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“PAK PM के करीबी का बड़ा खुलासा: ‘ब्रह्मोस मिसाइल हमले को रोकने के लिए थे सिर्फ 30-45 सेकंड!'”

PAK PM के करीबी का बड़ा खुलासा: ‘ब्रह्मोस मिसाइल हमले को रोकने के लिए थे सिर्फ 30-45 सेकंड!’

अब ये कहानी सुनकर आपकी रूह काँप जाएगी। पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ के बेहद करीबी, राणा सनाउल्लाह ने एक ऐसा राज़ खोला है जो सुनने में तो हॉलीवुड थ्रिलर जैसा लगता है, लेकिन असलियत में ये हमारे आस-पास ही घटा। बताया जा रहा है कि 2022 में जब भारत ने रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर ब्रह्मोस मिसाइल दागी थी, तो पाकिस्तानी डिफेंस सिस्टम के पास जवाब देने के लिए… सुनिए… सिर्फ 30-45 सेकंड का वक्त था! यानी अगर आप एक मिनट का 60% हिस्सा गिनें, उतना समय। सोचिए, इतने कम समय में क्या-क्या गलत हो सकता था?

वो दिन जब सबकुछ 124 किलोमीटर तक बदल गया

मार्च 2022 की वो घटना अभी तक रहस्य बनी हुई थी। भारत ने जिसे “गलती से” फायर किया था, वो ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान की सीमा में 124 किलोमीटर अंदर तक चली गई। है ना डरावना? भारत ने बाद में माफी मांगी, पर पाकिस्तान का कहना था – “ये कोई छोटी-मोटी गलती नहीं, सीधा सुरक्षा उल्लंघन है।” और सच कहूँ तो, दोनों देशों के बीच तनाव का ये पहला मौका था जब accidentally एक परमाणु संपन्न देश ने दूसरे पर मिसाइल दाग दी।

30-45 सेकंड: जिसने सबको चौंका दिया

अब राणा सनाउल्लाह ने जो बताया है, वो तो और भी चौंकाने वाला है। पाकिस्तानी डिफेंस सिस्टम को इस मिसाइल को रोकने के लिए मिले थे सिर्फ 30-45 सेकंड! यानी आप अगर मोबाइल पर कोई रील देख रहे हों, उतना समय। उन्होंने सही कहा – अगर ये मिसाइल परमाणु हथियार ले जा रही होती…? खैर, सोचकर ही डर लगता है। अब सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान की air defense वाकई इतनी कमजोर है? या फिर ब्रह्मोस इतनी तेज़ है कि किसी के पास वक्त ही नहीं बचता?

विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं? जानिए असली बात

पाकिस्तानी defense experts तो मान ही चुके हैं कि ये घटना उनकी कमजोरियों को उजागर करती है। वहीं भारतीय विश्लेषकों का कहना है – “हमें तो पता था।” पर असली चिंता की बात ये है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में अब accidental nuclear war की चर्चा तेज हो गई है। क्योंकि दोस्तों, जब दो परमाणु संपन्न पड़ोसियों के बीच ऐसी गलतफहमियाँ हो सकती हैं, तो खतरा किसी एक देश का नहीं, पूरे क्षेत्र का है।

आगे क्या? क्या बदलेगा अब?

अब पाकिस्तान शायद अपनी air defense system को अपग्रेड करे। हो सकता है दोनों देशों के बीच communication protocols पर नई बातचीत शुरू हो। पर सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या 30-45 सेकंड की ये चेतावनी दुनिया के लिए पर्याप्त है? क्योंकि कभी-कभी तो हमें फोन का पासवर्ड डालने में भी इतना वक्त लग जाता है!

आखिरी बात: राणा सनाउल्लाह के इस खुलासे ने साबित कर दिया है कि दक्षिण एशिया की सुरक्षा व्यवस्था कितनी नाजुक है। एक तरफ पाकिस्तान की डिफेंस की कमियाँ, दूसरी तरफ भारत के साथ संबंधों की जटिलताएँ। पर सच तो ये है कि आज के दौर में जब हम 30-45 सेकंड में पूरी दुनिया में मैसेज भेज सकते हैं, तो क्या हम युद्ध रोकने के लिए इतना वक्त भी नहीं निकाल सकते?

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PAK PM के करीबी का ब्रह्मोस मिसाइल खुलासा – FAQs: जानिए पूरी कहानी

1. ब्रह्मोस मिसाइल हमले को रोकने के लिए सिर्फ 30-45 सेकंड क्यों थे?

सुनकर हैरानी होती है न? मगर असल में यही सच है। PAK PM के करीबी सूत्र बताते हैं कि ये छोटी सी time window दो चीजों की वजह से थी – missile की बेहिसाब speed और हमारे reaction time की कमी। देखिए, ब्रह्मोस कोई ordinary missile नहीं है। ये supersonic cruise missile है जो आपके पलक झपकते ही target तक पहुँच जाता है। सोचिए, अगर आपको सिर्फ 30 सेकंड में कोई बड़ा फैसला लेना हो तो? लगभग असंभव सा लगता है न?

2. क्या Pakistan के पास ब्रह्मोस मिसाइल को रोकने की capability है?

ईमानदारी से कहूँ तो… नहीं। Reports और experts की मानें तो Pakistan का air defense system इस level की speed से आ रहे missiles को handle करने के लिए तैयार नहीं है। एक तरफ तो हमारी missile technology है जो लगातार upgrade हो रही है, दूसरी तरफ उनकी defense system की limitations। सच कहूँ तो ये situation उनके लिए किसी nightmare से कम नहीं थी।

3. इस खुलासे से India-Pakistan tensions पर क्या असर पड़ सकता है?

अब यहाँ दिलचस्प बात ये है कि ये खुलासा किसी पुरानी बहस को फिर से जिंदा कर सकता है। दोनों देशों की military capabilities, उनकी तैयारियाँ – सब कुछ फिर से चर्चा में आ सकता है। कुछ experts तो यहाँ तक कह रहे हैं कि इससे region में एक नया arms race शुरू हो सकता है। पर सवाल ये उठता है – क्या हमें वाकई इस दिशा में जाना चाहिए?

4. ब्रह्मोस मिसाइल की speed और range कितनी है?

अरे भई, ये तो रॉकेट से भी तेज भागता है! सटीक कहूँ तो Mach 2.8 से Mach 3 (करीब 3,400 km/h) की रफ्तार से उड़ने वाला ये missile अब और भी खतरनाक हो गया है। क्यों? क्योंकि इसकी range अब 400-500 km तक पहुँच चुकी है। सोचिए, ये किसी भी target को कितनी आसानी से और कितनी तेजी से निशाना बना सकता है। एकदम ज़बरदस्त। सच में।

Source: Aaj Tak – Home | Secondary News Source: Pulsivic.com

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