जगुआर फाइटर जेट क्रैश: 5 महीने में तीसरा हादसा! भारतीय वायुसेना के सामने क्या है बड़ी चुनौती?

जगुआर फाइटर जेट क्रैश: 5 महीने में तीसरी त्रासदी! क्या ये भारतीय वायुसेना के लिए रेड अलर्ट है?

एक और जगुआर क्रैश… और दो और बहादुर जवानों की जान चली गई। राजस्थान के चुरू में हुआ ये हादसा सच में दिल दहला देने वाला है। सोचिए, एक routine training mission के दौरान अचानक विमान का नीचे आ गिरना… क्या ये सिर्फ एक दुर्घटना है या फिर कोई बड़ी समस्या की ओर इशारा? असल में, ये पिछले पांच महीनों में जगुआर का तीसरा major crash है। और हर बार की तरह इस बार भी सवाल उठ रहे हैं – क्या हमारे सुरक्षा मानकों (safety protocols) में कोई खामी है? या फिर ये पुराने हो चुके विमान अब हमारे बहादुर पायलटों के लिए खतरा बन गए हैं?

बूढ़े योद्धा की जंग: टेक्नोलॉजी vs उम्र

जगुआर को देखकर लगता है जैसे कोई बूढ़ा शेर हो – एक जमाने में जिसकी दहाड़ से दुश्मन कांपते थे, लेकिन अब…? 1970s के दशक से भारतीय वायुसेना की शान रहे इस France-भारत संयुक्त उत्पादन विमान की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। इसी साल जनवरी में गुजरात और मार्च में राजस्थान में दो और हादसे हो चुके हैं। उनमें तो पायलट्स eject करके बच गए थे, मगर इस बार… ईमानदारी से कहूं तो, spare parts की किल्लत और पुरानी टेक्नोलॉजी की मार झेल रहे इन विमानों पर सवाल उठना लाजमी है। क्या अब वक्त आ गया है इन्हें संग्रहालय में रख देने का?

चुरू ट्रैजेडी: जब आसमान से गिरा ‘आयरन बर्ड’

कल्पना कीजिए – एक शांत सुबह, चुरू के agricultural fields में काम कर रहे किसानों के सामने अचानक आग का गोला गिरता दिखाई देता है। विमान इतनी जोर से टकराया कि 10 किलोमीटर दूर तक लोगों ने धमाका सुना। स्थानीय लोग बताते हैं कि आग की लपटें आसमान छू रही थीं। और सबसे दुखद? विमान में सवार दोनों पायलट्स… experienced officers… जिनके बारे में अभी तक ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। वायुसेना ने Court of Inquiry गठित कर दी है, लेकिन सवाल ये है कि क्या ये जांच पिछले कई हादसों से अलग होगी? या फिर रिपोर्ट की फाइलें भी धूल खाने के लिए अलमारियों में बंद हो जाएंगी?

दिल दुखाने वाली प्रतिक्रियाएं

रक्षा मंत्रालय ने ‘गहरा दुख’ जताया है… पर क्या दुख जताने भर से काम चलेगा? वायुसेना प्रमुख का वो बयान – “हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता…” – ये सब हम पहले भी सुन चुके हैं। एक retired air marshal ने नाम न छापने की शर्त पर कहा भी – “अब बस करो यार! इन जगुआर को retire करो।” Defense analysts की राय साफ है – ये कोई सामान्य हादसा नहीं, बल्कि एक wake-up call है जिसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।

आगे का रास्ता: पुराने को छोड़ें या पैसे बचाएं?

अब सबकी नजरें Court of Inquiry पर टिकी हैं। पर सच कहूं तो, हम सब जानते हैं कि रिपोर्ट में क्या लिखा आएगा। असली सवाल ये है कि क्या हमारी सरकार पुराने जगुआर को Tejas या अन्य modern aircrafts से replace करने के लिए तैयार है? क्योंकि यहां दो चीजें टकरा रही हैं – एक तरफ सुरक्षा, दूसरी तरफ बजट। और अफसोस की बात ये है कि अक्सर बजट ही जीत जाता है। अगले defense budget meeting में ये मुद्दा जरूर उठेगा, पर क्या कोई ठोस नतीजा निकलेगा?

अंतिम सच: वक्त आ गया है फैसले लेने का

चुरू की ये घटना सिर्फ एक क्रैश नहीं, एक सिस्टम की विफलता की कहानी है। हर बार की तरह इस बार भी हम शोक संदेश देकर आगे बढ़ जाएंगे या फिर सच में कुछ बदलाव करेंगे? हमारे पायलट्स की जानें सस्ती नहीं होनी चाहिए। शायद वक्त आ गया है जब हमें अपने aging fleet को emotional attachment से अलग करके देखना होगा। क्योंकि सच तो ये है – एक पुराना विमान संग्रहालय की शोभा बढ़ा सकता है, लेकिन आसमान में उड़ान भरते हुए ये जानलेवा साबित हो सकता है।

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जगुआर फाइटर जेट क्रैश – वो सवाल जो आप पूछना चाहते हैं

1. आखिर क्यों गिरा जगुआर फाइटर जेट?

सच कहूं तो अभी तक कोई official जवाब नहीं है। पर हमारे वायुसेना के कुछ दोस्तों की मानें तो… या तो technical गड़बड़ी थी, या फिर human error। हो सकता है maintenance में कोई कोताही रह गई हो। अभी investigation चल रहा है, तो जल्दबाजी में निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं।

2. क्या ये पहली बार हुआ है? या फिर…?

अरे भाई, सच तो ये है कि पिछले 5 महीने में ये तीसरा मामला है! है ना चौंकाने वाली बात? लगातार हो रहे ये हादसे जगुआर जेट्स की हालत पर सवाल खड़े कर रहे हैं। सच कहूं तो मुझे भी चिंता हो रही है।

3. क्या जगुआर जेट्स अब ‘बूढ़े’ हो चुके हैं?

देखिए, इन जेट्स का हमारी वायुसेना में बहुत योगदान रहा है। पर सच्चाई ये है कि ये अब उतने effective नहीं रहे। जैसे आपका पुराना स्मार्टफोन… चल तो रहा है, पर नए apps support नहीं करता। ठीक वैसे ही इन्हें serious upgrades की जरूरत है।

4. वायुसेना इन हादसों को रोकने के लिए क्या कर रही है?

अच्छा सवाल पूछा! पहला कदम तो ये कि सभी जगुआर जेट्स की जांच हो रही है। और अच्छी खबर ये कि नए खिलौने (मतलब जेट्स!) आ रहे हैं – Tejas और Rafale जैसे modern fighter jets। थोड़ा सब्र रखिए, सुधार होगा।

एक बात और… ये सिर्फ मशीनों की बात नहीं है। हमारे बहादुर पायलट्स की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है। सच कहूं तो।

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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