F-35 भारत में फंसा हुआ! UK टीम की जद्दोजहद, कब होगी घर वापसी? जानें पूरी खबर
सुनकर हैरानी होगी, लेकिन ब्रिटेन का चर्चित F-35B फाइटर जेट हमारे यहाँ फंसा पड़ा है! असल में, तकनीकी गड़बड़ी की वजह से यह बिहारी बाबू की तरह यहीं अटक गया है। मजे की बात ये कि ब्रिटिश टीम और हमारे भारतीय अधिकारी मिलकर इसकी मरम्मत में जुटे हैं। ब्रिटिश हाई कमिशन ने तो भारत के सहयोग के लिए शुक्रिया अदा किया है। पर सच पूछो तो, ये सिर्फ एक टेक्निकल इश्यू नहीं बल्कि भारत-ब्रिटेन के बीच बढ़ते रक्षा रिश्तों की एक मिसाल बन गया है।
मामले की पृष्ठभूमि: F-35B का भारत आगमन और तकनीकी समस्या
अब थोड़ा पीछे चलते हैं। F-35B Lightning II, जिसे देखकर ही दिल में एक अजीब सी रोमांचकता आ जाती है, असल में Lockheed Martin का बनाया हुआ एक स्टील्थ फाइटर जेट है। ब्रिटेन ने इसे खरीदा तो था, लेकिन ये हमारे यहाँ ट्रांजिट के दौरान बीमार पड़ गया। हालाँकि, भारत ने तुरंत अपनी MRO (Maintenance, Repair, Overhaul) सुविधाएं ऑफर कीं। और सुनिए, ब्रिटिश टीम ने तुरंत हाँ कर दी! ये कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते विश्वास को दिखाता है। सच कहूँ तो, ऐसी टेक्नोलॉजी शेयर करना कोई मामूली बात नहीं है।
मरम्मत प्रक्रिया: ब्रिटिश और भारतीय टीमों का सहयोग
अभी की स्थिति क्या है? देखिए, F-35B को हमारे हवाई अड्डे के हैंगर में सुरक्षित रखा गया है। ब्रिटिश और भारतीय इंजीनियर मिलकर इसकी मरम्मत में जुटे हैं। ब्रिटिश हाई कमिशन ने तो भारत के सहयोग की खुलकर तारीफ की है। वहीं, हमारे रक्षा सूत्रों का कहना है कि ये घटना भारत की तकनीकी क्षमताओं को ग्लोबल स्तर पर पहचान दिलाने वाली है। एक तरह से देखें तो, ये हमारे लिए एक गर्व की बात है।
प्रतिक्रियाएं: विशेषज्ञों और अधिकारियों के विचार
ब्रिटिश हाई कमिशन ने आधिकारिक तौर पर कहा, “हम भारत सरकार और भारतीय वायुसेना के सहयोग के लिए आभारी हैं।” सच कहूँ तो, ये सिर्फ एक औपचारिक बयान नहीं है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि F-35 जैसे एडवांस्ड जेट की मरम्मत में भारत की भूमिका बहुत बड़ी है। कुछ तो यहाँ तक कह रहे हैं कि इससे हमारी MRO क्षमताओं को इंटरनेशनल लेवल पर बढ़ावा मिलेगा। पर सवाल ये उठता है कि क्या ये भारत को ग्लोबल डिफेंस मैप पर एक बड़ा प्लेयर बना देगा?
भविष्य की संभावनाएं: भारत-ब्रिटेन रक्षा सहयोग
अभी तो विमान की मरम्मत चल रही है, लेकिन इसके लॉन्ग टर्म इफेक्ट्स क्या होंगे? देखा जाए तो, ये घटना भारत-ब्रिटेन रक्षा संबंधों को नई रफ्तार दे सकती है। खासकर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और मेंटेनेंस के क्षेत्र में। हो सकता है आने वाले समय में हमारी MRO सुविधाओं को और अधिक इंटरनेशनल रिकग्निशन मिले। एक तरह से ये भारत के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
निष्कर्ष: एक घटना से बढ़ते रिश्ते
तो दोस्तों, F-35B का भारत में फंसना कोई साधारण घटना नहीं है। ये तो एक नई शुरुआत है। जैसे-जैसे भारत की तकनीकी क्षमताएं बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे हम वैश्विक रक्षा साझेदारी में अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार हो रहे हैं। सच कहूँ तो, ये घटना हमारे लिए एक गर्व का पल है। आखिर, कौन सोच सकता था कि एक दिन ब्रिटेन का सबसे एडवांस्ड जेट हमारे यहाँ मरम्मत के लिए आएगा? है ना मजेदार बात?
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com