लाडकी बहन योजना में पुरुषों की घुसपैठ? अजित पवार ने लिया सख्त एक्शन!
अरे भई, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने तो आज कमाल कर दिया! उन्होंने सरकार की “लाडकी बहन योजना” में पुरुषों की चुपके-चुपके एंट्री पर बड़ा सख्त बयान दे डाला। सीधे शब्दों में कहा – “ये स्कीम सिर्फ बहनों के लिए बनी है। कोई भैया लोग चालाकी करके फायदा उठाएंगे तो… बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा!” और ये बयान ऐसे वक्त आया है जब कुछ केस में पुरुषों ने इस योजना का गलत फायदा उठाने की कोशिश की थी।
अब सवाल यह है कि आखिर ये पूरा मामला क्या है? चलिए समझते हैं। लाडकी बहन योजना असल में महाराष्ट्र सरकार का एक बेहतरीन प्रयास है जो गांव-देहात की लड़कियों को पढ़ाई और आत्मनिर्भर बनाने में मदद करता है। लेकिन… हमेशा की तरह कुछ लोगों ने इसमें लूफरमंटी शुरू कर दी। कुछ भैय्या लोगों ने इसका गलत फायदा उठाने की कोशिश की। सच कहूं तो ये बिल्कुल वैसा ही है जैसे कोई मर्द महिला आरक्षित डिब्बे में घुस जाए!
इस बीच एक और दिलचस्प डेवलपमेंट – धनंजय मुंडे को कोर्ट से थोड़ी राहत मिली है। इस पर पवार साहब का कहना है – “अभी कुछ जांच रिपोर्ट्स बाकी हैं। हम पूरी तरह निष्पक्ष रहेंगे। अगर सब कुछ सही निकला तो… फिर देखा जाएगा।” एक तरह से उन्होंने बात को संतुलित तरीके से रखा।
अब सरकार ने क्या किया? उन्होंने साफ कर दिया है कि ये स्कीम सिर्फ और सिर्फ महिलाओं के लिए है। पवार जी ने तो यहां तक कह दिया कि अगर कोई पुरुष इसमें दाखिला लेता पाया गया तो… सीधा कानूनी एक्शन! और हां, अब वो इसकी मॉनिटरिंग के लिए और सख्त सिस्टम लाने पर भी विचार कर रहे हैं। थोड़ा सा ‘स्ट्रिक्ट डैड’ वाला अप्रोच लेते हुए।
इस पूरे मामले पर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय है। सरकार वालों का कहना है कि ये सही कदम है। विपक्ष वाले… वो तो हमेशा की तरह सरकार पर ही उंगली उठा रहे हैं। लेकिन सोशल वर्कर्स इस फैसले से खुश नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि महिलाओं के लिए बनी स्कीम का फायदा सिर्फ महिलाओं को ही मिलना चाहिए। बिल्कुल सही बात है, है न?
अब आगे क्या? देखिए, सरकार अब इस स्कीम को और सिक्योर बनाने के बारे में सोच रही है। धनंजय मुंडे वाले केस का तो अभी इंतजार करना होगा। लेकिन अगर पुरुषों की ये घुसपैठ जारी रही तो… हो सकता है सरकार को और सख्त नियम बनाने पड़ें।
असल में ये पूरा मामला एक बड़ा सवाल उठाता है – क्या हमारी सरकारी योजनाओं का इम्प्लीमेंटेशन सही हो रहा है? योजना तो बेहतरीन है… लेकिन उसका फायदा सही लोगों तक पहुंचे, इसके लिए सख्त निगरानी की जरूरत है। अब देखना ये है कि सरकार इस चुनौती को कैसे हैंडल करती है। वैसे मेरा मानना है कि इस तरह के सख्त बयान से एक स्पष्ट मैसेज तो जरूर गया है!
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लाडकी बहन योजना के बारे में वो सारे सवाल जो आप पूछना चाहते थे!
1. आखिर ये लाडकी बहन योजना है क्या बला?
देखिए, महाराष्ट्र सरकार की ये स्कीम उन परिवारों के लिए है जहां बेटी का जन्म होता है। सीधे शब्दों में कहें तो – बेटी पैदा हुई, पैसा मिला! असल में ये बेटियों को प्रोत्साहित करने और उनकी पढ़ाई-लिखाई व सेहत में मदद करने का एक तरीका है। क्या बुरा है भई?
2. क्या भाई लोग भी इसका फायदा उठा सकते हैं?
अरे नहीं यार! अजित पवार साफ कह चुके हैं – ये सिर्फ बेटियों के लिए है। कोई चालाकी से पैसा लेने की कोशिश करेगा तो? हुंह… उसका नाम-पता लिखकर केस दर्ज होगा। सीधी सी बात है ना?
3. योजना में आवेदन करने के लिए क्या-क्या चाहिए?
तो सुनिए… पहली शर्त तो ये कि परिवार की सालाना आय एक लिमिट से कम हो। दूसरा, बच्ची का जन्म महाराष्ट्र में हुआ हो। और हां, सरकार वाले कुछ documents मांगेंगे – वो सब जमा करना पड़ेगा। बस!
4. कोई ठगी करे तो सरकार क्या करेगी?
सच बताऊं? ऐसे smart लोगों के लिए सरकार के पास भी smart जवाब है! फर्जी documents बनाकर या लड़का होकर भी अगर कोई पैसा लेता है तो – एक तो पैसा वापस, दूसरा कोर्ट-कचहरी का चक्कर। समझदार को इशारा काफी है।
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