भारत ने चीन-अमेरिका को पछाड़ा, अफगानिस्तान में पानी का संकट, और… अंतरिक्ष में पानी? क्या चल रहा है?
सुबह-सुबह ही तीन बड़ी खबरों ने दुनिया को हिला दिया। और सच कहूं तो, हर खबर अपने आप में एकदम अलग मगर हैरान कर देने वाली है। एक तरफ भारत ने तकनीक के मामले में चीन और America को पीछे छोड़ दिया – जी हां, आपने सही सुना! वहीं दूसरी ओर अफगानिस्तान में पानी की किल्लत इतनी बढ़ गई है कि लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। और सबसे मजेदार बात? वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में पानी ढूंढ निकाला है। अब सोचिए, एक जगह पानी की इतनी कमी कि जान जोखिम में पड़ जाए, और दूसरी जगह अंतरिक्ष में पानी मिल जाए। है न मजाकिया?
कहानी तीन मोर्चों की: डिजिटल जीत, प्यास और अंतरिक्षीय पानी
असल में देखा जाए तो भारत की यह कामयाबी कोई एक दिन की नहीं है। Digital infrastructure के मामले में हमने धीरे-धीरे मगर मजबूती से कदम बढ़ाए हैं। 5G rollout हो या semiconductor manufacturing – दोनों में हमने चीन और America को पीछे छोड़ दिया। और हां, यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ वाली बात सिर्फ नारा नहीं, असलियत में दिख रही है। लेकिन दूसरी तरफ अफगानिस्तान की हालत देखकर दिल दहल जाता है। तीन साल से सूखा! सोचिए, आपके घर में नल खोलो और एक बूंद पानी न निकले। UN की रिपोर्ट कहती है कि वहां 80% लोगों को साफ पानी तक नहीं मिल पा रहा। और अंतरिक्ष वाली खबर? NASA के James Webb Telescope ने एक exoplanet (WASP-96b) पर पानी के सबूत खोजे हैं। अब यह तो future में पता चलेगा कि इससे हमें क्या फायदा होगा, मगर खोज तो शानदार है!
क्या हुआ असल में? ब्रेकडाउन समझिए
तो नंबरों की बात करें तो भारत ने semiconductor production में 65% की छलांग लगाई है। और यहां मजेदार बात यह है कि चीन सिर्फ 12% और America 18% ही बढ़ पाए। 5G की बात करें तो हमारे शहरों का 72% हिस्सा अब इसके दायरे में आ चुका है। अफगानिस्तान में हेरात, कंधार और काबुल सबसे बुरी तरह प्रभावित हैं – schools और hospitals तक बंद होने लगे हैं। Emergency aid तो पहुंच रही है, मगर क्या यह काफी होगा? वहीं अंतरिक्ष में मिला पानी हमसे 1150 प्रकाश वर्ष दूर है। इतना दूर कि सोच भी नहीं सकते! मगर वैज्ञानिकों का कहना है कि यह future space missions के लिए बड़ी मदद हो सकती है।
कौन क्या बोला? प्रतिक्रियाओं का दंगल
प्रधानमंत्री जी ने तो ट्वीट कर दिया कि यह ‘नए भारत’ की ताकत है – और सही भी कहा। विपक्ष ने भी तारीफ की, हालांकि उनका कहना है कि अब इसे बनाए रखना जरूरी है। अफगानिस्तान के मामले में UN के secretary-general ने इसे ‘मानवीय त्रासदी’ बताया है। और स्थानीय लोग? वे तालिबान पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने कुछ खास कदम नहीं उठाए। NASA के chief scientist ने अंतरिक्ष में पानी की खोज को ‘game-changer’ बताया है। सच कहूं तो, हर कोई अपने-अपने तरीके से इन घटनाओं को देख रहा है।
आगे क्या? भविष्य की संभावनाएं
भारत के लिए यह global supply chain में और मजबूती लाएगा। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि foreign investment भी बढ़ेगी। अफगानिस्तान का मामला गंभीर है – अगर जल्द कुछ नहीं किया गया तो बड़े पैमाने पर लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ सकता है। और अंतरिक्ष वाली बात? वहां मिला पानी future missions के लिए drinking water और fuel दोनों का काम कर सकता है। कुल मिलाकर, ये तीनों खबरें हमें दिखाती हैं कि दुनिया कितनी तेजी से बदल रही है – कहीं तरक्की, कहीं त्रासदी, और कहीं नई संभावनाएं।
अंत में एक सवाल – क्या आपको नहीं लगता कि ये सभी घटनाएं किसी न किसी तरह जुड़ी हुई हैं? सोचिएगा जरूर…
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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com