F-35 vs Su-57: भारत की 5वीं जेन जेट्स डील! कौन जीतेगा भारतीय वायुसेना का दिल?
अरे भाई, भारतीय वायुसेना ने तो इस बार बड़ा गेम-चेंजर मूव किया है! 5th Gen Fighter Jets की खरीद की बात चल रही है, और ये कोई छोटी-मोटी डील नहीं है। अमेरिका का F-35 और रूस का Su-57 तो टकरा ही रहे हैं, लेकिन हमारा अपना AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) भी इस रेस में कूद गया है। सोचिए, ये डील सिर्फ हमारी सैन्य ताकत ही नहीं बढ़ाएगी, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया का पावर बैलेंस ही बदल देगी। कमाल की बात है न?
मामले की पृष्ठभूमि: भारत की लंबी तलाश
देखिए, हम लोगों को 5वीं पीढ़ी के जेट्स की जरूरत क्यों है? असल में चीन और पाकिस्तान के मुकाबले हवाई बढ़त बनाए रखनी है ना। 2018 में रूस के साथ Su-57 को लेकर बातचीत हुई थी, लेकिन अभी तक कुछ ठोस हुआ नहीं। और अब अमेरिका ने F-35 की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का लालच देकर गेंद फेंक दी है! वहीं हमारा AMCA… सच कहूं तो अभी तो वो बच्चा है जो चलना सीख रहा है। IAF को उस पर पूरा भरोसा हो, ऐसा भी नहीं लगता।
मुख्य अपडेट: तीनों विकल्पों की स्थिति
अभी हाल में क्या-क्या हुआ है? एक तरफ अमेरिका F-35 देने को तैयार है, साथ ही ‘Make in India’ के नाम पर कुछ पार्ट्स यहीं बनाने का वादा भी कर रहा है। रूस वालों ने? वो तो अपने Su-57 की तारीफों के पुल बांध रहे हैं – “परफॉरमेंस देखो, हमारे रिश्ते देखो!” वहीं DRDO वाले AMCA को 2030 तक तैयार करने की बात कर रहे हैं, लेकिन IAF का साफ कहना है – “भई, हमें अभी के लिए कुछ चाहिए!” समझ सकते हैं न?
प्रतिक्रियाएं: विशेषज्ञों और राजनीतिक दलों की राय
इस पूरे मामले पर सबके अपने-अपने तीर हैं। एयर मार्शल (रिटायर्ड) अनिल चोपड़ा कहते हैं F-35 की स्टील्थ टेक्नोलॉजी बेहतर है, लेकिन Su-57 तो उड़ता है जैसे कोई बाज़! DRDO के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. राजन मिश्र की चिंता अलग है – “अगर AMCA पर भरोसा नहीं किया तो हम हमेशा विदेशी माल पर निर्भर रह जाएंगे।” राजनीति वालों ने तो मौका ही देख लिया – कांग्रेस पूछ रही है “कहीं ये राफेल डील जैसा घोटाला तो नहीं?”, जबकि BJP का जवाब है “देश की सुरक्षा से ऊपर कुछ नहीं!” सबको अपनी-अपनी रोटी सेकनी है ना!
आगे क्या होगा? भारत के लिए अहम फैसला
2024 तक कुछ न कुछ तो तय होगा ही। F-35 मिला तो अमेरिका के साथ रिश्ते और गहरे होंगे। Su-57 लिया तो रूस खुश होगा, लेकिन अमेरिका नाराज़ हो सकता है। और AMCA? वो तो लंबी रेस का घोड़ा है – फायदा तो बहुत है, लेकिन इंतज़ार भी लंबा करना पड़ेगा।
एक बात तो तय है – अब हम हवा में पीछे रहने वाले नहीं हैं। ये डील सिर्फ जेट्स की नहीं, पूरे क्षेत्र की ताकत के समीकरण बदल देगी। जमीन की लड़ाई तो अब पुरानी हो चुकी – असली युद्ध तो अब आसमान में लड़ा जाएगा, और भारत इसके लिए पूरी तरह तैयार हो रहा है। क्या आपको नहीं लगता?
F-35 vs Su-57: भारत की 5वीं जेन जेट्स डील पर जलते सवालों की आंच
अरे भाई, ये F-35 और Su-57 का चर्चा तो आजकल हर defense enthusiast के मुंह पर है। सोशल मीडिया से लेकर चाय की दुकान तक – हर जगह बहस गर्म है। तो चलिए, इस मसले को थोड़ा खोलकर देखते हैं।
1. F-35 और Su-57 – दोनों में असली फर्क क्या है?
देखिए, ये दोनों ही 5वीं पीढ़ी के जेट्स हैं, लेकिन इनका DNA अलग-अलग है। F-35, जिसे अमेरिका का Lockheed Martin बनाता है, वो तो एक तरह का टेक्नोलॉजी विंडरकिंड है। इसके sensors और networking capabilities देखकर तो माउथ वाटर आ जाता है। वहीं दूसरी तरफ रूस का Su-57… अरे यार, ये तो उस जंगली घोड़े की तरह है जो हवा में कलाबाजियां कर सकता है! इसकी super maneuverability और भारी-भरकम हथियार ढोने की क्षमता तो कमाल की है।
2. सवाल यह है कि भारत आखिर किसे चुनेगा?
अभी तक तो कोई ऑफिशियल ऐलान नहीं हुआ है। पर अंदर की खबरें कुछ और कह रही हैं। हमारा पुराना रिश्ता रूस के साथ है न, तो Su-57 की तरफ झुकाव दिख रहा है। लेकिन… और यहां बड़ा लेकिन है… अगर अमेरिका के साथ हमारे defense ties और गहरे हुए, तो F-35 भी गेम चेंजर साबित हो सकता है। राजनीति, है न?
3. असली मुद्दा – कौन सा जेट हमारे लिए बेस्ट फिट होगा?
यार, ये तो वैसा ही सवाल है जैसे कोई पूछे – iPhone बेहतर या Android? हर चीज के अपने फायदे-नुकसान हैं। F-35 की स्टील्थ और टेक्नोलॉजी तो कमाल की है, पर Su-57 हमारे मौजूदा Russian फ्लीट (जैसे Su-30MKI) के साथ ज्यादा कंपैटिबल है। और हां, कीमत का सवाल भी तो है! फाइनली, ये सब operational जरूरतों, बजट और… हां हां, थोड़ी बहुत जियोपॉलिटिक्स पर भी निर्भर करेगा।
4. क्या हम खुद बना सकते हैं 5वीं जेन जेट?
बिल्कुल! हमारा AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोग्राम तो चल ही रहा है। पर सच बताऊं? इसमें टाइम तो लगेगा ही। जब तक हमारा देसी जेट तैयार होगा, तब तक तो शायद हम 6th जेन पर बात करने लगेंगे! इसलिए शॉर्ट टर्म में F-35 या Su-57 जैसे रेडीमेड ऑप्शन्स पर विचार करना समझदारी होगी।
तो ये थी इस मसले पर मेरी दो पैसे की राय। आपको क्या लगता है? कमेंट में बताइएगा जरूर… और हां, अगर कुछ जानकारी गलत लगे तो माफ कीजिएगा – आखिर इंसान हूं न! 😊
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com