वाजिद अली शाह का ‘मजून-ए-इश्क’ पेस्ट: क्या सच में ये मर्दानगी का राज़ था?
अवध के आखिरी नवाब वाजिद अली शाह… नाम सुनते ही दिमाग में क्या आता है? शायद मुजरा, कव्वाली और शाही ठाठ-बाट। पर असल में उनकी सबसे दिलचस्प कहानी छुपी है उनके हरम के पर्दों के पीछे। सुना है उनके हकीमों ने एक खास पेस्ट बनाया था – ‘मजून-ए-इश्क’। अब ये कोई साधारण चटनी तो नहीं थी ना? बात तो यौन शक्ति बढ़ाने की हो रही है भई! कहते हैं इसी की मदद से नवाब साहब अपनी रंगीन रातों को जिंदा रख पाते थे। सच कितना है, कितना कपोल-कल्पना – ये तो वक्त ही बताएगा। पर इतना तय है कि ये नुस्खा आज भी लोगों को हैरान कर देता है।
मर्दानगी की कमी – सिर्फ आज की समस्या नहीं
अरे भाई, ये समस्या तो हर जमाने में रही है। नवाब के ज़माने में भी, आज भी। बस फर्क इतना है कि आजकल तो हमारी lifestyle ही ऐसी हो गई है – देर रात तक जागना, जंक फूड खाना, stress… ये सब मिलकर तो हमारा सारा ही हॉर्मोनल बैलेंस बिगाड़ देते हैं। और हां, उम्र बढ़ने के साथ testosterone का कम होना तो स्वाभाविक है ही। पर सवाल ये है कि क्या इसका कोई समाधान है? या फिर हमें बस समय के साथ बह जाना चाहिए?
‘मजून-ए-इश्क’ का राज़ – प्रकृति की गोद से
देखिए नवाब साहब के हकीमों ने तो प्रकृति से ही उपाय ढूंढ निकाले थे। अश्वगंधा, सफेद मूसली जैसी जड़ी-बूटियाँ – ये तो आज भी आयुर्वेद में इस्तेमाल होती हैं। और केसर-बादाम वाली बात? सच कहूं तो मेरी दादी भी इनकी तारीफ करती थीं। पर सबसे मजेदार बात ये है कि उन दिनों भी लोगों को पता था कि blood circulation का कितना महत्व है। आज तो हम gym जाकर ये सब सीखते हैं, पर उस जमाने में ये ज्ञान कहाँ से आया होगा? है ना दिलचस्प बात!
खाने-पीने का सही तरीका
अब सुनिए एक सीधी सी बात – आपका पेट अगर ठीक नहीं तो बाकी सब कैसे ठीक रहेगा? protein वाली चीज़ें जैसे अंडे, पनीर तो बेसिक हैं ही। पर क्या आप जानते हैं कि अनार का जूस भी कितना फायदेमंद होता है? और हां, जो लोग शाकाहारी हैं, उनके लिए dry fruits तो वरदान हैं। पर सबसे ज़रूरी बात – अगर आप सुबह का नाश्ता छोड़कर दिन भर junk food खाते रहेंगे, तो फिर कोई भी नुस्खा काम नहीं आएगा। सच्चाई यही है दोस्तों!
डॉक्टर के पास कब जाएँ?
अब ये तो समझदारी की बात है – घरेलू नुस्खे अच्छे हैं, पर कब तक? अगर आपको लगातार थकान रहती है, चक्कर आते हैं या फिर… खैर, आप समझ ही गए होंगे, तो फिर डॉक्टर से मिलने में देर क्यों करना? हम भारतीयों की आदत है ना – आखिरी मौके तक घरेलू इलाज करते रहना। पर कभी-कभी ये आदत भारी पड़ जाती है। सोचिएगा ज़रूर!
तो देखा आपने? वाजिद अली शाह का ये नुस्खा सिर्फ इतिहास की किताबों तक सीमित नहीं है। आज भी इसके सिद्धांत काम करते हैं – सही खानपान, प्राकृतिक उपाय और संयमित lifestyle। बस इतना ध्यान रखिए – कोई भी चमत्कारी उपाय रातोंरात काम नहीं करता। धैर्य रखिए, सही दिशा में काम कीजिए… बाकी तो प्रकृति खुद ही सब संभाल लेगी। है ना?
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com