Sheen का IPO: असली मुद्दा क्या है, या सब कुछ झूठ का पुलिंदा?
अरे भाई, चीन का यह फास्ट-फैशन दिग्गज Sheen अचानक UK में IPO लाने की बात कर रहा है। सुनने में तो बड़ा शानदार लगता है, न? लेकिन जरा रुकिए… कंपनी की चुप्पी और उसके काले बक्से जैसे फाइनेंशियल्स देखकर तो लगता है कि कहीं यह सब धोखेबाज़ी तो नहीं? UK की Financial Conduct Authority (FCA) भी शायद यही सोच रही होगी – “अरे भई, इन्हें मंजूरी दूँ या इनकी असली कहानी जानने के लिए और जांच करूँ?”
कहानी की शुरुआत: गंदे कपड़े धूप में आएंगे?
देखिए, Sheen पर तो सालों से आरोपों की बारिश हो रही है – मजदूरों का शोषण, पर्यावरण को नुकसान, वगैरह-वगैरह। पर सबसे मजेदार (या डरावना?) बात यह है कि कंपनी ने कभी अपने असली नंबर्स दिखाए ही नहीं। ऐसा लगता है जैसे कोई बच्चा परीक्षा में नकल कर रहा हो और टीचर को शक भी हो रहा हो। UK सरकार ने तो खासकर चीनी कंपनियों के लिए नए सख्त नियम बना दिए हैं। अब यह IPO FCA के लिए एक तरह का ‘सत्य परीक्षण’ बन गया है।
अभी क्या चल रहा है?
FCA वाले तो Sheen के कागजातों को माइक्रोस्कोप से देख रहे होंगे। और भई, निवेशकों का क्या? वे तो कह रहे हैं, “पहले हमें पूरी जानकारी दो, फिर पैसा लगाने की बात करेंगे।” सबसे हैरानी की बात? Sheen की तरफ से कोई जवाब ही नहीं! ऐसे में तो सवाल और भी गंभीर हो जाते हैं। क्या यह कंपनी कुछ छुपा रही है? या फिर उन्हें लगता है कि “चुप रहो, सब ठीक हो जाएगा”?
लोग क्या कह रहे हैं?
एक्सपर्ट्स की राय साफ है: “यह IPO बहुत रिस्की है। FCA को पूरी जांच करनी चाहिए।” मानवाधिकार वाले तो और आगे बढ़कर कहते हैं, “यह पूरी कंपनी ही शोषण पर चल रही है!” निवेशक? वे तो बस यह जानना चाहते हैं कि आखिर यह कंपनी पैसा कमाती कैसे है। सच कहूँ तो, हर कोई Sheen से एक सीधा जवाब चाहता है।
अब आगे क्या?
अगर FCA हाँ कर दे, तो UK में चीनी कंपनियों के लिए नए दरवाजे खुल सकते हैं। पर अगर ‘ना’ सुनाई दे, तो Sheen को अमेरिका या एशिया की तरफ भागना पड़ सकता है। पर एक बात तो तय है – FCA का फैसला सिर्फ एक कंपनी के भविष्य से ज्यादा, पूरे नियामक ढांचे की मजबूती को दिखाएगा।
अंत में बस इतना – यह केवल पैसे की बात नहीं है। यह तो सच्चाई और ईमानदारी की परीक्षा है। FCA का फैसला आने वाले वर्षों तक याद रखा जाएगा। और हाँ, Sheen – अगर आप सच में कुछ छुपा रहे हो, तो याद रखो – सच्चाई एक दिन सामने आ ही जाती है।
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शेइन का IPO: जोखिम है या मौका? सच्चाई जान लीजिए!
1. भईया, शेइन का IPO इतना विवादित क्यों हो रहा है?
देखिए, सच तो यह है कि शेइन पर आरोपों का पिटारा खुल गया है। Human rights violations से लेकर factory में बेहद खराब working conditions तक – सब कुछ। और सबसे बड़ी बात? कंपनी चुप्पी साधे बैठी है। ऐसे में investors का भरोसा कैसे बने? सोचिए, अगर आपके पड़ोसी की दुकान पर ऐसे सवाल उठें, तो आप वहां से सामान लेंगे?
2. सवाल यह है कि क्या शेइन में पैसा लगाना चाहिए?
ईमानदारी से कहूं तो… यह थोड़ा जोखिम भरा फैसला हो सकता है। एक तरफ तो company का growth chart बहुत अच्छा दिखता है। लेकिन दूसरी तरफ, उनके ethical practices पर बड़े-बड़े सवाल हैं। मेरे एक दोस्त जो market analyst हैं, उनका कहना है – “पैसा डूबने का डर है, पर अगर risk ले सकते हो तो…”। समझ गए न?
3. अरे, पर ये ‘खामोशी’ वाली बात क्या है?
बिल्कुल सही पकड़ा आपने! असल में शेइन इन सारे आरोपों पर साफ-साफ जवाब ही नहीं दे रही। ऐसे में सवाल तो उठेंगे ही न? यह ऐसा ही है जैसे कोई student exam में cheating करे और teacher के पूछने पर चुप हो जाए। Trust… गया!
4. लोग कह रहे हैं ये मजाक है – सच क्या है?
भई, एकदम सीधी बात – मजाक नहीं है, पर आसान भी नहीं। देखिए न, company का past record… current controversies… सब कुछ मिलाकर ये high-risk high-reward वाली स्थिति बन गई है। मेरा मानना है? अगर आप risk ले सकते हैं और पूरी research करने को तैयार हैं, तो ही सोचें। वरना… दूर ही भला।
क्या आपको लगता है शेइन में invest करना चाहिए? कमेंट में बताइए!
Source: Financial Times – Companies | Secondary News Source: Pulsivic.com