मोदी का वो भाषण जिसने ‘रेड हाउस’ की याद दिला दी – आतंकवाद पर सीधी चोट!
अरे भाई, क्या बात है! प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद में जो बोला, वो सुनकर लगा जैसे सीधे दिल पर चोट कर गया। उन्होंने आतंकवाद को “मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन” बताया – और सच कहूँ तो, इससे बेहतर परिभाषा हो भी नहीं सकती। लेकिन यहाँ सिर्फ शब्द नहीं थे, बल्कि एक स्पष्ट संदेश था – अब बस हो गया। आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं।
असल में बात ये है कि त्रिनिदाद और टोबैगो कोई रैंडम देश नहीं है। वहाँ हमारे अपने लोग बसते हैं – हमारा खून-पसीना। मोदी जी की ये यात्रा सिर्फ फोटो ऑप के लिए नहीं थी। समय देखिए न – जब हमारी सीमाओं पर आतंकी घुसपैठ की कोशिशें हो रही हैं, तब ये बयान और भी मायने रखता है।
पर सबसे ज़ोरदार पल तो वो था जब उन्होंने कहा – “रेड हाउस ने आतंकवाद का दर्द देखा है।” अरे, ये सुनकर तो 2001 की वो भयानक तस्वीर याद आ गई न? जब हमारी संसद पर हमला हुआ था। लेकिन मोदी ने सिर्फ भारत की बात नहीं की – उन्होंने पूरी मानवता की बात की। और सच कहूँ तो, यही तो सही approach है। आतंकवाद किसी एक देश की नहीं, सबकी समस्या है।
रिएक्शन्स? वो तो मिले ही। कुछ विपक्षी नेताओं ने तारीफ़ भी की (हालांकि उन्हें कुछ न कुछ कहना ही होता है)। त्रिनिदाद के नेताओं ने भी पीएम के शब्दों को सराहा। अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इसे भारत के बढ़ते कद का प्रमाण बताया। पर सवाल ये है कि क्या सिर्फ बयानों से काम चलेगा?
अब आगे क्या? देखिए, इस भाषण के बाद दो चीज़ें clear हैं:
1. भारत और त्रिनिदाद के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ेगा
2. वैश्विक मंचों पर हमारी आवाज़ और तेज़ होगी
लेकिन असली टेस्ट तो अब शुरू होता है – क्या दूसरे देश सच में साथ आएंगे? या फिर ये सब फिर से सिर्फ कागज़ी घोषणाएँ रह जाएंगी?
मेरी निजी राय? मोदी ने सही कदम उठाया। पर अब कार्रवाई का वक्त है। बातें तो अच्छी हैं, लेकिन जमीन पर नतीजे चाहिए। और हाँ, ये भाषण इतिहास में जरूर याद किया जाएगा – एक ऐसा मौका जब भारत ने साफ़ कहा – “बस, अब और नहीं!”
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1. भईया, PM मोदी ने आखिर ‘रेड हाउस’ के बारे में क्या कह दिया?
देखिए, PM मोदी ने जो बात कही, वो सीधे दिल में उतर जाने वाली थी। उन्होंने ‘रेड हाउस’ को आतंकवाद के उन काले दिनों का गवाह बताया, जब मासूमों का खून बहाया गया। और सच कहूं तो, यह सिर्फ एक इमारत नहीं, हमारे इतिहास का एक ऐसा पन्ना है जिसे भूलना मुश्किल है।
2. अरे यार, ये ‘रेड हाउस’ है क्या चीज? और कहाँ मिलेगा ये?
वाह! सवाल तो बढ़िया पूछा। असल में ये दिल्ली का वही मशहूर ऐतिहासिक स्थान है जिसके बारे में हमने किताबों में पढ़ा है। लाल किले के पास वाली यह इमारत… जी हाँ, अंग्रेजों के जमाने में यहाँ क्रांतिकारियों को कैद करके रखा जाता था। कुछ-कुछ अंडमान के सेल्युलर जेल जैसा ही, समझ लीजिए।
3. सुनो, PM ने ये बयान दिया क्यों? कोई खास वजह?
अच्छा सवाल! दरअसल, ये बयान उस समय का है जब देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो रहा था। PM मोदी ने हमारे जवानों के बलिदान को याद करते हुए ये शब्द कहे। मतलब साफ है न – हमें अपने इतिहास से सीख लेते रहना चाहिए। वैसे भी, क्या आपको नहीं लगता कि ऐसी बातें याद दिलाना जरूरी है?
4. भई, इस पर लोगों ने क्या प्रतिक्रिया दी? मीडिया वाले तो जरूर उछाल रहे होंगे!
अरे बिल्कुल! सोशल मीडिया तो गरमा गया था जैसे गर्मियों में दिल्ली का चांदनी चौक। कुछ लोग तालियाँ बजा रहे थे – “शाबाश मोदी जी!” वहीं दूसरी तरफ, कुछ लोग इतिहास की किताबें खोलकर debate करने लगे। पर सच तो ये है कि बात चाहे जिस angle से हो, discussion तो होना ही चाहिए न? कम से कम लोग तो जागरूक हो रहे हैं!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com