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ट्रंप का बड़ा ऐलान: यूरोपीय संघ और मेक्सिको पर 30% टैरिफ, अर्थव्यवस्था में मचेगा तूफान!

ट्रंप ने फिर मचाया हंगामा! यूरोप और मेक्सिको पर 30% टैरिफ – क्या अब शुरू होगा Trade War?

अरे भई, ट्रंप साहब तो बिल्कुल रुकने का नाम ही नहीं ले रहे! शनिवार को उन्होंने एक ऐसा बम फोड़ा है जिसकी गूंज पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुनाई देगी। यूरोपीय संघ और मेक्सिको से आने वाले सामान पर 30% टैरिफ! और हां, यह कोई धमकी नहीं, 1 अगस्त 2024 से लागू होने वाला ठोस फैसला है। असल में देखा जाए तो यह उनकी ‘America First’ नीति का ही विस्तार है – वही पुराना राग कि “हमारे देश के उद्योगों को बचाना है”। पर सच पूछो तो, क्या सच में यह काम करेगा?

पीछे का सच: ट्रंप का पुराना नुस्खा

याद है 2018-19 का वह दौर? जब ट्रंप ने चीन और यूरोप पर ऐसे ही टैरिफ लगाए थे। तब भी दुनिया भर के बाजारों में हड़कंप मच गया था। अब फिर वही गेम! मेक्सिको और EU के साथ तो अमेरिका के रिश्ते पहले से ही कच्चे थे – खासकर automobile सेक्टर और किसानों के मुद्दे पर। एक तरफ यूरोप अमेरिकी किसानों को मिलने वाली सब्सिडी पर नाराज़ है, तो दूसरी ओर मेक्सिको के साथ ट्रेड डेफिसिट लगातार बढ़ रहा है। सच कहूं तो, यह कोई नई बात नहीं, बस पुराने घावों पर नमक छिड़कने जैसा है।

किन-किन चीज़ों पर लगेगा टैरिफ?

तो अब सवाल यह कि किस-किस पर यह 30% का ज़ुल्म ढाएगा? मुख्य तौर पर steel, aluminum, vehicles और कृषि उत्पादों की बारी है। और सुनिए, EU ने तो पहले ही दहाड़ लगा दी है – “हम जवाब देंगे!” वहीं मेक्सिको सरकार ने इसे “एकतरफा” बताकर WTO में शिकायत करने की धमकी दे डाली। अमेरिका के भीतर भी हालात अजीब हैं – कुछ उद्योगपति खुश हैं, तो कुछ को महंगाई का डर सता रहा है।

दुनिया की प्रतिक्रिया: गुस्सा या समझौता?

अब बात करते हैं रिएक्शन्स की। यूरोपीय आयोग तो बिल्कुल आगबबूला है – उनका कहना है “यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक है”। मेक्सिको के राष्ट्रपति ने ट्वीट करके तो जैसे आग में घी ही डाल दिया – “यह हमारे रिश्तों को नुकसान पहुंचाएगा”। पर साथ ही उन्होंने बातचीत का रास्ता भी खुला रखा है। अमेरिका में भी माहौल दो फाड़ है – कुछ कह रहे हैं “देशहित में सही फैसला”, तो कुछ को लग रहा है कि अब तो महंगाई आसमान छूएगी।

आगे क्या? एक नया Trade War?

तो अब सबसे बड़ा सवाल – आगे क्या? देखिए, अगर EU और मेक्सिको ने जवाबी टैरिफ लगा दिए, तो समझ लीजिए वैश्विक व्यापार युद्ध की घंटी बज जाएगी। अमेरिका में आयातित सामान महंगे होंगे – और इसका खामियाजा तो आम आदमी को ही भुगतना पड़ेगा। शेयर बाजारों में उथल-पुथल तो होगी ही। और अगर यह टैरिफ लंबे समय तक रहा, तो पूरी ग्लोबल सप्लाई चेन धराशायी हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो यह फैसला सिर्फ अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए मुसीबत बन सकता है। सच कहूं तो, अभी तो सिर्फ पहला प्याला भरा है – आगे का नज़ारा और भी दिलचस्प होगा!

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अरे भाई, डोनाल्ड ट्रंप ने तो एक बम्ब फोड़ दिया है! और ये सिर्फ कोई छोटा-मोटा ऐलान नहीं है। सोचो, अगर यूरोपीय संघ और मेक्सिको की अर्थव्यवस्था हिल जाएगी, तो पूरी दुनिया के बाजारों में क्या हंगामा होगा? असल में, ये फैसला वैश्विक व्यापार को उलट-पलट कर देने वाला साबित हो सकता है।

लेकिन सबसे दिलचस्प बात? यूरोप कैसे रिएक्ट करेगा। अभी तो सबकी नजरें टाइमलाइन पर टिकी हुई हैं – आने वाले दिनों में क्या होगा, कौन सा देश क्या बोलेगा। और सच कहूं तो, ये तो बस शुरुआत है। ये एक ऐसा निर्णय है जो राजनीतिक और आर्थिक रिश्तों को नए सिरे से लिख सकता है।

#Trump #Economy #GlobalImpact – और हां, इन हैशटैग्स के बिना तो बात अधूरी है ना!

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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