पाकिस्तान का ये नया खेल! बिलावल ने भारत के साथ आतंकवाद पर लड़ने की बात कही, पर क्या ये सच में मुमकिन है?
अरे भाई, कभी-कभी तो राजनीति में ऐसे-ऐसे मोड़ आते हैं कि सिर खुजलाने को मन करता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने हाल ही में एक अंतर्राष्ट्रीय मंच से ऐसा बयान दिया है जिसने सबको हैरान कर दिया। सुनकर लगा जैसे कोई बिल्ली ने ‘म्याऊं’ की जगह ‘भौंकना’ सीख लिया हो! उन्होंने भारत के साथ मिलकर आतंकवाद से लड़ने की बात कही है। और हां, कश्मीर मुद्दे को “लोगों की आकांक्षाओं” के हिसाब से सुलझाने की बात भी की। अब सवाल ये है कि क्या ये सच में कोई नई शुरुआत हो सकती है या फिर ये वही पुराना नाटक है जिसमें सिर्फ कॉस्ट्यूम बदला गया हो?
असल में देखा जाए तो बिलावल को तो हम भारतीय उसी तरह जानते हैं जैसे कोई बच्चा स्कूल के सबसे शैतान लड़के को जानता है। ये वही नेता हैं जो हमेशा भारत और PM मोदी पर तीखे हमले करते रहे हैं। अब अचानक ये U-turn? थोड़ा सस्पीशियस लगता है ना? खैर, पाकिस्तान का ये पहला मौका नहीं जब उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर सहयोग की बात की हो। लेकिन बिलावल जैसे नेता का ऐसा बयान… ये तो वैसा ही है जैसे कोई बाघ अचानक शाकाहारी हो जाए!
बिलावल के बयान की कुछ लाइन्स तो सच में उल्लेखनीय हैं – “आइए हम कश्मीर को वहां के लोगों की आकांक्षाओं के अनुसार हल करें।” वाह भई वाह! अब ये “आकांक्षाएं” वाली बात तो हमने पहले भी सुनी है। पर सच कहूं तो ये बयान जहां दिया गया, वो भी कम दिलचस्प नहीं। एक अंतर्राष्ट्रीय मंच, जहां कुछ ऐसे so-called experts भी मौजूद थे जिनके बारे में पहले से ही सवाल उठ रहे हैं। थोड़ा फिशी लगता है, है ना?
अब बात करें प्रतिक्रियाओं की तो… भारतीय analysts तो यही कह रहे हैं कि ये पाकिस्तान का वही पुराना “चालबाजी का खेल” है। वहीं पाकिस्तान में opposition ने तो बिलावल पर सीधे तौर पर “भारत के आगे घुटने टेकने” का आरोप लगा दिया। अंतर्राष्ट्रीय community ने इसे सकारात्मक कदम बताया है, पर ये भी कहा है कि असली परीक्षा तो तब होगी जब action दिखेगा। बिल्कुल सही बात! बातों से क्या होता है, काम दिखाओ भाई!
तो अब सबसे बड़ा सवाल – आगे क्या? क्या ये सच में कोई बदलाव ला पाएगा या फिर ये भी उन्हीं hollow statements में से एक है जिनका कोई अंत नहीं होता? मेरा मानना है कि अगर पाकिस्तान सच में आतंकवाद के मुद्दे पर ठोस कदम उठाता है (जैसे कि उनके अपने backyard से आतंकी ग्रुप्स को खत्म करना), तो शायद कुछ बदल सकता है। पर अभी तक तो… हम सब जानते हैं कि कहानी क्या है।
आखिर में बस इतना ही कहूंगा – बिलावल का ये बयान निश्चित रूप से headlines बटोर रहा है। पर जैसा कि हमारे यहां कहावत है – “जब तक देख न लूं, विश्वास नहीं करूंगा!” अभी तो ये सिर्फ शब्द हैं। असली परीक्षा तो तब होगी जब ground पर कुछ बदलता दिखे। तब तक के लिए… wait and watch!
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पाकिस्तान vs भारत: बिलावल के ‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई’ वाले बयान पर गर्मागर्म चर्चा
1. अचानक यह U-turn क्यों? पाकिस्तान अब भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ लड़ने को तैयार?
देखिए, बिलावल भुट्टो का यह बयान तो चाय की दुकान पर गपशप जैसा लगता है। एक तरफ तो वो भारत को आतंकवाद के खिलाफ साथ लड़ने की बात कर रहे हैं, लेकिन क्या यह सच में मुमकिन है? मेरा मानना है यह सिर्फ अंतरराष्ट्रीय दबाव में दिया गया एक diplomatic चाल है। वैसे भी, हम सब जानते हैं ना कि पाकिस्तान का track record क्या रहा है।
2. सवाल यह है कि भारत इस प्रस्ताव पर क्या प्रतिक्रिया देगा?
अभी तक तो दिल्ली से कोई official बयान नहीं आया है। पर मैंने कुछ experts से बात की तो उनका कहना है – “यार, पहले तो पाकिस्तान अपने घर का झाड़ू लगाए।” सच कहूं तो 26/11 के बाद से भारत का रुख बहुत clear है। Conditions तो रखेगा ही, वो भी ऐसी कि पाकिस्तान के लिए swallow करना मुश्किल हो जाएगा।
3. क्या सच में यह बयान relations improve कर पाएगा?
ईमानदारी से? मुझे तो नहीं लगता। Experts की राय पढ़ें तो लगता है यह सिर्फ एक media stunt है। असली परीक्षा तो तब होगी जब पाकिस्तान:
– भारत के खिलाफ आतंकवादी groups को support करना बंद करे
– 26/11 के मामले में सच्ची cooperation दिखाए
वरना ये सब बयानबाजी तो हमने पहले भी देखी है।
4. कम से कम short term में तो tension कम होगी ना?
हां, surface पर तो यह positive लगता है। पर जमीनी हकीकत? वही ढाक के तीन पात। Long term में कुछ बदलाव तभी दिखेगा जब:
– पाकिस्तान का behavior change होगा
– India को लगेगा कि यह सिर्फ दिखावा नहीं है
अभी तो हमें wait and watch ही करना पड़ेगा। पर उम्मीद तो बनाए रखनी चाहिए ना? कभी न कभी तो शुरुआत होगी ही!
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com