no husband approval needed for divorce just say khula 20250626115131248764

तलाक के लिए अब नहीं चाहिए पति की मंजूरी! सिर्फ ये एक शब्द बोलो और खत्म होगी शादी

तलाक के लिए अब पति की मंजूरी की जरूरत नहीं! बस ये एक शब्द बोलो और शादी खत्म

क्या हुआ नया?

तेलंगाना हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है जो मुस्लिम महिलाओं को तलाक लेने का आसान रास्ता देता है। अब महिलाएं सिर्फ ‘खुला’ कहकर, बिना पति या किसी और की मंजूरी के, अपनी शादी खत्म कर सकती हैं। देखा जाए तो ये फैसला शरीयत कानून और महिला अधिकारों के बीच एक बेहतर बैलेंस बनाता है।

‘खुला’ आखिर है क्या?

इस्लामिक कानून में इसका मतलब

असल में ‘खुला’ इस्लाम में एक तरह का तलाक है जहाँ औरत अपनी मर्जी से शादी खत्म कर सकती है। कई बार ये पति-पत्नी की आपसी सहमति से भी होता है।

कैसे काम करता है?

महिला को बस ‘खुला’ शब्द बोलना होता है या कोर्ट के सामने अपनी इच्छा जाहिर करनी होती है। अब कोर्ट की जिम्मेदारी सिर्फ ये चेक करने तक सीमित है कि महिला की मर्जी असली है या नहीं।

कोर्ट ने क्या कहा?

फैसले की खास बातें

अब मुस्लिम महिलाओं को तलाक के लिए न तो पति की मंजूरी चाहिए, न ही किसी मौलवी या शरीयत बोर्ड की। कोर्ट सिर्फ ये देखेगा कि महिला की इच्छा पर किसी का दबाव तो नहीं।

क्यों है ये फैसला अहम?

ये फैसला महिलाओं को उनका हक देता है। अब वो पुराने रिवाजों के चक्कर में फंसे बिना अपनी जिंदगी के फैसले खुद ले सकती हैं।

पहले क्या था सिस्टम?

पुराने नियम कैसे काम करते थे

पहले तो महिलाओं को तलाक के लिए पति की मंजूरी लेनी पड़ती थी, या फिर शरीयत बोर्ड के सामने जाना पड़ता था। नतीजा ये होता था कि कई बार महिलाओं को गलत तरीके से रोका जाता था या दबाव डाला जाता था।

क्यों जरूरी था ये बदलाव?

पुराने सिस्टम में महिलाओं को अक्सर न्याय नहीं मिल पाता था। इस नए फैसले से उन्हें अपने हक की लड़ाई में ताकत मिलेगी।

लोगों के मन में सवाल

क्या ये फैसला सभी मुस्लिम महिलाओं पर लागू होता है?

हां, भारत में रहने वाली सभी मुस्लिम महिलाएं इस फैसले का फायदा उठा सकती हैं।

क्या पति इसके खिलाफ कोर्ट जा सकता है?

पति कोर्ट में अपील कर सकता है, लेकिन फैसले में महिला की मर्जी को ही प्राथमिकता दी जाएगी।

आखिर में

ये फैसला मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की दिशा में एक बड़ी छलांग है। अब वो बिना किसी डर या दबाव के अपनी शादी खत्म कर सकती हैं। बस जरूरत है समाज में जागरूकता फैलाने की, ताकि हर महिला अपने हक को जान सके।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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