समुद्र में ही क्यों उतारे जाते हैं अंतरिक्ष यान? असल में, जवाब उतना सीधा नहीं जितना लगता है!
आज का दिन ऐतिहासिक है, और मैं बिल्कुल आपकी तरह उत्साहित हूँ! स्पेसएक्स का ड्रैगन यान हमारे भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को लेकर प्रशांत महासागर में उतरेगा। पर सच पूछो तो, क्या आपने कभी गौर किया कि ये यान हमेशा पानी में ही क्यों गिराए जाते हैं? जमीन पर उतरना तो और आसान लगता है न? असल में, इसके पीछे की वजहें बड़ी दिलचस्प हैं – थोड़ी साइंस, थोड़ी सुरक्षा, और बहुत सारा अनुभव!
1960s की वो शुरुआत जिसने बदल दी गेम
ये परंपरा कोई नई नहीं। सुनकर हैरान हो जाओगे – NASA 1960s से यही तरीका अपना रहा है! अपोलो मिशन वाले दिनों से लेकर आज तक। अब सवाल यह है कि ऐसा क्यों? देखिए, पानी की खासियत ही कुछ और है। यह प्राकृतिक तौर पर यान की स्पीड को कंट्रोल कर देता है, बिल्कुल वैसे ही जैसे बाइक पर अचानक ब्रेक मारने की बजाय गियर कम करते जाना। और सबसे बड़ी बात? समुद्र तो खाली ही पड़ा रहता है न! किसी के सिर पर गिरने का खतरा नहीं। स्मार्ट है न?
ड्रैगन यान की वापसी: क्या है खास?
आज का मिशन सच में खास है। ISS से निकला ड्रैगन यान अपने खास पैराशूट्स की मदद से धीरे-धीरे समुद्र पर आएगा। NASA और SpaceX की टीमें वहाँ पहले से मौजूद होंगी – हेलीकॉप्टर, जहाज, सब कुछ! ऐसा लगता है जैसे कोई बॉलीवुड एक्शन सीन हो, पर असल में ये सब सुरक्षा के लिए। क्या आप जानते हैं? ये पूरी प्रक्रिया इतनी परफेक्ट है कि यान के पुर्जे भी सुरक्षित रहते हैं – बार-बार इस्तेमाल के लिए!
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स और खुद शुभांशु?
NASA तो कहता है – “समुद्र में उतरना सबसे सुरक्षित विकल्प है।” पर मैं आपको शुभांशु शुक्ला की बात बताऊँ? उन्होंने कहा, “ये पल ऐतिहासिक है… घर वापसी का इंतज़ार कर रहा हूँ।” सुनकर गर्व नहीं होता? विशेषज्ञों की मानें तो ये तरीका न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि किफायती भी – यान के पुर्जे बच जाते हैं, दोबारा इस्तेमाल हो सकते हैं। पैसा बचे, जान बचे – विन-विन सिचुएशन!
आगे क्या? ISRO की क्या हैं प्लानिंग?
इस मिशन के बाद शुभांशु का पूरा हेल्थ चेकअप होगा। पर मजेदार बात ये है कि NASA पहले से नए स्प्लैशडाउन ज़ोन्स ढूंढ रहा है। और हमारा ISRO? वो भी अपने गगनयान मिशन के लिए इसी तरह की प्लानिंग कर रहा है! साफ है कि ये तकनीक आने वाले सालों में और बेहतर होगी। एक तरह से, आज की ये घटना सिर्फ इतिहास नहीं बना रही, बल्कि भविष्य की नींव भी रख रही है।
तो क्या सीखा आज? समुद्र में उतरना कोई इत्तेफाक नहीं, बल्कि दशकों के अनुभव का नतीजा है। और हाँ, अगली बार जब कोई यान समुद्र में उतरे, तो आप समझ जाइएगा कि ये सब क्यों हो रहा है। है न मजेदार?
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com