government warns air india to stop backseat driving 20250727002911519984

** सरकार का Air India को सख्त निर्देश: ‘बैकसीट ड्राइविंग’ बंद करो, प्रमुख विभागों पर दें ध्यान!

Air India को सरकार की सख्त फटकार: ‘बैकसीट ड्राइविंग’ बंद करो, वरना…

अरे भई, अब तो सरकार ने गंभीर होकर Air India को लताड़ लगा दी है! नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एकदम साफ़-साफ़ कह दिया है – “ये बैकसीट ड्राइविंग (यानी बिना अधिकार वालों का दखल) अब बंद होनी चाहिए।” खासकर सुरक्षा, संचालन और रखरखाव जैसे अहम विभागों में। सच कहूँ तो ये आदेश किसी चेतावनी से कम नहीं है। और वजह? हाल में सामने आई सुरक्षा लापरवाहियाँ और वो विवादास्पद मामला जहाँ बिना जिम्मेदारी वाले लोग बड़े फैसलों में टाँग अड़ा रहे थे।

असल में देखा जाए तो Air India पिछले कुछ समय से एक के बाद एक विवादों में घिरी हुई है। सुरक्षा मानकों को लेकर सवाल? हैं। संचालन की खामियाँ? हैं। लेकिन हाल की घटना ने तो केक पर आइसिंग लगा दी। कल्पना कीजिए – कोई बाहरी व्यक्ति या गैर-जिम्मेदार अधिकारी आपके घर के मेन स्विच बोर्ड में छेड़छाड़ करे! बिल्कुल वैसा ही हाल यहाँ था। नतीजा? एक तरफ तो अंदरूनी अराजकता, दूसरी तरफ यात्री सुरक्षा को खतरा। और यही वो लाइन थी जिसे पार करने के बाद सरकार को कदम उठाना पड़ा।

तो अब सरकार ने क्या-क्या गाज गिराई है? पहली और सबसे अहम बात – बैकसीट ड्राइविंग पर पूर्ण प्रतिबंध। दूसरा, जिन विभागों के जिम्मे जो काम है, उन्हें पूरी आज़ादी से करने दो। कोई अनावश्यक दबाव नहीं। मजे की बात ये कि सरकार ने साफ़ कहा है – “अगर कोई गड़बड़ हुई तो जिम्मेदार व्यक्ति साफ़ पहचान में आएगा।” एक तरह से जवाबदेही तय कर दी गई है। सच कहूँ तो ये उतना ही जरूरी है जितना कि किसी प्लेन में पायलट और को-पायलट के बीच साफ़ भूमिका बँटवारा।

अब सवाल ये कि इंडस्ट्री इस पर क्या कह रही है? Air India का कहना है – “हम पूरी तरह compliant हैं।” पर विशेषज्ञों की राय? “सही कदम, देर से आया।” एक पूर्व पायलट ने मुझे बताया – “ये बैकसीट ड्राइविंग कल्चर सच में खतरनाक है। जैसे कोई passenger आकर कॉकपिट में पायलट को बताए कि प्लेन कैसे उड़ाना है!” वहीं कर्मचारी संघ खुश हैं कि अब असली जिम्मेदार लोगों को अधिकार मिलेंगे।

मगर अब आगे क्या? सच्चाई ये है कि Air India को अपनी पूरी कार्यप्रणाली में बड़े बदलाव करने होंगे। एक्शन प्लान बनाना होगा। नहीं तो? तो फिर सरकार और सख्त हो सकती है – टॉप मैनेजमेंट में बदलाव तक की नौबत आ सकती है। और ये तो सिर्फ शुरुआत है। अगर ये फॉर्मूला कामयाब हुआ तो फिर तो दूसरी एयरलाइंस को भी इसी रास्ते पर चलना पड़ेगा।

आखिर में? सरकार का ये कदम Air India के लिए टर्निंग प्वाइंट हो सकता है। पर सवाल वही है – क्या एयरलाइन इसे गंभीरता से लेगी? क्योंकि अब तो बात सिर्फ छवि की नहीं, सुरक्षा और विश्वसनीयता की है। और ये तो हर यात्री का बुनियादी अधिकार है। है न?

Air India के नए निर्देश: जानिए क्या बदलने वाला है और क्यों?

अरे भाई, क्या आपने भी सुना Air India के बारे में नए निर्देशों का मामला? सोशल मीडिया पर तो बवाल सा मचा हुआ है। चलिए, आज इसी पर बात करते हैं – बिना किसी जटिल भाषा के, बिल्कुल आम बोलचाल की भाषा में।

1. सरकार ने Air India को ‘बैकसीट ड्राइविंग’ से क्यों रोका?

सीधी बात करें तो… क्या आपको पसंद आएगा अगर कोई आपके काम में बार-बार टांग अड़ाए? वही हाल Air India का था। सरकार का कहना है – “भाई, अपने मुख्य काम पर ध्यान दो!” Flight operations और passenger services जैसे core areas को छोड़कर दूसरे departments में दखल देना बंद करो। असल में, यह वैसा ही है जैसे घर का काम छोड़कर पड़ोसी के घर के काम में उलझ जाना। समझ गए न?

2. अब Air India को किन चीज़ों पर फोकस करना होगा?

सुनिए, सरकार ने कुछ खास points पर जोर दिया है:
– Flight operations (यानी विमानों का सही तरीके से चलना)
– Customer service (अब शायद complaint करने पर जवाब मिले!)
– Safety standards (यह तो बेहद ज़रूरी है न?)
– Financial management (पैसों का हिसाब-किताब)

एक तरह से कहें तो, अब Air India को अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना होगा, दोस्तों के नोट्स कॉपी करने की बजाय। थोड़ा कठोर लगता है, लेकिन ज़रूरी है।

3. क्या यह सब privatization से जुड़ा है?

अच्छा सवाल पूछा! देखिए… जब आप घर बेचने जा रहे हों, तो उसे साफ-सुथरा करके रखते हैं न? वही बात यहाँ भी। सरकार चाहती है कि जब Air India को नए मालिकों को बेचा जाए, तो वह एक सुचारु रूप से चलने वाली कंपनी लगे। ईमानदारी से कहूँ तो, अभी तक की performance देखकर तो कोई भी investor डर जाएगा!

4. हम passengers को क्या फायदा होगा?

अगर सब कुछ ठीक से implement हुआ तो…
– Flights समय पर (अब शायद 4 घंटे लेट नहीं होंगी!)
– Service बेहतर (खाने में पत्थर नहीं मिलेंगे शायद)
– Safety बढ़ेगी (यह तो बेसिक चीज़ है भाई)

पर हाँ, यह सब ‘अगर’ पर निर्भर करता है। क्योंकि हम सभी जानते हैं – नियम बनाना और उन्हें लागू करना, दो अलग-अलग बातें हैं। फिलहाल तो उम्मीद करते हैं कि इस बार सब कुछ सही दिशा में जाएगा।

तो कैसा लगा आपको यह analysis? थोड़ा casual तरीके से समझाने की कोशिश की है। कोई सवाल हो तो नीचे comment में ज़रूर पूछिएगा!

Source: Times of India – Main | Secondary News Source: Pulsivic.com

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