Samsung का मुनाफा आधा: क्या US-China टेंशन और AI मेमोरी की देरी ने बिगाड़े पत्ते?
अरे भाई, Samsung के हाल ही के नतीजे देखकर तो लगता है जैसे कोई बड़ा धमाका हो गया हो! दक्षिण कोरिया की ये टेक जायंट इस साल सच में झटका खा गई है। साल की पहली तिमाही में कंपनी का मुनाफा पिछले साल के मुकाबले आधा रह गया – और ये कोई छोटी-मोटी बात नहीं है। असल में, दो बड़े कारण हैं इसके पीछे: एक तो US का चीन को AI चिप्स बेचने पर लगाया प्रतिबंध, और दूसरा Nvidia को मेमोरी सप्लाई में हुई देरी। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री वाले तो शायद अभी से पसीना बहा रहे होंगे!
50% गिरावट? भई, ये कैसे हुआ?
देखिए, Samsung दुनिया की टॉप मेमोरी चिप बनाने वाली कंपनियों में से एक है। पिछले कुछ सालों में तो AI और हाई-परफॉरमेंस कंप्यूटिंग की वजह से चिप्स की डिमांड आसमान छू रही थी। लेकिन अब…? अमेरिका ने चीन को एडवांस्ड AI चिप्स बेचने पर रोक लगा दी – और Samsung का एक बड़ा मार्केट ही सूख गया। उधर Nvidia को मेमोरी सप्लाई में टेक्निकल प्रॉब्लम्स आईं, तो सैमसंग को दोहरा झटका लगा। बेचारे!
नंबर्स क्या कहते हैं? (और वो भी डरावने!)
Samsung की लेटेस्ट फाइनेंशियल रिपोर्ट पढ़कर तो शेयरहोल्डर्स का दिल बैठ गया होगा। पिछली तिमाही के मुकाबले 50% गिरावट! मुख्य वजह? AI मेमोरी चिप्स की सेल्स में भारी गिरावट। एक्सपर्ट्स का कहना है कि Nvidia डील में हुई देरी की वजह से कंपनी को करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ है। और US के बैन की वजह से चीन को होने वाली सप्लाई तो लगभग ठप ही हो गई है। सच में, स्थिति गंभीर है।
कंपनी क्या कह रही है? और एक्सपर्ट्स की क्या राय?
Samsung के एक प्रवक्ता ने तो बड़ी डिप्लोमेटिक भाषा में कहा: “हम इन चुनौतियों से निपटने के लिए नई स्ट्रैटेजीज पर काम कर रहे हैं…”। मतलब साफ है – डैमेज कंट्रोल मोड में हैं। पर इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि ये संकट अगले कुछ तिमाहियों तक जारी रह सकता है, क्योंकि ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट में अनिश्चितता का माहौल है। हैरानी की बात तो ये कि Nvidia ने अभी तक इस मामले पर कुछ भी नहीं कहा है। क्या कोई गेम प्लान चल रहा है?
आगे की राह: चुनौतियां और संभावनाएं
अब Samsung क्या करने वाली है? पहला तो चीन मार्केट के लिए अल्टरनेटिव रूट्स ढूंढ रही है – शायद दूसरे एशियाई देशों के साथ पार्टनरशिप करे। दूसरा, Nvidia के साथ सप्लाई चेन को मजबूत करने पर जोर देगी। लेकिन यहां खतरा ये है कि अगर US-China टेंशन और बढ़ी, तो पूरी इंडस्ट्री को नुकसान हो सकता है। और हां, AI और मेमोरी चिप्स में कॉम्पिटिशन तेज होगा – जिसका मतलब है प्राइस वॉर और प्रॉफिट मार्जिन पर दबाव।
तो दोस्तों, ये कहानी अभी और भी मोड़ ले सकती है! अगर आप टेक इंडस्ट्री के ड्रामे में रुचि रखते हैं, तो बने रहिए हमारे साथ। क्योंकि अगले एपिसोड में… शायद कुछ और ही हो!
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Source: Livemint – Companies | Secondary News Source: Pulsivic.com