ठाकरे-बीजेपी गठबंधन पर खतरे के बादल? या सिर्फ चुनावी दिखावा?
अरे भई, महाराष्ट्र की राजनीति तो हमेशा से ही मसालेदार रही है! लेकिन इस बार जो नाटक चल रहा है, वो किसी सीरियल से कम नहीं। ठाकरे परिवार के दोनों धड़े – एक तरफ राज ठाकरे की MNS, दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT)। ये लोग अचानक एक साथ क्यों दिखने लगे? असल में, ये सवाल हर किसी के मन में घूम रहा है।
हालांकि… और यहाँ एक बड़ा हालांकि आता है… क्या ये गठजोड़ सच में टिक पाएगा? देखिए ना, राज और उद्धव के तरीकों में जमीन-आसमान का फर्क है। एक तरफ राज की शैली है – सीधी, बिना लाग-लपेट की। वहीं उद्धव का अंदाज़ थोड़ा अलग है। तो फिर ये एकता कितनी असली है? चुनावी फायदे तक सीमित या कोई बड़ा खेल?
पारिवारिक कहानी: भाई-भाई में ठन गई!
इस पूरे ड्रामे को समझने के लिए थोड़ा पीछे जाना होगा। 2012 की बात है जब राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़ दी थी। वो दिन! क्या हंगामा हुआ था। तब से लेकर अब तक, दोनों भाइयों के रास्ते अलग-अलग हो गए थे।
अब एक मजेदार बात – राज ने पिछले कुछ सालों में बीजेपी के साथ गर्मजोशी दिखाई। वहीं उद्धव? उन्होंने तो बीजेपी से किनारा करके MVA गठबंधन को चुना। लेकिन अब… अचानक ये नया ट्विस्ट! कार्यकर्ताओं का दबाव? राजनीतिक मजबूरी? या फिर कोई और वजह?
हाल की घटनाएं: मीटिंग हुई, लेकिन…
पिछले कुछ हफ्तों से राजनीतिक गलियारों में सिर्फ एक ही चर्चा – राज और उद्धव की मुलाकात। बताया जा रहा है कि दोनों ने “महाराष्ट्र के हित” में एकजुट होने की बात कही। लेकिन यहाँ से कहानी और दिलचस्प हो जाती है।
बीजेपी तो मानो बैठी थी मुंह बाए – उन्होंने तुरंत इसे “मजबूरी का गठजोड़” बता दिया। और सच कहूँ? MNS के भीतर भी उद्धव के तेवरों को लेकर खुसुर-पुसुर शुरू हो गई है। कई लोगों को लगता है कि उद्धव का आक्रामक रुख उनके मूल एजेंडे से मेल नहीं खाता। क्या ये गठबंधन अंदर ही अंदर खटास पैदा कर देगा?
कौन क्या बोला? राजनीतिक रिएक्शन
अब सबसे मजेदार हिस्सा – विभिन्न दल क्या कह रहे हैं? राज ठाकरे ने साफ कहा – “सिद्धांतों से समझौता नहीं।” मतलब साफ है ना? वहीं शिवसेना (UBT) वाले इसे “जनता की जीत” बता रहे हैं।
लेकिन बीजेपी? उनका तो जैसे पारा चढ़ गया! उनके प्रवक्ता ने तीखा जवाब दिया – “डर का गठजोड़।” विश्लेषकों की राय? अगर सत्ता बंटवारे को लेकर स्पष्टता नहीं होगी, तो ये गठजोड़ ज्यादा दिन नहीं चलेगा। सच कहूँ तो, ये तो हर कोई समझ रहा है।
आगे क्या? भविष्य का क्रिस्टल बॉल
अब सबकी नजरें 2024 के लोकसभा चुनाव पर हैं। अगर ये गठजोड़ टिका रहा (बड़ा अगर है!), तो बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। पर यहाँ दो बड़ी रुकावटें हैं – एक तो विचारधारा का फर्क, दूसरा नेतृत्व को लेकर मतभेद।
और हाँ, बीजेपी भी बैठी नहीं है। वो MNS या UBT के नेताओं को अपनी तरफ खींचने की कोशिश कर सकती है। राजनीति है ना, यहाँ सब चलता है!
अंत में बस इतना – ये नया अध्याय अभी शुरुआती दौर में है। ठाकरे भाइयों की ये एकता चाहे जितनी भी नाजुक क्यों न हो, महाराष्ट्र की सियासत को गर्मा तो दिया है। अब देखना ये है कि ये गठजोड़ आगे क्या रंग दिखाता है। या फिर पुराने झगड़े फिर से सामने आ जाएँ? वक्त ही बताएगा!
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ठाकरे-बीजेपी गठबंधन: क्या सच में खत्म होने वाला है ये ‘प्यार’? (FAQ)
1. भईया, असल में क्या चल रहा है इन दोनों के बीच?
देखो, शिवसेना (उद्धव वाले) और BJP का ये रिश्ता अब वैसा नहीं रहा। जैसे कोई पुरानी शादी जहाँ हर बात पर झगड़ा होता हो। सीटों का बँटवारा, नीतियों पर ठन-ठन, और फिर उद्धव का गुस्सैल स्वभाव… BJP वाले तो चुपचाप बैठे हैं, लेकिन ये शांति कब तक? सच कहूँ तो, ये गठजोड़ अब डगमगा रहा है।
2. सवाल ये है कि क्या उद्धव साहब अब BJP का साथ छोड़ देंगे?
अरे, बातें तो बहुत कर रहे हैं उद्धव! TV पर BJP को लेकर ऐसे-ऐसे बयान कि सुनकर लगता है अब बस हो गया। पर हैरानी की बात ये कि अभी तक कोई ऑफिशियल ब्रेकअप नहीं हुआ। मेरे ख्याल से ये सब अपनी पार्टी के वोटरों को दिखाने का नाटक भी हो सकता है। राजनीति है भई, सब चाल चलते हैं!
3. BJP वाले इस पूरे ड्रामे को कैसे हैंडल कर रहे हैं?
BJP का स्टाइल देखो – ‘चुप रहो, सब्र करो’। खुलकर कुछ नहीं बोल रहे। शायद समझौते की कोशिश चल रही है, या फिर… (यहाँ थोड़ा कन्फ्यूजन है मुझे)। एक तरफ तो वो शिवसेना को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं, दूसरी तरफ अपने Plan B भी तैयार रखे हैं। स्मार्ट लोग हैं ये!
4. सबसे बड़ा सवाल: क्या महाराष्ट्र की सरकार फिर से गिरेगी?
अभी तक तो मामला इतना गरम नहीं हुआ। पर अगर ये लोग सुलह नहीं कर पाए तो… हालात बिगड़ सकते हैं। मगर सच बताऊँ? राजनीति में कुछ भी पक्का नहीं होता। कल को ये लोग फिर से गले मिल लें तो कोई हैरान नहीं होगा। चाय की चुस्की के साथ समझौता हो जाएगा!
क्या आपको लगता है ये गठबंधन टूटेगा? कमेंट में बताइएगा ज़रूर!
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com