प्रशांत महासागर में जलकर डूबा कारों वाला जहाज, EVs ले जा रहा था – पूरी कहानी
क्या हुआ था?
एक बड़ा समुद्री हादसा! प्रशांत महासागर में 600 फुट लंबा एक कार वाहक जहाज आग लगने के बाद डूब गया। असल में यह जहाज इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) समेत हजारों गाड़ियाँ लेकर जा रहा था। पूरा मामला 3 जून से चर्चा में था, जब आग लगने पर चालक दल को जहाज छोड़ना पड़ा। अब Experts इसके पर्यावरणीय और आर्थिक असर को लेकर चिंता जता रहे हैं।
कैसे हुआ यह हादसा?
जहाज के बारे में जानकारी
डूबने वाले जहाज का नाम ‘MV Felicity Ace’ था – लंबाई 600 फुट और वजन 60,000 टन! यह जापानी कंपनी का था और जर्मनी से अमेरिका जा रहा था। हैरानी की बात यह कि इसमें करीब 4,000 Vehicles लदे थे, जिनमें काफी संख्या में EVs भी शामिल थीं।
आग कैसे लगी?
3 जून को अचानक जहाज में आग लग गई। चालक दल को Emergency evacuation करना पड़ा। आग का सही कारण तो अभी पता नहीं, लेकिन कुछ Reports कह रही हैं कि EVs की Lithium-ion batteries ही इसकी वजह हो सकती हैं। खुशकिस्मती से सभी crew members को सुरक्षित बचा लिया गया।
आखिर कैसे डूबा जहाज?
आग लगने के बाद जहाज कई दिनों तक समुद्र में बिना कंट्रोल के तैरता रहा। Firefighters ने आग बुझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाए। आखिरकार 15 जून को यह विशालकाय जहाज पानी में समा गया।
जहाज में क्या-क्या था?
EVs का रोल
जहाज में Volkswagen, Porsche और Audi जैसी बड़ी कंपनियों के करीब 1,000 EVs लदे हुए थे। Experts की राय है कि इन EVs की Lithium-ion batteries ने ही आग को बढ़ावा दिया होगा, क्योंकि ये Batteries गर्म होने पर जल्दी आग पकड़ लेती हैं। यह घटना EVs के Transportation में Safety Measures पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
और क्या था जहाज में?
EVs के अलावा जहाज में normal cars और दूसरा सामान भी था। कुल मिलाकर नुकसान लगभग 500 मिलियन डॉलर का हुआ है। अभी बीमा कंपनियां इसका आकलन कर रही हैं।
इसका क्या असर होगा?
पर्यावरण पर मार
जहाज के डूबने से समुद्री जीवन को बड़ा खतरा है। जहाज का ईंधन लीक हो सकता है और EVs की Batteries से निकलने वाले केमिकल्स भी समुद्र के लिए बेहद खतरनाक हैं।
पैसे का नुकसान
Automobile Industry को तो बहुत बड़ा झटका लगा है। कंपनियों को अब Customers को late delivery के लिए compensate करना पड़ सकता है। Global Supply Chain पर भी असर पड़ेगा – कई Dealerships को अपने Orders Cancel करने पड़ सकते हैं।
अब क्या चल रहा है?
बचाव कार्य
चालक दल को तो सुरक्षित बचा लिया गया, लेकिन जहाज और उसका सारा माल डूब चुका है।
जांच क्या कह रही है?
जांचकर्ताओं का मुख्य Focus आग लगने के असली कारणों को पता लगाना है। वे जहाज की Safety Systems और EVs को ले जाने के तरीकों की जाँच कर रहे हैं। इस हादसे के बाद Shipping Industry में नए Safety Protocols आ सकते हैं।
आखिर में…
यह घटना Automobile Industry, Shipping Sector और Environment तीनों के लिए एक बड़ा सबक है। EVs को safe तरीके से transport करने के नए Guidelines बनाने होंगे। साथ ही, समुद्री हादसों से निपटने के लिए better Emergency Response Systems की जरूरत है।
लोगों के सवाल (FAQs)
1. जहाज में कितनी EVs थीं और किसकी थीं?
करीब 1,000 EVs थीं, जो Volkswagen Group की कंपनियों Porsche, Audi और Bentley की थीं।
2. आग की वजह क्या बताई जा रही है?
शुरुआती जांच में EVs की Lithium-ion Batteries को ही मुख्य वजह माना जा रहा है।
3. समुद्र को क्या नुकसान हो सकता है?
ईंधन के रिसाव और Batteries के केमिकल्स समुद्री जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
4. क्या EVs की बिक्री पर असर पड़ेगा?
Experts कहते हैं कि Delivery में देरी हो सकती है, पर long term में बिक्री पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।
5. आगे ऐसा न हो, इसके लिए क्या कर रहे हैं?
Shipping Companies अब EVs को ले जाने के नए Safety Protocols बना रही हैं, जिसमें Batteries को अलग तरीके से स्टोर करना शामिल है।
Source: WSJ – US Business | Secondary News Source: Pulsivic.com