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“ICC का कड़ा नियम! इस खिलाड़ी को 7 दिनों के लिए प्रतिबंध, टीम को झेलना पड़ा भारी नुकसान”

ICC का नया नियम: सख्त या ज़रूरी? ब्रायन बेनेट पर 7 दिन का बैन और टीम की मुश्किलें

अरे भाई, WTC के इस नए सीज़न में ICC ने तो बड़ा ही सख्त रुख अपना लिया है! जिम्बाब्वे के बल्लेबाज़ Brian Bennett को अगले 7 दिनों के लिए बैन कर दिया गया है। पर सवाल यह है – क्या यह सही फैसला था? देखिए, मामला यह है कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच में Bennett को सिर पर Anrich Nortje की एक ज़ोरदार गेंद लगी। concussion के लक्षण दिखने पर वो retired hurt हो गए। और अब ICC के नए concussion protocol के चलते यह कार्रवाई। सच कहूं तो, ये नियम तो खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए बने हैं, लेकिन क्या ये टीम्स के लिए मुश्किलें भी पैदा कर रहे हैं?

असल में बात यह है कि ICC ने अपने concussion substitute rules को और भी सख्त बना दिया है। अब अगर कोई खिलाड़ी सिर पर चोट लेकर मैच छोड़ता है – तो उसे कम से कम एक हफ्ते तक रेस्ट करना ही होगा। Bennett के साथ भी यही हुआ। उस वक्त तो मैच में मेडिकल टीम ने ही उन्हें concussion की पुष्टि कर दी थी। पर सच पूछो तो, ये नियम कितना practical है? मतलब, अगर कोई खिलाड़ी एक दिन में ठीक हो जाए, तो भी 7 दिन का बैन?

और भई, इसका सीधा असर तो मैच के नतीजे पर पड़ा ही। Bennett के बिना जिम्बाब्वे की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 102 रन ही बना पाई। साउथ अफ्रीका को आसान जीत मिल गई। हालांकि जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने इस फैसले को मान लिया है, पर उनकी चिंता भी जायज़ है। ICC का कहना है कि ये नियम खिलाड़ियों की safety के लिए बनाया गया है – खासकर head injury के मामलों में। लेकिन क्या टीमों को इसकी कीमत चुकानी चाहिए?

क्रिकेट जगत की प्रतिक्रियाएं भी दिलचस्प हैं। जिम्बाब्वे के कप्तान ने कहा – “हां, Brian की कमी ने हमें कमज़ोर किया, लेकिन खिलाड़ी की सेहत सबसे ज़्यादा मायने रखती है।” वहीं साउथ अफ्रीका के कोच ने इस नियम की तारीफ़ करते हुए कहा – “बिल्कुल सही कदम है। Players की safety हमेशा पहले नंबर पर होनी चाहिए।” सच तो यह है कि head injuries के long-term effects के बारे में जागरूकता बढ़ने के साथ, ऐसे नियम और सख्त होते जाएंगे।

तो अब क्या? अगले 7 दिन तक Bennett नहीं खेल पाएंगे। जिम्बाब्वे को replacement player की तलाश करनी होगी। ICC ने कहा है कि वो इस नियम पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं। शायद आगे कोई changes भी आएं। पर एक बात तो तय है – modern cricket में players की safety सबसे ऊपर है। हां, ये टीम्स के लिए चुनौतियां पैदा करता है, लेकिन क्या खिलाड़ियों का long-term health इससे ज़्यादा important नहीं?

अंत में बस इतना ही – cricket evolve कर रहा है, और ऐसे नियम इसका हिस्सा हैं। चाहे हमें पसंद हो या न हो। क्या आपको लगता है ये नियम सही हैं? कमेंट में बताइएगा ज़रूर!

ICC का नया नियम और खिलाड़ी पर बैन: जानिए पूरी कहानी

अरे भाई, ICC ने तो इस बार बहुत सख्ती दिखाई है! एक बड़े खिलाड़ी को 7 दिनों के लिए बैन कर दिया। पर सवाल यह है कि क्या यह सजा काफी है या कम? चलिए, सारे पहलुओं पर बात करते हैं।

1. किस खिलाड़ी को लगा झटका?

तो बात यह है कि ICC ने [खिलाड़ी का नाम] को सीधे 7 दिनों के लिए बैठा दिया। वजह? कोड ऑफ कंडक्ट के नियम तोड़ना। और सच कहूं तो, इसकी कीमत टीम को चुकानी पड़ी – मैच हार गए वो भी बुरी तरह!

2. आखिर क्या गलती हुई?

देखिए, असल मामला यह है कि खिलाड़ी ने [नियम नंबर/नाम] को तोड़ा। मतलब क्या हुआ? [विवरण, जैसे- अंपायर से झगड़ा, बेहद गलत बर्ताव वगैरह]। ICC तो बस नियम के मुताबिक चल रही है, है न?

3. क्या यह बैन परमानेंट है?

नहीं यार, अभी तो बस 7 दिन की छुट्टी मिली है। पर सच बताऊं? अगर दोबारा ऐसा हुआ तो ICC हाथ नहीं रोकेगी। एक तरफ तो यह सही भी है – अनुशासन तो जरूरी है न!

4. टीम पर क्या असर पड़ा?

अरे भई, स्टार प्लेयर के बिना तो टीम की कमर ही टूट गई! [मैच/टूर्नामेंट का नाम] में उनका खेल देखकर लगा जैसे कुछ खास मिसिंग था। नतीजा? हार। बिल्कुल साफ-साफ।

तो यह थी पूरी कहानी। अब आप ही बताइए – क्या ICC का फैसला सही था? या फिर…? खैर, कमेंट्स में बताइएगा जरूर!

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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