असम में ONGC कुआं फूटा: 14 दिनों से लीक हो रही गैस, पर्यावरण के लिए बना खतरा!
क्या हुआ है?
असम में ONGC के एक कुएं से पिछले दो हफ्ते से गैस लीक हो रही है। ये मामला सिर्फ एक तकनीकी गड़बड़ी नहीं है, बल्कि पर्यावरण और सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े कर रहा है। Experts की मानें तो अगर जल्द कंट्रोल नहीं किया गया, तो नतीजे बेहद गंभीर हो सकते हैं।
पूरा मामला समझिए
कहां और कब शुरू हुआ?
ये घटना असम के तिनसुकिया जिले में ONGC के एक कुएं में हुई। 14 दिन पहले शुरू हुआ ये रिसाव अभी तक रुका नहीं है। लोकल लोग बताते हैं कि पूरे इलाके में गैस की तेज बदबू फैल गई है।
आखिर क्यों हुआ ऐसा?
शुरुआती जांच से पता चला है कि या तो कोई टेक्निकल गड़बड़ी हुई है, या फिर किसी की गलती से। ONGC ने अपने official statement में कहा है कि वो पूरी तरह जांच कर रहे हैं और रिसाव रोकने के लिए हर possible step उठा रहे हैं।
इसका असर क्या हो रहा है?
पर्यावरण पर मार
सबसे ज्यादा नुकसान पर्यावरण को हो रहा है। हवा में प्रदूषण बढ़ गया है, जिसका असर पानी और मिट्टी की क्वालिटी पर भी पड़ सकता है। Environmentalists का कहना है कि इससे जानवरों और पेड़-पौधों को भी खतरा हो गया है।
लोगों की मुश्किलें बढ़ीं
यहां रहने वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना और आंखों में जलन जैसी प्रॉब्लम्स हो रही हैं। खेती-बाड़ी और पशुपालन पर भी बुरा असर पड़ा है। सेफ्टी को देखते हुए कुछ परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट भी किया गया है।
क्या कर रही है ONGC और सरकार?
ONGC की कोशिशें
ONGC ने अपने experts की टीम को मौके पर भेजा है। प्रभावित इलाकों में medical assistance और राहत सामग्री भी पहुंचाई जा रही है। कंपनी local authorities के साथ मिलकर जल्द से जल्द रिसाव रोकने की कोशिश कर रही है।
सरकार ने क्या किया?
राज्य और केंद्र सरकार दोनों ने इस मामले में एक्शन लिया है। असम सरकार ने ONGC को तुरंत कदम उठाने को कहा है, वहीं केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए हैं। Officials का मानना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए stricter rules की जरूरत है।
आगे की राह क्या है?
फौरी चुनौतियां
सबसे बड़ी चुनौती है रिसाव को कंट्रोल करना। साथ ही प्रभावित लोगों को adequate compensation और नई जगह बसाने का इंतजाम करना भी जरूरी है।
लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन
Experts का सुझाव है कि तेल और गैस कंपनियों को अपने safety standards को और टाइट करना चाहिए। साथ ही disaster management plans को regularly update करते रहना चाहिए।
आखिर में…
ONGC के इस गैस रिसाव ने न सिर्फ environmental emergency पैदा की है, बल्कि स्थानीय लोगों की जिंदगी भी मुश्किल में डाल दी है। सरकार और कंपनी को इस पर फौरन एक्शन लेना होगा। साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए stricter policies और उनकी सही इम्प्लीमेंटेशन जरूरी है।
Source: Hindustan Times – India News | Secondary News Source: Pulsivic.com