RCB और विराट कोहली पर बंगलुरू स्टाम्पेड का आरोप! क्या सच में इतनी बड़ी लापरवाही हो सकती है?
अरे भाई, कर्नाटक सरकार की यह रिपोर्ट पढ़कर तो मेरा दिमाग ही सुन्न हो गया। सच कहूं तो मैंने IPL के इतने सालों में ऐसा shocking case कभी नहीं सुना। RCB और उनके साथियों पर जो आरोप लगे हैं, वो सुनकर कोई भी क्रिकेट फैन दंग रह जाएगा। सोचो जरा – जीत की खुशी में इतनी बड़ी लापरवाही? 11 लोगों की जान चली गई भाई! और ये सब सिर्फ इसलिए क्योंकि safety guidelines को ताक पर रख दिया गया।
पूरा मामला क्या है?
देखिए न, बात तब की है जब RCB ने आखिरकार अपना पहला IPL टाइटल जीता। 16 साल का इंतज़ार था न, तो जश्न तो बनता था। लेकिन ये जश्न कब disaster में बदल गया, पता ही नहीं चला। बंगलुरू में जो victory parade हुई, उसमें security arrangements नाम की कोई चीज़ थी ही नहीं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि permission लेना तो दूर, basic safety measures तक का ख्याल नहीं रखा गया। और फिर हुआ वो जो होना था – भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई और… खैर, आप समझ ही गए होंगे।
रिपोर्ट में क्या-क्या सामने आया?
असल में तो ये रिपोर्ट पढ़कर लगता है जैसे कोई horror story पढ़ रहे हों। सबसे पहली बात – police permission? वो ली ही नहीं गई! दूसरा, भीड़ को रोकने के लिए बैरिकेड्स? नहीं। सुरक्षाकर्मी? कम। और सबसे हैरान करने वाली बात – emergency services का कोई इंतज़ाम ही नहीं था। मतलब एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड – कुछ नहीं!
और हां, विराट और RCB टीम के बारे में भी कुछ interesting बातें सामने आई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़ नियंत्रण में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। सच कहूं तो ये सुनकर थोड़ा अजीब लगता है। इतने बड़े स्टार्स, इतनी बड़ी टीम… और कोई responsibility नहीं? और तो और, घटना के बाद RCB की तरफ से official statement तक नहीं आया। मुआवजे की बात तो दूर की बात है। सच में, ये सब सुनकर दिल दुखता है।
लोग क्या कह रहे हैं?
पीड़ितों के परिवारों का दर्द तो समझा जा सकता है – “हमें न्याय चाहिए।” कर्नाटक सरकार भी पूरे mood में है – “दोषियों को सजा मिलेगी।” क्रिकेट एक्सपर्ट्स की प्रतिक्रिया? “ये unacceptable है।” और RCB के फैंस? वो तो heartbroken हैं। एक फैन ने तो मुझे बताया – “हमें विराट से बेहतर की उम्मीद थी।”
अब आगे क्या?
तो सवाल यह है कि अब क्या होगा? कर्नाटक सरकार ने legal action शुरू कर दिया है। लेकिन मेरी नज़र में, इससे बड़ा सवाल ये है कि future में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जाए। क्या हमारे यहां safety guidelines सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं? मेरा मानना है कि हर sports team को अपने events की जिम्मेदारी लेनी होगी। वरना… अरे भई, फिर ऐसे ही दुखद मामले सामने आते रहेंगे।
एक बात तो तय है – celebration और safety के बीच balance बनाना ही होगा। वरना ये खुशी के पल दुख में कब बदल जाएंगे, पता ही नहीं चलेगा। उम्मीद करते हैं कि इस घटना से सबक लिया जाएगा। वैसे भी, जान है तो जहान है न!
Source: Times of India – Main | Secondary News Source: Pulsivic.com