AIMIM का महागठबंधन ऑफर और RJD का ‘ना’! बिहार की सियासत में नया धमाल?
अरे भई, बिहार की राजनीति तो इन दिनों मसालेदार होती जा रही है! 2025 के चुनाव की तैयारियों के बीच AIMIM ने महागठबंधन (वो वाला जिसमें RJD, कांग्रेस और वामदल शामिल हैं) में शामिल होने की इच्छा जताई। लेकिन RJD ने? उन्होंने तो ऐसा ठुकराया कि साथ ही एक अजीब सी शर्त भी रख दी – “हमारे साथ आना है तो चुनाव ही मत लड़ो!” सच कहूँ तो, ये मामला सिर्फ़ दो पार्टियों के बीच की टेंशन नहीं, बल्कि पूरे बिहार के राजनीतिक समीकरण को हिला देने वाला है।
पीछे का सच: AIMIM क्यों चाहती है बिहार में दखल?
देखिए न, पिछले कुछ सालों में AIMIM ने बिहार में अपनी जड़ें जमाने की पूरी कोशिश की है। खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों में। 2020 के चुनाव में उन्होंने 5 सीटें जीतकर सबको हैरान कर दिया था। अब सवाल ये है कि क्या RJD को डर है कि AIMIM के आने से उनका मुस्लिम वोट बैंक बँट जाएगा? क्योंकि असल में, महागठबंधन तो BJP+JD(U) को टक्कर देने के लिए बना है। लेकिन अगर उन्हीं के वोट कटने लगे, तो समझिए न…
Key Developments: प्रस्ताव से लेकर ठुकराव तक का सफर
कहानी कुछ यूँ है – AIMIM ने औपचारिक तौर पर महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव भेजा। RJD का जवाब? “धन्यवाद, लेकिन नहीं!” और साथ में ये शर्त भी कि चुनाव ही न लड़े। AIMIM ने इसे “अल्पसंख्यकों के साथ विश्वासघात” बताया। अब विश्लेषक कह रहे हैं कि इससे BJP को फायदा हो सकता है। क्योंकि जब गठबंधन में ही दरार दिखे, तो भला जनता कैसे भरोसा करेगी?
रिएक्शन्स: कौन क्या बोला?
RJD के एक नेता का कहना है, “हमें AIMIM की क्या ज़रूरत? हम तो पहले से ही strong हैं!” जबकि AIMIM वालों ने जवाब दिया, “RJD मुस्लिमों को ignore कर रही है। हम अपना रास्ता खुद बनाएँगे।” और BJP? वो तो मौके की निगाहबानी कर ही रही है! उनका कहना है, “देखा आपने? ये लोग एक साथ रह ही नहीं सकते।” आम जनता की राय भी दो हिस्सों में बँटी है – कुछ कह रहे हैं कि AIMIM के चलते वोट कटेंगे, तो कुछ इसे RJD की बड़ी भूल मान रहे हैं।
अब आगे क्या? चुनावी खेल बदल सकता है!
अब बड़ा सवाल ये है कि आगे क्या होगा? अगर AIMIM अकेले चुनाव लड़ती है, तो महागठबंधन को तगड़ा झटका लग सकता है। और ये तनाव BJP के लिए तो जैसे मौका लेकर आया है! एक्सपर्ट्स की मानें तो AIMIM अगर अलग से उतरेगी, तो कुछ सीटें जीतकर पूरा गणित बिगाड़ सकती है। JD(U) और कांग्रेस भी इस खेल में अपना रोल अदा करेंगे। देखना ये है कि ये सियासी चालें किसके हक में जाती हैं।
निष्कर्ष: बिहार की राजनीति में नया ट्विस्ट
सच तो ये है कि AIMIM और RJD की ये टकराहट बिहार की सियासत को नई दिशा दे सकती है। अगले कुछ महीनों में होने वाले फैसले चुनावी समीकरण को पलट सकते हैं। RJD अपने गठबंधन को मज़बूत दिखाने में लगी है, वहीं AIMIM भी पीछे हटती नहीं दिख रही। अब बस इंतज़ार है इस बात का कि बिहार की जनता इन सब राजनीतिक चालों पर क्या राय देती है। क्योंकि आखिरकार, जनता ही तो राजा है। है न?
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AIMIM ने RJD को क्या ऑफर दिया था? असल में क्या चाहते थे?
देखिए, मामला कुछ यूं है – AIMIM ने RJD को बिहार चुनाव में साथ मिलकर लड़ने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि क्या वाकई ये गठबंधन हो पाता? क्योंकि RJD ने तो इसे एक झटके में नकार दिया। और हां, इसके पीछे की वजह? RJD की अपनी अलग चाल है, वो पहले से ही कांग्रेस और लेफ्ट्स के साथ बनी हुई है। समझ रहे हैं न?
RJD ने AIMIM का ऑफर ठुकराया – पर सवाल ये है कि क्यों?
अब ये तो साफ है कि RJD को AIMIM के साथ जुड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। पर कारण? एक तो उनका अपना गठबंधन पहले से सेट था। दूसरा… और ये ज़रा सेंसिटिव है… AIMIM का बिहार में वो वाला ‘कनेक्ट’ ही नहीं है। मतलब, जनता के बीच उनकी पकड़ उतनी मजबूत नहीं। ईमानदारी से कहूं तो, RJD को ये रिस्क लेने का कोई फायदा नज़र नहीं आया। समझदारी की बात है, है न?
क्या ये कोई बड़ी साजिश थी? या फिर सामान्य सी राजनीति?
अरे भई! राजनीति में तो हर चीज़ को साजिश की नज़र से देखा जाता है। कुछ एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि ये बिहार के नए समीकरण बनाने की कोशिश हो सकती है। पर सच कहूं? अभी तक तो कोई ठोस सबूत नहीं है। हो सकता है ये बस एक रूटीन पॉलिटिकल मूव हो। वैसे भी, बिहार की सियासत में तो रोज़ नए ड्रामे होते रहते हैं!
चुनाव पर क्या पड़ेगा असर? क्या BJP को फायदा होगा?
अब ये तो दिलचस्प सवाल है! देखिए, एक पक्ष ये भी कह रहा है कि मुस्लिम वोट बंट सकते हैं। और अगर ऐसा हुआ तो… हां, BJP को फायदा हो सकता है। पर याद रखिए, बिहार की जनता बहुत समझदार है। अंतिम फैसला तो चुनाव प्रचार, मुद्दों और लोकल फैक्टर्स पर ही निर्भर करेगा। एक बात और – राजनीति में कुछ भी फाइनल नहीं होता, जब तक कि रिजल्ट आ न जाए!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com