समोसा-जलेबी: सिर्फ स्वाद नहीं, एक इमोशन है!
अरे भाई, समोसा-जलेबी को सिर्फ नाश्ता समझना? बिल्कुल गलत! ये तो हमारी रगों में दौड़ने वाला एक इमोशन है। सुबह की चाय हो या शाम की भूख, ये जोड़ी हर मूड में फिट बैठती है। असल में, इनका इतिहास भी कम दिलचस्प नहीं। क्या आप जानते हैं समोसा हमारा देसी नहीं है? हाँ-हाँ, मध्य एशिया से आया था, लेकिन हमारे Indian मसालों ने इसे अपना बना लिया। और जलेबी? उसकी कहानी तो और भी पुरानी है – संस्कृत के पुराने ग्रंथों तक में इसका जिक्र मिलता है!
एक मजेदार बात सुनाऊँ? मुगल बादशाहों को ये कॉम्बो इतना पसंद था कि वो इसे VIP गेस्ट्स को ही परोसते थे। और आज? बच्चे हों या बूढ़े, स्टूडेंट्स हों या ऑफिस वाले – सबकी पहली पसंद। सच कहूँ तो ये हमारी सबसे डेमोक्रेटिक डिश है – अमीर-गरीब सबकी जुबान पर एक सा स्वाद!
घर पर बनाएं परफेक्ट समोसा (थोड़ी मेहनत तो करनी पड़ेगी!)
अब सच्चाई की बात – समोसा बनाना कोई आसान काम नहीं। मेरी पहली कोशिश? एकदम फ्लॉप! लेकिन अब तो हाथ सफल हो गया है। सामग्री? बेसिक है – मैदा, घी, नमक। पर असली मजा तो भरावन में है – आलू, मटर, और वो सारे मसाले जो नाक में चढ़ जाएँ!
क्या करें:
1. आटा गूँथें तो थोड़ा कड़ा रखें – नरम आटा = फटे समोसे
2. भरावन को अच्छी तरह भूनें – कच्चा मसाला मत छोड़ना!
3. तलते वक्त patience रखें – जल्दबाजी में जले हुए समोसे किस काम के?
एक छोटी सी ट्रिक: आटे में थोड़ा सूजी मिला दें – क्रिस्पीनेस बढ़ जाएगी!
जलेबी बनाने का मेरा टेस्टेड फॉर्मूला
जलेबी? वो तो मेरी पर्सनल फेवरिट है! पर बनाना… उफ्फ, पहली बार में तो मेरी जलेबियाँ रबर जैसी हो गई थीं। सीक्रेट है फर्मेंटेशन में। मैदा+बेसन+दही का मिश्रण रातभर के लिए भूल जाइए। सुबह उठकर देखिएगा – बैटर में छोटे-छोटे बुलबुले आ गए होंगे। यही तो जलेबी की जान है!
चाशनी बनाते वक्त एक बात – गाढ़ी होनी चाहिए, नहीं तो जलेबी सॉगी हो जाएगी। और हाँ, तेल न तो कम गरम हो, न ज्यादा – मीडियम हीट पर सुनहरी जलेबियाँ तलें। एक टिप: चाशनी में थोड़ा केसर मिला दें – रंग और खुशबू दोनों जबरदस्त!
मेरे फेलियर्स से सीखें ये जरूरी टिप्स
मैंने कितनी गलतियाँ की हैं, सुनकर आपको हँसी आ जाए:
– समोसे का आटा नरम कर दिया – नतीजा? तेल में तैरते हुए फटे हुए समोसे!
– जलेबी का बैटर जल्दी में तल दिया – बाहर कुरकुरी, अंदर कच्ची!
– तेल ज्यादा गरम कर लिया – जलेबी की जगह जली हुई लकड़ी मिली!
तो सीख क्या है?
1. समोसे के लिए आटा कड़ा हो, तेल मीडियम हीट पर
2. जलेबी बैटर को पूरा टाइम दें फर्मेंट होने के लिए
3. चाशनी टेस्ट कर लें – एक बूँद हथेली पर डालकर देखें, गाढ़ी होनी चाहिए
आखिरी बात – ये सिर्फ खाने की चीजें नहीं, हमारी यादों का हिस्सा हैं। बचपन की वो यादें जब दादी के हाथ के समोसे खाते थे… या फिर सर्दियों में गरमा-गरम जलेबियों का मजा! अगली बार जब खाएँ, तो बस स्वाद ही न लें – इनके पीछे की कहानी को भी महसूस करें। क्योंकि ये जोड़ी तो… एकदम ज़बरदस्त है। सच में!
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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com