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“CJI का चेतावनी: ED की हदें पार करने पर भारत न चले चीन-तुर्किये के रास्ते पर!”

CJI ने ED को लेकर क्या कहा? सुप्रीम कोर्ट का ऐसा स्टैंड जिसने सबको चौंका दिया!

आज CJI ने जो कुछ कहा, उसने दिल्ली के गलियारों से लेकर हमारे ट्विटर टाइमलाइन तक सनसनी फैला दी है। सीधे शब्दों में कहें तो – सुप्रीम कोर्ट ने ED को एक तरह से ‘लाल बत्ती’ दिखा दी है। और ये कोई साधारण चेतावनी नहीं है, बल्कि एक गंभीर चिंता है कि अगर ED इसी तरह से अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करता रहा, तो हम चीन जैसे देशों की राह पर चल पड़ेंगे। बड़ी बात ये कि CJI ने ये बातें बिना लाग-लपेट के कहीं। सच कहूँ तो, ऐसी साफगोई आजकल कम ही सुनने को मिलती है।

अब सवाल ये उठता है कि ED है क्या चीज़? तो दोस्तों, ED यानी Enforcement Directorate – ये वो एजेंसी है जो बड़े-बड़े white-collar crimes और black money के मामलों की जाँच करती है। PMLA कानून के तहत इसे काफी ताकत मिली हुई है। पर यहीं से शुरू होती है दिक्कत। पिछले कुछ सालों में ED के काम करने के तरीके पर सवाल उठते रहे हैं। क्या ये सच में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कर रही है या फिर…? आप समझ रहे हैं न मेरा इशारा?

पूरा मामला तब और गरमा गया जब CJI ने एक केस की सुनवाई के दौरान सीधे-सीधे कह दिया – “अगर संस्थाएँ ज़रूरत से ज़्यादा ताकतवर हो जाएँगी, तो हम एक तरह की dictatorship की तरफ बढ़ जाएँगे।” और फिर उन्होंने चीन-तुर्की का उदाहरण दिया। भई, ये कोई हल्की-फुल्की टिप्पणी नहीं थी! कानूनी जानकारों के बीच तो ये बम विस्फोट जैसा था।

अब नतीजा क्या हुआ? जैसा कि हमेशा होता है – राजनीति शुरू। सरकार का कहना है कि ED तो बस अपना काम कर रही है। वहीं विपक्ष ने CJI की बात को पूरा समर्थन दिया है। पर असल सवाल ये है कि आम आदमी के लिए इसका क्या मतलब है? देखा जाए तो ये पूरा मामला हमारे लोकतंत्र के future से जुड़ा हुआ है।

तो अब क्या होगा? मेरी निजी राय में, सुप्रीम कोर्ट ED पर और tight regulations लगा सकता है। PMLA में changes की मांग तेज हो सकती है। और सबसे important – ED के हर कदम पर अब court की नजर और पैनी होगी। CJI ने जो संदेश दिया है, वो सिर्फ ED के लिए ही नहीं, बल्कि हर सरकारी एजेंसी के लिए एक warning है।

अंत में बस इतना कहूँगा – CJI की ये टिप्पणी कोई छोटी-मोटी बात नहीं है। ये हमारे लोकतंत्र की मजबूती और संस्थाओं के बीच balance को लेकर एक बड़ी चेतावनी है। और हाँ, ये बात तो clear हो ही गई कि independent judiciary ही democracy की असली शक्ति है। वरना… खैर, आप समझ गए होंगे!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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