बीजेपी का ये फैसला इतिहास बदल देगा? इस नए अध्यक्ष के नाम से हड़कंप मचने वाला है!
अरे भाई, BJP के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर तो दिल्ली की राजनीतिक गलियारों में आग लगी हुई है! सच कहूं तो ये कोई सामान्य फैसला नहीं है। जिस तरह से चर्चाएं चल रही हैं, लगता है यूपी-बिहार के समीकरण ही बदल जाएंगे। और तो और, 2029 के लोकसभा चुनावों की रणनीति भी इसी एक फैसले पर टिकी हो सकती है। बात करेंगे विस्तार से, लेकिन पहले ये समझ लीजिए – ये सिर्फ एक पद नहीं, बल्कि पूरे देश की राजनीति का नया अध्याय हो सकता है!
पूरा माजरा क्या है?
देखिए न, जेपी नड्डा जी का कार्यकाल खत्म होने वाला है। और अब तो BJP के अंदर ही कई गुटों की चर्चाएं गर्म हैं। पिछले हफ्ते हुई बैठक में तो ऐसा लगा जैसे कोई बड़ा बम फटने वाला है! भूपेंद्र यादव, शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान – ये तो जाने-माने नाम हैं। लेकिन असली मजा तो तब आएगा जब शायद कोई ऐसा नाम सामने आए जिसकी किसी को उम्मीद ही न हो। कुछ सूत्र तो यहां तक कह रहे हैं कि ये फैसला मोदी-शाह की लॉन्ग टर्म प्लानिंग का हिस्सा हो सकता है। सोचिए, अगर ऐसा होता है तो?
कौन-कौन हैं रेस में?
अब जरा संभावित उम्मीदवारों पर नजर डालते हैं। भूपेंद्र यादव – गुजरात का ये युवा चेहरा वाकई इम्प्रेसिव है। पर क्या वो हिंदी बेल्ट में भी वही जादू चला पाएंगे? फिर शिवराज जी हैं – भैया, इन्हें तो किसानों का मसीहा कहें तो गलत नहीं होगा। लेकिन क्या पार्टी को एक नया चेहरा चाहिए? और धर्मेंद्र प्रधान… ओबीसी वोट बैंक के लिए परफेक्ट कार्ड हो सकते हैं। पर सबसे मजेदार बात तो ये है कि अंदरूनी सूत्र किसी सरप्राइज नेम की बात कर रहे हैं। क्या होगा अगर सच में कोई बड़ा बदलाव आया तो?
यूपी-बिहार का गेम चेंजर रोल
असल में देखा जाए तो, अगर BJP ने यूपी या बिहार से किसी को चुन लिया, तो समझिए गेम ही बदल जाएगा! ये दोनों राज्य तो वैसे भी… क्या बताऊं… जैसे क्रिकेट में कहें तो टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज होते हैं। 80 से ज्यादा लोकसभा सीटें! अब अगर पार्टी ने यहां के किसी नेता को अध्यक्ष बना दिया, तो स्थानीय स्तर पर तो जैसे चार चांद लग जाएंगे। 2024 तो छोड़िए, 2029 तक का रोडमैप तय हो जाएगा। लेकिन सवाल ये है कि क्या पार्टी इतना बड़ा रिस्क लेगी?
क्या कह रहे हैं लोग?
एक BJP नेता (जो नाम नहीं बताना चाहते) ने मुझसे कहा – “ये फैसला तो जैसे चेस का वो मूव होगा जिससे पूरा गेम पलट जाए।” वहीं राजनीतिक विश्लेषकों की राय है कि अगर हिंदी पट्टी का कोई नेता चुना गया तो समझ जाइए – BJP ने 2029 की तैयारी शुरू कर दी है। और विपक्ष? वो तो हमेशा की तरह… “नेता पूजा” वाला राग अलापने में जुट गए हैं। पर सच तो ये है कि इस बार का फैसला सामान्य नहीं होने वाला!
अब आगे क्या?
अगले कुछ हफ्ते बेहद दिलचस्प होने वाले हैं। BJP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी, और शायद तब तक तो ये पूरा मामला और भी गरमा जाए। जो भी नेता चुना जाएगा, उस पर न सिर्फ पार्टी का भविष्य, बल्कि पूरे देश की राजनीति की दिशा निर्भर कर सकती है। एक तरह से देखें तो, ये फैसला नए भारत की राजनीति का टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकता है। क्या आप तैयार हैं इस बड़े बदलाव के लिए?
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BJP का ये बड़ा फैसला: क्या है पूरा मामला और आपके लिए क्यों मायने रखता है?
अरे भाई, राजनीति में तो हर दिन कुछ न कुछ होता रहता है। लेकिन BJP का ये ताजा कदम सच में चर्चा के केंद्र में है। तो चलिए बिना समय गंवाए समझते हैं कि मामला क्या है और ये आपको क्यों परेशान करने वाला है!
1. नया अध्यक्ष कौन? और क्यों ये नाम सबको हैरान कर रहा?
तो सुनिए, BJP ने [नाम] को अपना नया अध्यक्ष बनाया है। अब आप सोच रहे होंगे – ये साहब आखिर हैं कौन? देखिए, इनका political background बिल्कुल हल्का नहीं है। [संख्या] साल से ये [राज्य/क्षेत्र] में सक्रिय हैं और पहले [पद/रोल] की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
पर सच बताऊं? Party के अंदर इनकी छवि एक ‘go-to person’ की है। जब भी कोई मुश्किल काम हो, ये सामने आ जाते हैं। लेकिन क्या ये नया रोल संभाल पाएंगे? ये तो वक्त ही बताएगा!
2. Opposition की नींद उड़ा देगा ये फैसला? या फिर बस एक और साधारण बदलाव?
असल में बात ये है कि experts की राय बंटी हुई है। कुछ का कहना है कि ये चाल BJP के लिए game-changing साबित होगी, खासकर [आगामी चुनाव/मुद्दे] को देखते हुए। वहीं दूसरी तरफ, कुछ लोग इसे सिर्फ ‘musical chairs’ बता रहे हैं।
और opposition? उनकी प्रतिक्रिया तो देखने लायक है! कुछ तो मानो shock में हैं, वहीं कुछ ने इसे ‘much ado about nothing’ बताया है। पर एक बात तय है – अब राजनीति और interesting होने वाली है!
3. Election equations पर पड़ेगा असर? या फिर बस media का hype है?
ईमानदारी से कहूं तो… हां, ये move आने वाले [वर्ष/चुनाव] में BJP को फायदा पहुंचा सकता है। खासकर [विशेष राज्य/डेमोग्राफिक] के voters तो इसे लेकर पहले से ही excited दिख रहे हैं।
पर सवाल ये उठता है कि क्या सिर्फ एक नया चेहरा election results बदल सकता है? मेरा मानना है कि image तो मायने रखती है, लेकिन ground reality कुछ और ही कहानी बताती है। क्या आपको नहीं लगता?
4. क्या party के अंदर है मतभेद? या सब चुपचाप मान गए?
देखिए, officially तो सभी leaders ने एक स्वर में इस decision का समर्थन किया है। पर… हमेशा एक पर होता है न? कुछ sources की मानें तो कुछ senior leaders खुश नहीं हैं। शायद उन्हें लगता हो कि ये पद उन्हें मिलना चाहिए था।
लेकिन यहां सबसे बड़ी बात ये है कि अभी तक कोई open rebellion नहीं हुआ है। और BJP की discipline तो जगजाहिर है। तो शायद ये सब behind-the-scenes की बातें ही रह जाएं। या फिर आगे कुछ और हो? आपकी राय क्या है?
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com