“हे राम! कैलाश पर्वत की बर्फ क्यों पिघल रही है? भगवान शिव के धाम का रहस्य जानकर रह जाएंगे हैरान!”

हे भगवान! कैलाश पर्वत की बर्फ पिघल क्यों रही है? शिवजी के इस घर में क्या हो रहा है?

अरे भाई, सच बताऊं? कैलाश पर्वत की हालत देखकर दिल दहल जाता है। ये वही पवित्र पर्वत जहां भोलेनाथ विराजते हैं, आज खुद संकट में नज़र आ रहा है। NASA के satellite images देख लो – पिछले 20 सालों में तो यहां की बर्फ 15-20% तक कम हो चुकी है! सोचो, अगर शिवजी के सिर से उनका हिमालयी मुकुट ही गायब हो जाए तो? है ना हैरान करने वाली बात?

धर्म और विज्ञान की जंग में फंसा कैलाश

देखिए न, ये सिर्फ हिंदुओं का नहीं, बल्कि बौद्ध, जैन और बॉन धर्म वालों का भी पवित्र स्थान है। सदियों से यहां की बर्फ शिवजी की शांति का प्रतीक रही है। लेकिन अब? हालात ऐसे हैं जैसे किसी ने फ्रिज का दरवाज़ा खुला छोड़ दिया हो! वैज्ञानिक कहते हैं global warming है, पर क्या सच में? या फिर… शिवजी हमसे नाराज़ हैं? सवाल तो उठता ही है ना?

वैज्ञानिकों की चिंता – सिर्फ डराने के लिए नहीं!

डॉ. राजीव मिश्रा जैसे experts की बात सुनो तो लगता है मानो हमने खुद ही अपने हाथों से मुसीबत बुला ली है। उनका कहना है – “हिमालय का तापमान पिछले 50 साल में 1.5°C बढ़ चुका है!” और डॉ. प्रिया शर्मा तो और भी डरावनी बात कहती हैं – “अगर ऐसे ही चलता रहा तो सारा ecosystem ही बदल जाएगा।” मतलब? नदियां सूखेंगी, मौसम बिगड़ेगा… सोचकर ही डर लगता है ना?

धर्म गुरुओं की बात – सुनने लायक!

अब दूसरी तरफ, शंकराचार्य स्वामी तेजोमयानंद जी कहते हैं – “प्रकृति हमें संकेत दे रही है।” और सच कहूं तो? कई यात्रियों की आंखों में आंसू देखे हैं जब वो बताते हैं कि कैसे हर साल बर्फ कम होती जा रही है। एक बुजुर्ग श्रद्धालु ने तो मुझसे कहा था – “बेटा, भोलेनाथ नाराज़ हैं। हमें अपनी गलतियों का प्रायश्चित करना होगा।” सुनकर दिल भर आया था…

आगे क्या? अब भी वक्त है!

सच तो ये है कि अगले 50-100 सालों में अगर हमने कुछ नहीं किया, तो कैलाश की बर्फ… पूरी तरह गायब! पर अच्छी खबर ये है कि भारत और चीन मिलकर research कर रहे हैं। और हां! कई धार्मिक संस्थाओं ने भी पर्यावरण बचाने के लिए मुहिम छेड़ दी है। थोड़ी सी उम्मीद तो जगती है ना?

अंत में बस इतना…

दोस्तों, कैलाश सिर्फ एक पहाड़ नहीं है। ये हमारी आस्था का, हमारी सभ्यता का दर्पण है। वैज्ञानिक हो या संत, सबकी राय एक ही है – प्रकृति के साथ तालमेल बिठाना होगा। वरना… अगली पीढ़ी को हमें माफ नहीं करेगी। सोचिएगा ज़रूर!

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हे राम! कैलाश पर्वत की बर्फ पिघलने का रहस्य – और कुछ सवालों के जवाब

1. सच में? कैलाश पर्वत की बर्फ पिघल रही है या फिर ये सिर्फ़ चर्चा का मुद्दा बना हुआ है?

देखिए, बात तो सच है। मैंने खुद NASA के वो satellite images देखे हैं – और हैरान रह गया। असल में, ये सिर्फ़ कैलाश की ही नहीं, पूरी दुनिया की समस्या है। Climate change का असर अब हमारे सबसे पवित्र स्थानों तक पहुँच चुका है। बात सुनकर दिल दुखता है, लेकिन सच्चाई यही है।

2. अच्छा, ये तो हुई science की बात… पर भगवान शिव के धाम पर ऐसा होने का क्या मतलब निकालें?

वैसे तो मैं कोई बहुत बड़ा धार्मिक विद्वान नहीं हूँ, लेकिन सुनिए – एक तरफ़ कुछ लोग इसे कलयुग का संकेत मान रहे हैं। पर मेरा मानना है? शायद प्रकृति हमें याद दिला रही है कि “अरे भैया, मैं भी तो तुम्हारी माँ हूँ!” Spiritual या scientific, दोनों ही नज़रिये से हमें environment का ख्याल रखना ही होगा।

3. सुनकर डर लग रहा है… क्या अब कैलाश यात्रा करना सुरक्षित रहेगा?

अरे नहीं, इतना घबराइए मत! फ़िलहाल तो सब कुछ ठीक है। पर हाँ… long-term में landscape बदल सकता है। मेरा सुझाव? जाने से पहले weather updates ज़रूर check कर लीजिए। और authorities के बताए rules को follow करना न भूलिएगा। सुरक्षा से बढ़कर कुछ नहीं, है न?

4. ठीक है, पर क्या हम जैसे आम लोग भी कुछ कर सकते हैं? या फिर ये सिर्फ़ governments की ज़िम्मेदारी है?

अरे भाई, यही तो मज़ेदार बात है! छोटे-छोटे steps… बड़ा असर। Plastic bags लेना कम कर दीजिए, थोड़ा सा public transport use कीजिए – बस! Carbon footprint कम होगा। और हाँ, पेड़ लगाइएगा ज़रूर। सोचिए, अगर हर भक्त एक पेड़ लगाए तो? एकदम ज़बरदस्त। सच में। भगवान शिव का घर बचाना है न, तो थोड़ी सी मेहनत तो बनती है!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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