अमेरिका ने TRF को आतंकी संगठन घोषित किया! पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड कौन?

अमेरिका ने TRF को आतंकी संगठन घोषित किया – पहलगाम हमले के पीछे क्या है असली सच?

अमेरिका ने आखिरकार वही किया जिसकी उम्मीद थी। उसने “द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)” को आधिकारिक तौर पर आतंकी संगठन घोषित कर दिया। और सच कहूं तो, यह कदम बहुत देर से आया। खासकर तब, जब 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 मासूम पर्यटकों की जान ले ली गई। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने साफ-साफ कह दिया – TRF कोई नया संगठन नहीं, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का ही दूसरा चेहरा है। और हां, यह पाकिस्तान से चल रहा है। क्या यह कोई नई बात है? शायद नहीं, लेकिन अब इस पर मुहर लग गई है।

TRF क्या है? और पहलगाम हमला इतना खास क्यों?

देखिए, TRF के बारे में बात करें तो यह कोई नया खेल नहीं है। पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा के दिमाग से यह आइडिया निकाला था – एक ऐसा संगठन जो कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों और आम नागरिकों को निशाना बनाए। लेकिन पहलगाम हमला… यह कुछ अलग था। 22 अप्रैल की वो सुबह, बैसरन घाटी, पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी। 26 लोग मारे गए। सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ TRF का काम था? क्योंकि खुफिया सूत्र तो कुछ और ही कह रहे हैं – ISI का हाथ। हैरानी की बात नहीं, सच कहूं तो।

अमेरिका का फैसला: सिर्फ एक फॉर्मेलिटी या असली बदलाव?

अब अमेरिका ने TRF को “Foreign Terrorist Organization (FTO)” की लिस्ट में डाल दिया है। अच्छा कदम है, लेकिन असल सवाल यह है कि इससे क्या बदलेगा? फंडिंग पर रोक लगेगी, अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा – यह तो ठीक है। भारत ने इसका स्वागत किया है, और ठीक ही किया। लेकिन क्या पाकिस्तान पर यह दबाव काम करेगा? क्योंकि हम सब जानते हैं कि TRF और LeT – दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। और वो सिक्का पाकिस्तान से ही चल रहा है।

दुनिया क्या कह रही है? और पाकिस्तान… हमेशा की तरह चुप?

भारत का विदेश मंत्रालय खुश है – और होना भी चाहिए। अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने साफ कहा – “TRF और LeT एक ही हैं।” लेकिन पाकिस्तान? अभी तक चुप्पी। शायद वो अपने पुराने रिकॉर्ड के अनुसार इनकार करने की तैयारी कर रहा है। या फिर… क्या वो इस बार कुछ अलग करेगा? मुझे नहीं लगता।

आगे क्या? क्या यह फैसला असली बदलाव लाएगा?

अब देखना यह है कि यह फैसला कितना कारगर साबित होता है। पहला तो, पाकिस्तान पर दबाव बढ़ेगा – क्योंकि TRF और ISI का कनेक्शन अब छुपाना मुश्किल होगा। दूसरा, भारत और अमेरिका मिलकर TRF के नेटवर्क को नष्ट करने की कोशिश करेंगे। और तीसरा, कश्मीर में सुरक्षा बलों को और मजबूती मिलेगी। लेकिन सच तो यह है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लंबी है। यह फैसला एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन यही काफी नहीं है।

अंत में, एक बात साफ है – आतंकवाद किसी एक देश की नहीं, पूरी दुनिया की समस्या है। और TRF पर यह फैसला इस बात का संकेत है कि अब दुनिया इसे गंभीरता से ले रही है। बाकी… वक्त बताएगा।

TRF और पहलगाम हमला: आपके मन में उठ रहे सारे सवालों की पड़ताल

1. TRF आखिर है क्या? और अमेरिका ने इसे आतंकी संगठन क्यों कहा?

देखिए, TRF यानी The Resistance Front… नाम तो बड़ा शानदार रखा है, लेकिन असलियत? एक और पाकिस्तान-समर्थित गुट जो कश्मीर में हिंसा फैलाने पर तुला हुआ है। अमेरिका ने इसे आतंकी संगठन इसलिए घोषित किया, क्योंकि ये innocent लोगों को निशाना बनाने से लेकर हिंसक activities तक में लिप्त है। सीधे शब्दों में कहें तो – एक और नकली ‘प्रतिरोध’ का नाटक करने वाला गिरोह।

2. पहलगाम हमले के पीछे किसका हाथ है?

अभी तक तो security agencies की रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हमला TRF के एक top commander की साजिश थी। पर सच कहूं? नाम अभी officially सामने नहीं आया है। ऐसे में कुछ भी दावे के साथ कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन इतना तय है कि ये कोई छोटा-मोटा खिलाड़ी नहीं, बल्कि उनका बड़ा चेहरा है।

3. सवाल यह उठता है – क्या TRF का पाकिस्तान से कोई कनेक्शन है?

बिल्कुल है भाई! और वो भी कोई छुपा हुआ रहस्य नहीं। Security agencies के data और past records देखें तो साफ पता चलता है कि TRF, Lashkar-e-Taiba (LeT) का ही दूसरा चेहरा है। फंडिंग हो, training हो या weapons – सब कुछ पाकिस्तान से ही चल रहा है। है न दिलचस्प? एक तरफ तो वो खुद को ‘कश्मीरी प्रतिरोध’ बताते हैं, दूसरी तरफ उनकी पूरी पौष्टिक आहार पाकिस्तान से आ रही है!

4. भारत ने TRF के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं?

अब यहां थोड़ा सकारात्मक पक्ष। भारत ने इनके खिलाफ काफी proactive action लिया है – members को arrest करना, hideouts को तहस-नहस करना, और सबसे important बात – international level पर इन्हें बेनकाब करने की कोशिशें। पर सच पूछो तो? ये लड़ाई अभी लंबी चलने वाली है। जैसे मच्छर भगाने के लिए एक ही थप्पड़ काफी नहीं होता, वैसे ही…

Source: Aaj Tak – Home | Secondary News Source: Pulsivic.com

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