हौथियों का हमला और एक डूबता हुआ जहाज – क्या ये वाकई सिर्फ एक घटना है?
अरे भाई, लाल सागर में तो इन दिनों हालात बड़े ही गर्म हैं! हौथी आतंकियों ने ग्रीक कंपनी के कार्गो जहाज “Eternity C” पर जो हमला किया, उसने पूरे समुद्री व्यापार जगत को हिलाकर रख दिया। सच कहूं तो, मिसाइल हमले में जहाज के डूबने से ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि उसके पास war risk insurance ही नहीं था! अमेरिकी बीमा कंपनी Travelers ने तो साफ मना कर दिया था, और अब? जहाज मालिकों की तो बंटी ही गई।
लाल सागर: जहां हर रोज नया डर
यार, पिछले कुछ महीनों से यमन के हौथी विद्रोहियों ने तो जैसे लाल सागर को अपना प्लेग्राउंड बना लिया है। “Eternity C” जैसे bulk carrier (यानी बड़े मालवाहक जहाज) तो अब इस रूट पर चलने से पहले सौ बार सोचेंगे। अंतरराष्ट्रीय नियम कहते हैं कि युद्धग्रस्त इलाकों में war risk insurance जरूरी है, लेकिन सच ये है कि बीमा कंपनियां भी तो अपना गणित लगाती हैं ना? जब जोखिम आसमान छूने लगे, तो भला कौन कवर देगा?
हमले के बाद: जहाज डूबा, सवाल उभरे
हौथियों की मिसाइल ने न सिर्फ जहाज को तबाह किया, बल्कि पूरे समुद्री बीमा उद्योग को एक झटके में जगा दिया। सोचो, अगर war risk cover नहीं है तो फिर? बस, आपका नुकसान आपका! ये केस तो उन सभी जहाज मालिकों के लिए एक सबक है जो “चलता है यार” कहकर बिना बीमा के जहाज भेज देते हैं।
किसने क्या कहा? – प्रतिक्रियाओं का दंगल
जहाज मालिकों का बयान तो पढ़कर दिल दहल गया: “कितनी बार मनुहार की, पर बीमा कंपनी ने साफ इनकार कर दिया। अब? करोड़ों डॉलर पानी में!” वहीं Travelers का जवाब भी कम दिलचस्प नहीं: “हमारे लिए सुरक्षा पहले, लाल सागर का रिस्क लेवल ही इतना ज्यादा था।” IMO (अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन) वाले तो अब हाथ-पैर मार रहे हैं, लेकिन क्या वाकई कुछ हो पाएगा?
आगे क्या? – समंदर में तूफान के आसार
अब तो लगता है समुद्री बीमा की दुनिया ही बदल जाएगी। बीमा कंपनियां अब और भी ज्यादा सख्त होंगी – premium इतनी बढ़ जाएगी कि जहाज मालिकों के पसीने छूट जाएं! विकल्प? या तो बेहिसाब पैसा खर्च करो, या फिर अफ्रीका का लंबा चक्कर लगाओ। राजनीतिक स्तर पर भी अब हौथियों पर दबाव बढ़ेगा, पर क्या वाकई कोई असर होगा? शक तो है।
देखिए, ये सिर्फ एक जहाज डूबने की कहानी नहीं है। ये तो पूरी global supply chain की कमजोरी की कहानी है। जब तक लाल सागर जैसे हॉटस्पॉट्स पर सुरक्षा नहीं होगी, तब तक… खैर, आप समझ ही गए होंगे। सच तो ये है कि अब हर जहाज मालिक को दो बार सोचना होगा – क्या ये रिस्क लेना वाकई worth it है?
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आखिर हौथियों ने इस कार्गो जहाज को डुबोया ही क्यों?
देखिए, असल में ये पूरी स्ट्रेटजी का हिस्सा है। हौथी आतंकी Red Sea और Gulf of Aden में Israel से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहे हैं – ठीक वैसे ही जैसे कोई शतरंज में मोहरे चलता है। उनका मकसद साफ है: Israel और उसके साथियों को आर्थिक और सैन्य तौर पर घुटने टिकवाना। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये तरीका वाकई काम करेगा?
कार्गो जहाज का बीमा नहीं था? सच में?
हद है ना? Reports तो यही कह रही हैं कि ये जहाज बिना insurance के ही समंदर में उतर गया था। अब मालिकों को करोड़ों का चूना लगा – ठीक वैसे ही जैसे बिना हेलमेट बाइक चलाने वाले को चोट लग जाती है। क्या ये लापरवाही थी या फिर कोई और वजह? सोचने वाली बात है।
इस घटना से global trade पर क्या गाज गिरेगी?
एक तरफ तो Red Sea के trade routes पहले से ही खतरनाक थे, अब तो जैसे आग में घी डाल दिया गया हो। Shipping costs आसमान छूने वाले हैं, supply chain की हालत और खराब होगी – और हाँ, कंपनियाँ अब alternative routes ढूंढने में जुट गई हैं। पर सवाल ये कि क्या वाकई कोई सुरक्षित रास्ता बचा है?
हौथियों के खिलाफ अब क्या होगा?
अमेरिका और उसके allies ने तो जैसे जंग का ऐलान कर दिया है – military action से लेकर financial sanctions तक सब कुछ चल रहा है। United Nations भी पीछे नहीं है, हमलों की खूब निंदा की जा चुकी है। पर ईमानदारी से कहूँ तो क्या ये सब काफी होगा? ये तो वक्त ही बताएगा।
एक बात तो तय है – ये मामला सिर्फ एक जहाज डूबने तक सीमित नहीं है। असल में ये… समंदर में उठती एक और बड़ी लहर का संकेत है। सच कहूँ तो?
Source: Financial Times – Companies | Secondary News Source: Pulsivic.com