“सऊदी अरब ने मुस्लिमों के रुतबे को बेचा? MBS पर हूती हमला, इजरायल से दोस्ती की आलोचना”

सऊदी अरब ने मुस्लिमों का ‘रुतबा’ बेच दिया? MBS पर हूती हमला और इजरायल दोस्ती का तूफान

अरे भाई, यमन के हूती विद्रोहियों ने तो सऊदी अरब पर जमकर राजनीतिक हमला बोल दिया है! असल में देखा जाए तो, हूतियों के प्रवक्ता ने एक वीडियो में MBS पर सीधा निशाना साधा है – कह रहे हैं कि सऊदी ने मुस्लिम दुनिया की इज्ज़त बेच दी। और क्यों? क्योंकि इजरायल के साथ यारी गाँठ रहे हैं। बात तो गरम है, क्योंकि ठीक इसी वक्त सऊदी पश्चिमी देशों के साथ नए रिश्ते बना रहा है। है न दिलचस्प?

ये लड़ाई नई नहीं, पर इस बार ज़्यादा तीखी

देखिए, सऊदी और हूतियों की ये टेंशन कोई आज कल की बात तो है नहीं। पर इस बार मामला गरमा गया है। ईरान समर्थित ये ग्रुप तो पहले से ही यमन में सक्रिय है, लेकिन अब सऊदी की इजरायल के साथ बढ़ती नजदीकी ने आग में घी का काम किया है। सच कहूँ तो, फिलिस्तीन मुद्दे पर सऊदी का नरम रुख भी कई लोगों को पच नहीं रहा। और अमेरिका का दबाव? वो तो चेरी ऑन द केक जैसा है!

हूतियों का बयान – बम की तरह गिरा

अब ये हूतियों वाला वीडियो तो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है। इसमें साफ-साफ कहा गया है कि सऊदी ने इस्लामिक पहचान को धोखा दिया है। और सुनिए – खाड़ी देशों को ‘अमेरिका-इजरायल की कठपुतली’ तक कह डाला! सऊदी की तरफ से अभी कोई जवाब नहीं आया, पर राजनयिक सूत्र बता रहे हैं कि ये मामला उनके लिए सिरदर्द बन गया है। सच में, बड़ा मुश्किल वक्त चल रहा है।

दुनिया की प्रतिक्रिया – एक नहीं, अनेक

तो अब सवाल यह है कि दुनिया इस पर क्या सोचती है? एक तरफ तो वो लोग हैं जो कहते हैं कि सऊदी-इजरायल दोस्ती से मिडिल ईस्ट को शांति मिलेगी। लेकिन दूसरी तरफ… अरे भई, मुस्लिम दुनिया में तो आग लगी हुई है! ईरानी मीडिया तो मानो इस मौके का इंतज़ार ही कर रहा था। और फिलिस्तीन समर्थक? उनका गुस्सा तो समझा जा सकता है।

आगे क्या? सऊदी के लिए बड़ी चुनौती

अब सऊदी अरब के सामने सबसे बड़ा सवाल ये है कि कैसे संतुलन बनाए। एक तरफ पश्चिमी देश, दूसरी तरफ मुस्लिम भाईचारा। और अगर इजरायल के साथ औपचारिक रिश्ते बने तो? हूतियों की प्रतिक्रिया और भी तीखी होगी – ये तो तय है। कुछ विश्लेषक तो कह रहे हैं कि यमन में हालात और बिगड़ सकते हैं। सच कहूँ तो, MBS के लिए ये सच्ची परीक्षा की घड़ी है।

अगले कुछ हफ्ते बेहद अहम होंगे। सऊदी को ऐसी रणनीति चाहिए जो उसके हितों की रक्षा भी करे, और मुस्लिम दुनिया का भरोसा भी बनाए रखे। मुश्किल? बिल्कुल। लेकिन नामुमकिन? देखते हैं… क्योंकि राजनीति में कुछ भी तो नामुमकिन नहीं होता!

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सऊदी अरब और MBS पर विवाद: जानिए पूरा माजरा

अरे भाई, आजकल तो हर कोई सऊदी अरब और उनके क्राउन प्रिंस MBS के बारे में बात कर रहा है। लेकिन असल मुद्दे क्या हैं? चलिए, बिना किसी लाग-लपेट के समझते हैं।

1. क्या सच में बेच दिया मुस्लिमों का रुतबा?

देखिए, यहाँ बात बड़ी पेचीदा है। एक तरफ तो सऊदी का इजरायल से बढ़ता रिश्ता, दूसरी तरफ पैलेस्टीन का सवाल। कुछ लोगों को लगता है MBS ने अपनी policies से मुस्लिम दुनिया के सामने सवाल खड़े कर दिए हैं। पर सच क्या है? शायद वक्त ही बताएगा।

2. हूती हमले – सऊदी के लिए सिरदर्द या राजनीति?

अब ये हूती rebels का मामला… यमन में तो ये सक्रिय हैं ही, लेकिन अब इनके निशाने पर सऊदी अरब क्यों? क्या सच में इजरायल-विरोध इनकी मुख्य वजह है? या फिर ये पूरा मामला कुछ और ही है? गहराई से सोचने वाली बात है।

3. MBS की इजरायल दोस्ती पर इतना बवाल क्यों?

सुनिए, अगर आप मुस्लिम दुनिया की नज़र से देखें तो बात समझ आएगी। पैलेस्टीन के मुद्दे पर तो हम सब संवेदनशील हैं न? ऐसे में जब कोई बड़ा मुस्लिम देश इजरायल से हाथ मिलाए, तो प्रतिक्रिया तो आएगी ही। पर क्या ये सिर्फ़ भावनाओं का मामला है, या फिर इसके पीछे कोई बड़ी राजनीति भी है?

4. क्या पैसे के लिए बेच रहे हैं विश्वास?

असल में, यहाँ economy का सवाल भी जुड़ा हुआ है। सऊदी अरब oil पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है – ये तो साफ़ है। Technology और investment के नए रास्ते खोलने के चक्कर में कहीं वो अपनी image तो नहीं खो रहे? एक तरफ़ पैसा, दूसरी तरफ़ विश्वास… मुश्किल चुनाव है।

अंत में बस इतना – ये सारे मुद्दे black and white नहीं हैं। हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। आप क्या सोचते हैं इस बारे में? कमेंट में ज़रूर बताइएगा!

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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