iman islam intiqam muslims future 20250716162935884871

ईमान, इस्लाम और इंतकाम की जंग: मुसलमानों का भविष्य किधर?

ईमान, इस्लाम और इंतकाम की जंग: बिहार 2025 में मुस्लिम वोट बैंक की सियासी उठापटक

अरे भाई, बिहार की सियासत फिर से गरमाने लगी है! 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ देखिए – हर कोई मुस्लिम वोट बैंक के पीछे भागता नज़र आ रहा है। और सच कहूँ तो, ये कोई नई बात भी नहीं। राज्य की करीब 17% मुस्लिम आबादी, जो पिछले कितने सालों से पिछड़ेपन का दंश झेल रही है, अचानक सभी नेताओं की ‘प्यारी’ बन गई है। तेजस्वी यादव हो या ओवैसी, नीतीश कुमार हो या प्रशांत किशोर – हर कोई अपने-अपने तरीके से इस समुदाय को लुभाने में जुटा है। कोई ‘ईमान’ (विकास) की बात कर रहा है, तो कोई ‘इस्लाम’ (धार्मिक अधिकार) या ‘इंतकाम’ (राजनीतिक प्रतिशोध) के नारे लगा रहा है। मज़ेदार बात ये है कि ये सिर्फ वोटों की लड़ाई नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य का सवाल है।

पृष्ठभूमि: एक विभाजित समुदाय और बदलती राजनीति

देखिए, बिहार के मुस्लिम मतदाताओं की कहानी थोड़ी उलझी हुई है। 2020 के चुनावों में याद कीजिए – वोट RJD, Congress और Left में बँट गए थे, जबकि BJP ने अपने हिंदू वोट बैंक पर जमकर दाव खेला। उसके बाद तो राजनीतिक पटल ही बदल गया – नीतीश कुमार BJP से अलग हो गए, प्रशांत किशोर ने नए political equations बनाए, और ओवैसी साहब ने CAA-NRC विरोध के बहाने अपनी दुकानदारी शुरू कर दी। असल में, आज की स्थिति ये है कि मुस्लिम युवा jobs और education की माँग कर रहे हैं, लेकिन कुछ नेता उन्हें ‘हिंदुत्व खतरे’ के नाम पर डरा-धमका कर वोट बटोरने में लगे हैं। क्या ये सही है? आप ही बताइए।

नेताओं की चाल: चार अलग-अलग रास्ते

अब देखिए नेताओं की चालबाजियाँ – तेजस्वी यादव ‘इस्लाम’ कार्ड खेलते हुए वक्फ बोर्ड संपत्तियों का राग अलाप रहे हैं। उधर ओवैसी साहब ‘इंतकाम’ की आग में घी डालने में लगे हैं – उनका तो साफ नारा है: “जो मुसलमानों को निशाना बनाएगा…” वाकई? मतलब ये कि सिर्फ भय की राजनीति? वहीं नीतीश कुमार अपनी secular छवि के सहारे शिक्षा योजनाओं की बात कर रहे हैं, और प्रशांत किशोर ‘ईमान’ यानी सामाजिक न्याय का राग अलाप रहे हैं। पर सबसे दिलचस्प बात ये है कि कोई भी Muslim personal law या Triple Talaq जैसे असली मुद्दों पर बात नहीं करना चाहता। क्यों? क्योंकि वोट बैंक की राजनीति में असली मुद्दों से दूर भागना आसान होता है।

समुदाय की आवाज: विभाजन या एकता?

अब सवाल ये उठता है कि मुस्लिम समुदाय खुद क्या चाहता है? सच तो ये है कि यहाँ भी राय बँटी हुई है। पुरानी पीढी के कुछ लोग ओवैसी की aggressive बातों से प्रभावित हैं, लेकिन युवाओं की बात अलग है। पटना यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने मुझसे कहा था – “भैया, हमें masjid-madrasa की नहीं, factories और colleges की जरूरत है।” और ये सच्चाई है। कई intellectuals तो यहाँ तक कह रहे हैं कि इस तरह की ध्रुवीकरण वाली राजनीति से तो BJP को ही फायदा होगा। एक college professor ने (नाम नहीं लूँगा) कहा था – “ये नेता हमें vote bank समझते हैं, जबकि हम तो बस development चाहते हैं।” सुनकर दिल दहल जाता है, है न?

भविष्य: क्या बदलेगा बिहार का समीकरण?

तो अब बड़ा सवाल – 2025 में क्या होगा? Political analysts की मानें तो अगर मुस्लिम वोट बँटे, तो BJP को indirect फायदा मिल सकता है। लेकिन अगर ये समुदाय किसी एक मुद्दे के इर्द-गिर्द एकजुट हो जाए, तो खेल बदल सकता है। पर सच्चाई ये है कि ‘ईमान’, ‘इस्लाम’ और ‘इंतकाम’ की यह जंग सिर्फ चुनावी नतीजे ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार के social fabric को प्रभावित करेगी। क्या हम फिर से धर्म के नाम पर बँटेंगे? या विकास के मुद्दों को प्राथमिकता देंगे? समय बताएगा।

अंतिम पंक्ति: “ईमान, इस्लाम या इंतकाम… सच तो ये है कि बिहार का मुस्लिम मतदाता इस बार अपनी अक्ल से वोट डालेगा। या फिर…?”

ईमान, इस्लाम और इंतकाम की ये जंग… कितनी पेचीदा है ना? असल में, मुस्लिम समुदाय का भविष्य उनकी खुद की सोच पर टिका है – कितनी सहनशीलता दिखाते हैं, कितना खुद को जांचते-परखते हैं। और सच कहूं तो, ये वक्त सिर्फ रस्में निभाने का नहीं, बल्कि धर्म की असली भावना को समझने का है।

हिंसा? उससे तो कुछ हासिल नहीं होने वाला। शांति, प्यार और एकजुटता – यही असली रास्ता है। लेकिन सवाल ये है कि क्या हम तैयार हैं? मेरा मानना है कि अगर मुस्लिम युवा अपने अतीत की गलतियों से सीख लें… अरे भाई, फिर तो मुक़ाबला ही बदल जाएगा!

एक बात और – ये कोई उपदेश नहीं है। बस इतना कि गहराई से सोचने पर यकीनन उम्मीद की एक किरण दिखती है। और वो किरण? वो खुद हमारे हाथ में है।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

More From Author

पाकिस्तान की साजिश: कैसे उत्तर-पूर्वी राज्य हथियाने की कोशिश हुई नाकाम?

ऑपरेशन सिंदूर: ड्रोन तकनीक का जबरदस्त प्रदर्शन, अब लॉजिस्टिक ऑपरेशन की तैयारी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Comments