delivery boy liquor smuggling racket

“डिलीवरी बॉय से शराब तस्कर तक: ₹30,000 ट्रिप पर बैग-बाइक से चलता है यह अवैध धंधा!”

डिलीवरी बॉय से शराब तस्कर तक: ₹30,000 की एक ट्रिप और बाइक-बैग वाला ये ज़बरदस्त धंधा!

दिल्ली पुलिस ने हाल ही में एक ऐसा शराब तस्करी रैकेट पकड़ा है जिसे सुनकर आपका मुंह खुला का खुला रह जाएगा। सोचिए – डिलीवरी बॉय के भेस में शराब की सप्लाई? सच में! ये मामला तो किसी वेब सीरीज की पटकथा लगता है, लेकिन असलियत यही है। पुलिस ने जब छापे मारे तो पता चला कि ये लोग हरियाणा से सस्ती शराब खरीदकर दिल्ली में बेच रहे थे। और यहाँ तो हर ट्रिप पर उनकी जेब में ₹30,000 तक का मुनाफा आ रहा था। क्या बात है न?

ये धंधा इतना फला-फूला कैसे?

असल में बात बहुत सीधी है। दिल्ली और हरियाणा के बीच शराब के दामों में जमीन-आसमान का फर्क है। हरियाणा में जहां एक बोतल ₹200 में मिल जाती है, वहीं दिल्ली में वही ₹500-600 तक पहुँच जाती है। टैक्स का खेल है भाई! और इन चालाक तस्करों ने इसी फर्क को अपना गोल्डन चांस समझ लिया।

पर सवाल ये उठता है कि इतने दिनों तक पकड़े क्यों नहीं गए? तो जनाब, इन्होंने तो पूरा एक स्मार्ट सिस्टम ही बना लिया था। डिलीवरी बॉय की यूनिफॉर्म पहनो, बाइक पर नॉर्मल दिखने वाला बैग रखो – जिसमें शराब छिपी हो – और चल पड़ो शहर की सड़कों पर। कोई शक ही नहीं करता! और तो और, इन्होंने ऑनलाइन ऑर्डर सिस्टम भी बना रखा था। मतलब ग्राहक फोन या एप से ऑर्डर देता और ये “डिलीवरी बॉय” सामान पहुँचा देते। एकदम ज़बरदस्त। सच में।

पुलिस ने कैसे पकड़ी इनकी चाल?

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जब इस पर काम शुरू किया तो पूरा खेल ही उलट दिया। छापे पड़े, कई जगहों से ये नकली डिलीवरी बॉय पकड़े गए। और जब इनके बैग खोले गए तो? बस, गेम ओवर! शराब के ढेर सारे स्टॉक मिले। पुलिस के मुताबिक ये कोई छोटा-मोटा गिरोह नहीं बल्कि पूरा ऑर्गनाइज्ड नेटवर्क था।

इधर लोकल लोग भी खुश हैं। एक रहने वाले ने तो यहाँ तक कहा – “हमें तो पहले से ही शक था। ये लोग बाइक पर बैग लेकर आते-जाते थे, पर बात-चीत में कुछ अजीब सा लगता था।” सच कहूँ तो, ऐसे मामलों में आम लोगों की सतर्कता भी बहुत मायने रखती है।

अब आगे क्या?

अभी तो पुलिस इस रैकेट के बड़े मछलियों को पकड़ने में जुटी है। क्योंकि ये सिर्फ कुछ लड़के नहीं, बल्कि पूरा एक सिस्टम है जो चल रहा था। अब प्लान ये है कि डिलीवरी कंपनियों के साथ मिलकर काम किया जाए। साथ ही हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर चेकिंग और सख्त होगी।

पर सच तो ये है कि ऐसे केस हमें बताते हैं कि अपराधी हमेशा नए-नए तरीके ढूंढ़ते रहते हैं। पुलिस ने इस बार तो रैकेट को तोड़ दिया, लेकिन भविष्य में और सतर्क रहने की ज़रूरत है। और हाँ, हम जैसे आम लोगों को भी आँखें खुली रखनी चाहिए। क्योंकि कभी-कभी तो डिलीवरी बॉय भी असल में… खैर, आप समझ गए न!

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डिलीवरी बॉय से शराब तस्कर तक: ₹30,000 कमाने वाला यह खतरनाक खेल – जानिए सबकुछ

1. डिलीवरी बॉय कैसे बन जाते हैं शराब तस्कर?

देखिए, यहां पूरा गेम delivery system का फायदा उठाने का है। जिस बाइक और बैग को ये लोग रोजमर्रा के काम में इस्तेमाल करते हैं, वही चीजें illegal काम के लिए टूल बन जाती हैं। सोचिए, एक normal डिलीवरी बॉय को ₹300-500 मिलते हैं, और यहां एक ट्रिप में ₹30,000 तक! लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है – जान का खतरा और जेल की हवा खाने का डर।

2. पुलिस कैसे पकड़ती है ऐसे तस्करों को?

असल में, पुलिस के पास कई तरीके हैं। पहला तो यह कि delivery documents में गड़बड़ी – थोड़ा सा भी शक हुआ और खेल खत्म। दूसरा, informers का नेटवर्क – ये लोग किसी भी suspicious movement को तुरंत रिपोर्ट कर देते हैं। और तीसरा, सबसे मजेदार – कई बार ये बेवकूफ बाइक पर इतना ज्यादा वजन लाद लेते हैं कि चलते-चलते ही पकड़े जाते हैं। बिल्कुल फिल्मी सीन जैसा!

3. क्या डिलीवरी बॉय को पता होता है कि वो illegal काम कर रहा है?

ईमानदारी से कहूं तो ज्यादातर मामलों में हां। सोचिए, normal delivery में जितना कमाते हैं, उससे 10 गुना ज्यादा पैसा! लेकिन यहां एक दिलचस्प बात – कुछ बेचारों को पता भी नहीं होता। उन्हें बस यह बताया जाता है कि “यह सामान बहुत confidential है, किसी को बताना नहीं”। और फिर जब पुलिस पकड़ लेती है, तब समझ में आता है कि किस फंदे में फंस गए।

4. इस तरह के अवैध धंधे की सजा क्या हो सकती है?

देखा जाए तो यह कोई छोटा-मोटा अपराध नहीं। IPC की धारा 272-273 के तहत सजा 5 से 10 साल तक हो सकती है। और हां, जुर्माना भी ऐसा कि पूरी कमाई चली जाए। सबसे बड़ी बात – delivery बॉय को भी मुख्य आरोपी की तरह ही ट्रीट किया जाता है। क्या फायदा ऐसे पैसों का जो जेल की सलाखों के पीछे गिनने पड़ें?

एक बात और – अगर आपको कोई ऐसा ऑफर मिले तो भाग जाइए। नहीं तो… आप समझदार हैं!

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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