ट्रंप ने फिर छेड़ दी खेल! भारत पर नए टैरिफ, पाक जनरलों की ‘चुपके से घुसपैठ’ और जयशंकर का US दौरा – क्या है पूरा मामला?
सुबह-सुबह ही एक ऐसी खबर आई जिसने चाय की चुस्की लेते हुए भी सबकी नींद उड़ा दी। डोनाल्ड ट्रंप – वही जिनके बारे में आप सोच रहे हैं – ने भारत के खिलाफ नए टैरिफ की घोषणा कर दी है। अब सवाल यह है कि यह सिर्फ आर्थिक मोर्चे की बात है या कुछ और? क्योंकि इसी बीच दो और बड़ी खबरें हैं: पाकिस्तानी जनरलों की हमारी सीमा में ‘चोर-दरवाजे’ एंट्री की कोशिश (जो नाकाम हुई, वैसे) और हमारे विदेश मंत्री जयशंकर का अमेरिका दौरा। तीनों मामले आपस में कैसे जुड़े हैं? चलिए समझते हैं।
पहले ट्रंप वाला मामला: क्या यह सिर्फ व्यापार की बात है?
ट्रंप तो वैसे भी अपने ‘America First’ वाले मूड में ही रहते हैं। 2016-20 में भी उन्होंने ऐसे ही कई ऐलान किए थे। लेकिन अब टाइमिंग थोड़ी अजीब है न? जबकि भारत और अमेरिका टेक्नोलॉजी और डिफेंस में एक-दूसरे के सबसे करीब आ रहे हैं, ठीक इसी वक्त यह टैरिफ वाला बम!
एक तरफ तो हमारी IT कंपनियां अमेरिका में जॉब्स क्रिएट कर रही हैं, दूसरी तरफ यह टैरिफ का दबाव। थोड़ा कॉन्ट्राडिक्शन लगता है, है न? शायद यह सिर्फ 2024 के चुनावों से पहले ट्रंप का अपने वोटर्स को दिया जाने वाला ‘लॉलीपॉप’ हो।
पाकिस्तानी जनरलों की ‘घुसपैठ’: नई टैक्टिक्स या पुरानी आदत?
अब यह खबर… बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में! पाकिस्तानी जनरलों ने हमारी सीमा में घुसने की कोशिश की। पर हमारी सेना सोती थोड़ी न है! उन्हें पता था कि ऐसा हो सकता है। असल में यह कोई नई बात नहीं – पाकिस्तानी एस्टैब्लिशमेंट तो इसी में यकीन रखता है। ‘चोर दरवाजे’ से घुसो, अशांति फैलाओ, फिर मीडिया में ‘हम तो बेकसूर’ वाला रोना।
लेकिन इस बार एक अंतर है। हमारी इंटेलिजेंस ने पहले ही पकड़ लिया। सेना प्रमुख जनरल पांडे ने साफ कहा – “हम पूरी तरह अलर्ट हैं।” बस, इतना ही कहना काफी था।
जयशंकर का US दौरा: सबसे अहम पहलू
अब बात करते हैं इस पजल के सबसे इंटरेस्टिंग पीस की – हमारे विदेश मंत्री का अमेरिका दौरा। यह कोई रूटीन विजिट नहीं है। ट्रंप के बयान के ठीक बाद यह दौरा… संयोग? शायद नहीं।
यहां तीन बड़े एजेंडे हैं:
– डिफेंस डील्स (अमेरिकी हथियारों की खरीद पर चर्चा)
– टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (चीन को लेकर चिंताएं)
– और हां, ट्रंप के टैरिफ वाले मुद्दे पर सीधी बातचीत
ईमानदारी से कहूं तो यह दौरा हमारे लिए बहुत क्रिटिकल है। क्योंकि अगर ट्रंप 2024 में वापस आ गए, तो हमें उनके साथ लंबे समय तक काम करना पड़ेगा।
क्या होगा आगे? मेरा पर्सनल टेक
अब सवाल यह कि इन सबका अंत क्या होगा? मेरी राय में तीन संभावनाएं हैं:
1. ट्रंप फैक्टर: अगर वह वापस आते हैं, तो हमारे IT और फार्मा सेक्टर को झटका लग सकता है। लेकिन डिफेंस डील्स पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा – अमेरिका को भी हमारे पैसे चाहिए!
2. पाकिस्तानी ड्रामा: यह तो चलता रहेगा। लेकिन अच्छी बात यह है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियां अब पहले से ज्यादा अलर्ट हैं।
3. जयशंकर का मास्टरस्ट्रोक: यही सबसे दिलचस्प होगा। अगर वह अमेरिका को समझाकर टैरिफ वाले मुद्दे को हल कर लेते हैं, तो यह बड़ी जीत होगी।
फिलहाल तो यही कहूंगा – स्थिति गंभीर है, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं। भारत ने पहले भी ऐसे दौर देखे हैं। बस, इस बार हमारी तैयारी ज्यादा बेहतर है। आप क्या सोचते हैं? कमेंट में बताइएगा!
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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com