भूटान का डिजिटल संतुलन: जब मोबाइल से ब्रेक लेना ज़रूरी हो जाए
अजीब बात है ना? जहां पूरी दुनिया अपने फोन्स से चिपकी हुई है, वहीं हमारा पड़ोसी देश भूटान… बिल्कुल अलग राह पर चल रहा है। यहां के लोगों ने मोबाइल की इस दीवानगी को थोड़ा कंट्रोल कर लिया है। और सच कहूं तो, उनका ये तरीका काफी कूल लगता है। Technology और प्रकृति का बैलेंस… जैसे चाय में बिस्कुट डुबोकर खाने जैसा – न ज्यादा, न कम!
GNH वाला फंडा: पैसा नहीं, खुशी चाहिए!
असल में भूटान को समझने के लिए उनके “Gross National Happiness” के कॉन्सेप्ट को समझना ज़रूरी है। सोचिए, जहां हम GDP की बात करते हैं, वहां ये लोग GNH की बात करते हैं! पिछले कुछ सालों में एक मजेदार ट्रेंड देखने को मिला – जब सब 5G की रेस में थे, भूटान वालों ने अपनी internet स्पीड जानबूझकर स्लो रखी। है न मस्त बात? उनका लॉजिक सिंपल है – जब नेट स्लो चलेगा, तो लोग स्क्रीन पर कम टाइम बिताएंगे। और क्या? ये तरीका काम कर रहा है!
डिजिटल डिटॉक्स: जब स्कूल भी कहें “फोन रखो, जिंदगी देखो”
अब तो यहां के स्कूलों और ऑफिसों में digital detox प्रोग्राम्स चल रहे हैं। मतलब क्या? कुछ घंटे या दिन के लिए टेक्नोलॉजी से ब्रेक! शुरू में लोगों को अजीब लगा होगा, लेकिन अब तो ये ट्रेंड बनता जा रहा है। टूरिस्ट्स के लिए भी खास जोन बनाए गए हैं जहां वो टेक-फ्री रह सकते हैं। थोड़ा अजीब लगता है ना? पर सोचिए, कब आखिरी बार आपने बिना फोन चेक किए पूरा दिन गुजारा था?
क्या असर पड़ा? लोग बोल रहे हैं…
सच पूछो तो रिजल्ट काफी इंटरेस्टिंग हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि फोन से दूरी ने उन्हें परिवार के करीब ला दिया। सरकार वालों का कहना है – “हम टेक्नोलॉजी के खिलाफ नहीं, बस उसके सही इस्तेमाल के पक्ष में हैं।” और सबसे बड़ी बात? यहां के लोगों में तनाव और अकेलेपन की शिकायतें दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम हैं। क्या ये coincidence है? शायद नहीं!
क्या ये मॉडल चलेगा दूसरे देशों में?
देखा जाए तो भूटान अब एक ग्लोबल एक्सपेरिमेंट बन चुका है। भारत समेत कई देशों में digital wellness पर चर्चा हो रही है। WHO जैसी संस्थाएं भी इस मॉडल को स्टडी कर रही हैं। सोचिए अगर ये ट्रेंड पकड़ा तो? कल को हमारे यहां भी ऑफिस में “नो-फोन डे” होने लगेगा!
अंत में बस इतना – भूटान ने साबित कर दिया है कि टेक्नोलॉजी और शांति साथ-साथ रह सकते हैं। हमें ये समझना होगा कि फोन एक टूल है, हमारा मालिक नहीं। वैसे… अभी इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद शायद आपको भी अपने स्क्रीन टाइम पर नज़र डालनी चाहिए। है ना? 😉
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com