. ब्रिटिश इंजीनियर अभी तक खराबी का पता नहीं लगा पाए – और हाँ, ये कोई मारुति 800 नहीं जो गैरेज वाला ठीक कर दे!
2. पार्किंग फीस का मामला – अरे, हमारे एयरपोर्ट्स तो किसी को नहीं छोड़ते। ब्रिटिश नेवी भी नहीं!
3. सबसे अहम – सुरक्षा। ये विमान तो टेक्नोलॉजी का खजाना है। भारतीय एजेंसियाँ इसे लेकर कितनी सतर्क हैं, ये तो आप अंदाजा लगा सकते हैं।

क्या कह रहे हैं दोनों देश?

ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय का कहना है – “हम भारतीय साथियों के साथ मिलकर समाधान ढूंढ रहे हैं।” यानी वो भी कन्फ्यूज्ड हैं। वहीं हमारे विदेश मंत्रालय ने इसे ‘रूटीन टेक्निकल इश्यू’ बताया है। पर विशेषज्ञ कह रहे हैं कि ऐसे मामलों के लिए बेहतर प्रोटोकॉल चाहिए। सच कहूँ तो, जब दो देशों की सेनाएँ साथ काम करती हैं, तो ऐसे विवाद तो आते ही हैं।

अब आगे क्या?

बड़ा सवाल ये कि अब क्या होगा? अगर जल्दी ठीक नहीं हुआ तो शायद इसे कार्गो प्लेन से वापस भेजना पड़े। पर ये प्रोसेस इतनी महँगी है कि सोचकर ही पसीना आ जाए! और हाँ, पार्किंग चार्ज का बिल तो बन ही रहा होगा। लॉन्ग टर्म में, इस घटना का असर अंतरराष्ट्रीय सैन्य उड़ानों पर पड़ सकता है। नए नियम बन सकते हैं। पर फिलहाल तो ये F-35 हमारे यहाँ ‘अतिथि देवो भव’ का पालन कर रहा है!

आखिर में, ये मामला सिर्फ एक विमान की खराबी से कहीं बड़ा है। ये हमें दिखाता है कि आधुनिक रक्षा तकनीक कितनी जटिल हो चुकी है, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में कितनी चुनौतियाँ आ सकती हैं। अब देखना ये है कि भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए क्या नए प्रोटोकॉल बनते हैं। पर फिलहाल तो… हैप्पी पार्किंग, F-35!

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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