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ट्रंप नहीं करेंगे एपस्टीन केस में विशेष अभियोजक नियुक्त, व्हाइट हाउस ने कहा – DOJ की ‘संपूर्ण समीक्षा’

ट्रंप और एपस्टीन केस: विशेष अभियोजक की नियुक्ति पर क्यों बैकफुट पर व्हाइट हाउस?

अरे भई, सच बात तो ये है कि व्हाइट हाउस ने आज एक ऐसा बयान दिया है जिससे साफ ज़ाहिर हो रहा है कि ट्रंप एपस्टीन मामले में special prosecutor लाने के पक्ष में नहीं हैं। और ये बात प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने अपनी रोज़मर्रा की ब्रीफिंग में कही – बिल्कुल सीधे शब्दों में। उनका कहना था, “राष्ट्रपति को लगता है कि इसकी कोई ज़रूरत नहीं।” लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या सच में नहीं है? क्योंकि अभी तो हालात ऐसे हैं जहां हर तरफ इस केस में एक स्वतंत्र जांच की मांग जोर पकड़ रही है।

अब थोड़ा पीछे चलते हैं। जेफरी एपस्टीन, जिसे आप एक financial advisor के तौर पर जानते हैं, पर तो वो आरोप लगे थे ना जिनके बारे में सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। नाबालिग लड़कियों के साथ sexual abuse के गंभीर आरोप! और फिर 2019 में उनकी जेल में मौत… आत्महत्या बताई गई, पर कौन माने? असल में तो इसने कितने ही conspiracy theories को जन्म दे दिया। अब तो New York Times की एक ताज़ा रिपोर्ट ने इस आग में घी डालने का काम किया है – एपस्टीन के नेटवर्क और बड़े-बड़े नेताओं से उनके रिश्तों पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।

तो व्हाइट हाउस का क्या तर्क है? देखिए, उनका कहना है कि Department of Justice (DOJ) पहले से ही पूरे मामले की जांच कर रहा है। “सम्पूर्ण समीक्षा” चल रही है। ट्रंप प्रशासन को लगता है कि अभी special prosecutor लाना ज़रूरी नहीं। लेकिन… हमेशा एक लेकिन होता है ना? राजनीतिक गलियारों में ये फैसला बिल्कुल पच नहीं रहा। Republican और Democratic दोनों तरफ के नेताओं ने स्वतंत्र जांच की मांग उठाई है। पर सरकार? खामोश। कोई एक्शन नहीं।

रिएक्शन्स? बिल्कुल तीखे! Democratic Party के लोग तो सीधे कह रहे हैं कि ये “पीड़ितों के साथ अन्याय” है। और एपस्टीन के पीड़ितों के वकीलों का कहना है कि DOJ की आंतरिक जांच काफी नहीं है। उनका सीधा सा लॉजिक है – “सच्चाई तभी सामने आएगी जब जांच पूरी तरह स्वतंत्र होगी।” social media पर तो हालात और गरम हैं। लोग सीधे सवाल कर रहे हैं – कहीं ये एपस्टीन के ताकतवर दोस्तों का दबाव तो नहीं?

अब आगे क्या? सच कहूं तो अभी तो DOJ की रिपोर्ट का इंतज़ार है। पर मेरा मानना है कि अगर कोई नया बम फटा, कोई नया सबूत मिला, तो ये केस फिर से हॉट हो जाएगा। और 2024 के presidential elections को देखते हुए… भई, राजनीति तो गरमाने वाली है। कांग्रेस में दबाव बढ़ेगा, और हो सकता है एपस्टीन के नेटवर्क से जुड़े और लोगों के खिलाफ भी आवाज़ें उठने लगें। देखते हैं, ये साजिश का जाल कितना गहरा है!

Source: NY Post – US News | Secondary News Source: Pulsivic.com

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