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अखिलेश यादव की राजनीति असल में जाति के इर्द-गिर्द ही घूमती है: साक्षी महाराज का बयान

देखिए, UP की राजनीति में तो हर दिन कुछ न कुछ होता रहता है। लेकिन BJP के सांसद साक्षी महाराज ने आज जो बयान दिया है, वह सच में चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने सीधे-सीधे अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पूरी राजनीति की बुनियाद ही जातिवाद है। और सच कहूं तो, ये आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला कोई नया नहीं है। पर अभी जब चुनावी हवाएं शुरू होने वाली हैं, तो ये बयान किसी बड़े विवाद को जन्म दे सकता है।

पूरा मामला क्या है?

असल में बात ये है कि अखिलेश यादव और SP को लंबे समय से यादव और OBC वोट बैंक की पार्टी माना जाता रहा है। वहीं BJP हमेशा से इन पर जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाती आई है। अब सवाल यह है कि क्या ये सिर्फ राजनीतिक हथकंडा है या फिर इसमें कोई सच्चाई भी है? मेरा मानना है कि UP की राजनीति में जाति का फैक्टर कभी खत्म हुआ ही नहीं। और ये बयान तो बस उसी पुरानी लड़ाई का नया अध्याय है।

साक्षी महाराज ने क्या कहा?

एक जनसभा में उन्होंने बड़ा तीखा बयान दिया – “अखिलेश जी, आपकी पूरी सियासत सिर्फ जाति के हिसाब-किताब पर टिकी है। आप विकास की बात नहीं, बल्कि जातिगत भावनाएं भड़काकर वोट मांगते हैं।” सच कहूं तो ये भाषण BJP के लिए नया नहीं है। लेकिन टाइमिंग बहुत दिलचस्प है – ठीक उस वक्त जब चुनावी रणनीतियां बननी शुरू होती हैं।

किसने क्या रिएक्ट किया?

BJP वालों ने तो पूरा साथ दिया – “SP का तो पूरा इतिहास ही जातिवादी राजनीति का है।” SP की तरफ से जवाब आया – “BJP खुद को secular बताती है, लेकिन असल में वो तो…” आप समझ ही गए होंगे। विश्लेषकों की राय? वो कहते हैं ये सब चुनावी खेल है। BJP चाहती है कि SP को ‘सिर्फ जाति की पार्टी’ के तौर पर पेश किया जाए। Smart move है, है न?

अब आगे क्या?

मेरे ख्याल से तो ये विवाद और बढ़ेगा। SP और BJP के नेता TV debates में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते नजर आएंगे। Media में भी ये मुद्दा गर्म रहेगा। और हां, social media पर तो #JatiVaad और #UPPolitics ट्रेंड कर ही रहा होगा। पर सच तो ये है कि UP की जनता अब इन सबसे ऊब चुकी है। वो चाहती है विकास, रोजगार, बेहतर सुविधाएं… लेकिन क्या उन्हें मिल पाएगा?

आखिर में…

सच तो ये है कि जाति UP की राजनीति से कभी जाती ही नहीं। BJP हो या SP, सब इसका फायदा उठाना जानते हैं। पर सवाल ये है कि कब तक? अगले कुछ दिनों में ये मुद्दा और गर्म होगा, ये तो तय है। पर क्या जनता इस बार इन जातिगत समीकरणों से ऊपर उठकर सोच पाएगी? वक्त ही बताएगा।

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1. भाई, ये [Topic Name] आखिर है क्या चीज़?

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नोट: [Topic Name] और दूसरे placeholders को actual info से replace कर देना। ये structure रखा है ऐसा कि पढ़ने वाला ये महसूस करे कि कोई दोस्त बैठकर समझा रहा है, न कि कोई robotic article!

Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com

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