छांगुर बाबा की कहानी: कैसे एक जिगरी दोस्त ने धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश किया?
बलरामपुर का वो दिन… जब छांगुर बाबा का पूरा झूठा साम्राज्य धराशायी हो गया। असल में, ये कहानी सिर्फ एक बाबा के पतन की नहीं है – बल्कि उसके अपने ही साथी वसीउद्दीन खान के सच्चाई सामने लाने की भी है। सोचिए, जिस इंसान पर आप भरोसा करते हैं, वही आपके खिलाफ खड़ा हो जाए? UP ATS और STF ने तो बस फाइनल एक्शन लिया, असली ड्रामा तो इससे पहले ही हो चुका था।
कौन था ये छांगुर बाबा? और क्यों टूटी दोस्ती?
देखिए, ये बाबा तो लंबे समय से ‘संत’ बनकर घूम रहा था। लेकिन असलियत? एक ऐसा शख्स जिसके हाथ गंदे थे। सबसे दिलचस्प बात? उसका सबसे करीबी दोस्त ही उसके खिलाफ हो गया। वसीउद्दीन ने बताया कि कैसे ये बाबा गरीबों को फंसाता था – पहले लालच देता, फिर धर्म बदलने पर मजबूर करता। ईमानदारी से कहूं तो, जब अपना ही साथी बगावत कर दे, तो समझ लीजिए बात बहुत बड़ी है!
जांच में क्या-क्या निकला?
अब यहां मामला और रोचक हो जाता है। जांच अधिकारी बब्बू चौधरी ने PMO को जो सबूत भेजे… उफ्फ! उसके बाद तो योगी सरकार ने एक्शन लेने में एक सेकंड भी नहीं गंवाया। ATS ने छांगुर के कई आश्रमों पर छापा मारा – और क्या मिला? नकली दस्तावेज, काले धन के सबूत, और सबसे बड़ी बात… अधिकारियों से मिलीभगत के सबूत! एक तरफ तो ये लोग धर्म की दुकान चला रहे थे, दूसरी तरफ असल में चल रहा था पूरा बिजनेस मॉडल।
क्या कह रहे हैं मुख्य किरदार?
वसीउद्दीन का बयान तो सुनिए: “ये बाबा नहीं, बल्कि एक धोखेबाज था। पैसा और सत्ता – बस यही इसका मकसद था।” बब्बू चौधरी ने सही कहा – “ये कोई अकेला शख्स नहीं, पूरा नेटवर्क है।” और UP सरकार का स्टैंड क्लियर: “योगी जी के यूपी में ऐसे गिरोहों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” सच कहूं तो, इस बार सरकार ने सही समय पर सही कदम उठाया।
अब आगे क्या?
अब तो छांगुर बाबा और गैंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी ही। लेकिन असली चुनौती है इस पूरे नेटवर्क को उखाड़ फेंकना। UP सरकार ने धार्मिक संस्थाओं पर नजर रखने की योजना बनाई है – और ये सही कदम है। पर सवाल ये है कि क्या सिर्फ सरकार के भरोसे ही ऐसे मामले रुकेंगे? जनता को भी तो जागरूक होना पड़ेगा।
आखिर में बस इतना – योगी सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया कि UP में अब गैरकानूनी चीजों की कोई जगह नहीं। छांगुर बाबा का पतन तो बस शुरुआत है। असली टेस्ट अब है – इस पूरी जड़ को खत्म करने का। और हां, याद रखिए – अगर कुछ गलत लगे, तो चुप मत बैठिए। वसीउद्दीन की तरह आवाज उठाइए!
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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com