सौम्या हत्याकांड का आरोपी गोविंदाचामी जेल से भागा… पर पकड़ा गया! पुलिस ने कैसे दबोचा?
अरे भई, कन्नूर सेंट्रल जेल में तो बड़ा हंगामा हो गया! 2011 के उस कुख्यात सौम्या हत्याकांड का मुख्य आरोपी गोविंदाचामी जेल से फरार होने की कोशिश कर रहा था। सच कहूं तो ये खबर सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए। सोचिए, जिस शख्स ने एक मेडिकल student की निर्मम हत्या की, वो फिर से बाहर निकलने की फिराक में था! हालांकि, पुलिस ने चालाकी से काम लिया और उसे समय रहते पकड़ लिया। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ये हादसा हुआ कैसे?
गोविंदाचामी कौन है? एक नजर पुराने केस पर
देखिए, गोविंदाचामी कोई आम कैदी नहीं है। 2011 का वो केस याद है न, जब केरल की मेडिकल student सौम्या की हत्या ने पूरे देश को हिला दिया था? उसी का मुख्य आरोपी है ये। उम्रकैद की सजा काट रहा था कन्नूर जेल में। पर लगता है सजा से ज्यादा इसको फरार होने की सजा पसंद आई!
जेल के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि ये तो हफ्तों से प्लानिंग कर रहा था। धीरे-धीरे सलाखें काटी, मौके का इंतजार किया। पर भगवान का शुक्र है कि पुलिस की नजर से बच नहीं पाया। वैसे ये सवाल जरूर उठता है कि इतने dangerous कैदी पर नजर कैसे ढीली हो गई?
रात के अंधेरे में क्या हुआ? पूरी कहानी
तो कहानी कुछ यूं है – रात का वक्त, अंधेरा घना, और ये दोनों कैदी चुपके से भागने की तैयारी में। लेकिन भईया, जेल के गार्ड्स भी क्या कम alert हैं! उन्हें कुछ शक हुआ और बस फिर क्या था… पूरी पुलिस मूवमेंट में आ गई। छापेमारी शुरू, और कुछ ही घंटों में दोनों को पकड़ लिया गया।
अब जेल प्रशासन तो मानो आग बबूला है। internal inquiry शुरू हो गई है, और लापरवाह staff के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। पर सच पूछो तो ये सब तो होना ही चाहिए था। जब तक ऐसे लोगों को सख्त सजा नहीं मिलेगी, ये सिलसिला थमने वाला नहीं।
किसने क्या कहा? प्रतिक्रियाओं का दौर
केरल पुलिस तो मानो छाती फुला कर बोल रही है – “हमने तो मामले को तुरंत संभाल लिया!” एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब गोविंदाचामी पर भागने का अलग केस बनेगा। मतलब सजा और लंबी होगी। अच्छा हुआ न!
लेकिन सबसे दर्दनाक प्रतिक्रिया आई सौम्या के परिवार की तरफ से। उनका कहना है – “हां, राहत तो है कि वो भाग नहीं पाया… पर ये सोचकर डर लगता है कि ऐसे खतरनाक लोगों पर नजर रखने में लापरवाही हो रही है।” और सच में, उनकी बात में दम तो है।
अब आगे क्या? जेल सुधार के वादे
इस घटना के बाद तो केरल सरकार ने जेल सिस्टम को ही revise करने का ऐलान कर दिया है। कुछ immediate steps जो announce किए गए:
- CCTV cameras बढ़ाए जाएंगे – अब तो हर कोना नजर में रहेगा
- कैदियों की head count अब और सख्ती से होगी
- जेल staff के लिए नए guidelines – कोई लापरवाही नहीं चलेगी
- भागने की कोशिश? तो सजा और सख्त!
पर सच कहूं तो ये सब तो होना ही चाहिए था। जब गोविंदाचामी जैसे high-profile कैदी आसानी से भागने की सोच सकते हैं, तो समझ लीजिए हमारी जेल व्यवस्था में कितने छेद हैं! शायद अब वक्त आ गया है कि हमारा correctional system पूरी तरह revise हो। वरना… अगली बार शायद भागने में कामयाब हो जाएं ये लोग। और फिर? फिर तो बहुत देर हो चुकी होगी।
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सौम्या हत्याकांड का मुख्य आरोपी गोविंदाचामी जेल से फरार हो गया? सच में? और एक दूसरे कैदी की भागने की कोशिश भी नाकाम रही? ये घटनाएं तो जेल सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवालिया निशान लगाती हैं। लेकिन सच कहूं तो, इस पूरे मामले में एक रोचक पहलू यह है कि पुलिस ने काफी तेजी से काम किया और स्मार्ट तकनीक का इस्तेमाल करके केस को सुलझा लिया।
अब सोचने वाली बात ये है कि आखिर ऐसा क्यों होता रहता है? हर बार जेल से फरार होने की घटनाएं, फिर पुलिस एक्शन… यह चक्र कब तक चलेगा? मेरे हिसाब से तो यह साफ दिखाता है कि हमें अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ-साथ निगरानी व्यवस्था को भी मॉडर्न बनाने की जरूरत है।
एक तरफ तो हमारे पास हाई-टेक सिस्टम्स हैं, लेकिन दूसरी ओर बेसिक सुरक्षा में लापरवाही? यह तो वैसा ही है जैसे फाइव स्टार होटल में रहें, लेकिन दरवाज़े का ताला टूटा हो! सच कहूं तो, इस मामले ने हमें एक बार फिर याद दिला दिया है कि…
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com