“कर्नाटक में श्रीराम सेना के गोरक्षकों को पेड़ से बांधकर मारने वाले कौन? जानिए पूरा विवाद”

कर्नाटक में श्रीराम सेना के गोरक्षकों को पेड़ से बांधकर मारने वाले कौन? जानिए पूरा विवाद

कर्नाटक के बेलगावी से एक ऐसी खबर आई है जो सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो आग की तरह फैल रहा है, जिसमें श्रीराम सेना के कुछ लोगों को पेड़ से बांधकर बुरी तरह पीटा जा रहा है। ये नज़ारा देखकर सवाल तो उठता ही है – आखिर हुआ क्या था? असल में, ये पूरा मामला गायों को लेकर हुए झगड़े से शुरू हुआ। पुलिस ने तो मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन सच क्या है? वो अभी भी पूरी तरह साफ नहीं हुआ।

मामले की जड़: गोरक्षा या फिर कुछ और?

अब बात करते हैं इसकी पृष्ठभूमि की। श्रीराम सेना वाले कह रहे हैं कि वो गायों की illegal smuggling रोक रहे थे। पर स्थानीय लोगों की कहानी कुछ और ही है। उनका कहना है कि ये गोरक्षक बेवजह लोगों को परेशान कर रहे थे। सच किसके पक्ष में है? ये तो जांच ही बताएगी। लेकिन एक बात तो तय है – हिंसा किसी भी हाल में जायज़ नहीं। चाहे वो किसी भी पक्ष की हो।

वायरल वीडियो और पुलिस की धीमी प्रतिक्रिया

वीडियो तो आपने भी देखा होगा – वो भीषण दृश्य जहां लोगों को पेड़ से बांधकर मारा जा रहा है। सच कहूं तो, ये देखकर दिल दहल जाता है। पुलिस ने जांच तो शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि मामला ‘संवेदनशील’ है। पर सवाल ये है कि क्या संवेदनशील मामलों में कार्रवाई भी संवेदनशील होनी चाहिए?

राजनीति का खेल या असली मुद्दा?

अब तो राजनेता भी इस मामले में कूद पड़े हैं। कुछ गोरक्षकों के समर्थन में खड़े हैं तो कुछ स्थानीय लोगों के। सच तो ये है कि ऐसे मामलों में राजनीति करने वाले हमेशा ही मिल जाते हैं। लेकिन असली सवाल ये है कि क्या हिंसा से किसी समस्या का हल निकलता है? और क्या नागरिकों को खुद ही कानून अपने हाथ में ले लेना चाहिए?

आगे क्या? क्या बढ़ेगा तनाव?

अब सबकी नज़रें पुलिस जांच पर टिकी हैं। क्या सच सामने आ पाएगा? क्या दोषियों को सजा मिलेगी? पर एक डर ये भी है कि कहीं ये मामला सांप्रदायिक तनाव न बढ़ा दे। कर्नाटक सरकार के लिए ये एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में प्रशासन को बहुत संभलकर कदम उठाने होंगे।

अंत में बस इतना ही – हिंसा कभी समाधान नहीं होती। चाहे वो किसी भी पक्ष की हो। और कानून का शासन ही किसी भी समाज की नींव होता है। बाकी, समय ही बताएगा कि ये मामला किस दिशा में जाता है।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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