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AI युग में ऐड एजेंसियों की धीमी ग्रोथ: बार्कलेज की रिपोर्ट में बड़ी चेतावनी

AI युग में ऐड एजेंसियों की धीमी ग्रोथ: क्या ये बड़ी चेतावनी सच में वाजिब है?

देखिए, विज्ञापन दुनिया में इन दिनों एक बड़ी बहस छिड़ी हुई है। बार्कलेज की ताज़ा रिपोर्ट ने तो जैसे बम फोड़ दिया है – WPP, Publicis और Interpublic जैसी बड़ी कंपनियों को डाउनग्रेड कर दिया गया है। कारण? AI का बढ़ता कहर। लेकिन सच कहूं तो, यहां दोनों तरफ के तर्क हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि AI विज्ञापनों की दुनिया को उलट-पलट देगा, तो कुछ का मानना है कि यह नई संभावनाएं भी लाएगा। दिलचस्प है न?

पूरा मामला समझने के लिए थोड़ा पीछे चलते हैं

याद कीजिए पिछले कुछ सालों में कैसे डिजिटल मार्केटिंग ने पारंपरिक विज्ञापनों को पीछे छोड़ दिया। अब AI के टूल्स जैसे ChatGPT और DALL-E ने तो क्रिएटिविटी की परिभाषा ही बदल दी है। सच पूछो तो, मैं खुद कई बार सोचता हूं – क्या अब ऐड एजेंसियों का असली मूल्य बचा रहेगा? बार्कलेज तो काफी समय से इसकी चेतावनी दे रहा था, लेकिन अब यह रिपोर्ट सच में चौंकाने वाली है।

रिपोर्ट में क्या खास है? आइए समझते हैं

बार्कलेज ने तीनों बड़ी कंपनियों को ‘अंडरवेट’ कर दिया है। मतलब साफ है – इनके शेयरों से दूर रहो। उनका तर्क है कि AI की वजह से क्लाइंट्स अब खुद ही काम करने लगेंगे। लेकिन… और यहां एक बड़ा लेकिन है… कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि AI से पर्सनलाइज्ड विज्ञापनों का दौर आएगा, जो लंबे समय में मांग बढ़ाएगा। एक तरफ खतरा, दूसरी तरफ मौका। कंफ्यूजिंग है न?

इंडस्ट्री ने कैसे लिया इस रिपोर्ट को?

दिलचस्प बात यह है कि WPP और Publicis जैसी कंपनियां डिफेंसिव मोड में नहीं हैं। बल्कि वे कह रही हैं – “हमें AI से डर नहीं, बल्कि इसे अपनाना चाहिए।” सच कहूं तो, मुझे लगता है बड़ी कंपनियों के पास रिसोर्सेज हैं तो वे एडजस्ट कर लेंगी। असली मार तो छोटी एजेंसियों पर पड़ेगी। एक्सपर्ट्स की राय? “यह तो सिर्फ शुरुआत है। आगे बड़े बदलाव आने वाले हैं।”

तो आगे क्या होगा? मेरी निजी राय

मेरे ख्याल से अब AI को अपनाना सिर्फ एक ऑप्शन नहीं, बल्कि ज़रूरत बन चुका है। पर्सनलाइज्ड ads का तो जैसे गोल्डन एरा आने वाला है। और हां… अगले कुछ सालों में हम बहुत सारे M&A डील्स देखने वाले हैं। छोटी एजेंसियों के लिए तो यह सच में मुश्किल वक्त होगा। पर एक बात तय है – AI ने विज्ञापन दुनिया का गेम हमेशा के लिए बदल दिया है। अब देखना यह है कि कौन इस बदलाव के साथ तालमेल बिठा पाता है।

आपको क्या लगता है? क्या AI वाकई ऐड एजेंसियों के लिए खतरा है, या फिर एक नई संभावना? कमेंट में जरूर बताइएगा!

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Source: WSJ – US Business | Secondary News Source: Pulsivic.com

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