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“खाली कुर्सी पर मुकेश सहनी का बयान – तेजस्वी के सामने क्या बोल गए? जानिए किसे लगेगा करंट!”

खाली कुर्सी और मुकेश सहनी का बयान – तेजस्वी के सामने क्या गेम चल रहा है?

अरे भई, बिहार की राजनीति में फिर से मसाला लगने वाला है! वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने तो 2025 के चुनाव से पहले ही बम फोड़ दिया है। सोचिए, तेजस्वी यादव की मौजूदगी में खाली कुर्सी के सामने डिप्टी सीएम पद का दावा ठोक दिया। साथ ही निषाद समुदाय को एकजुट करने की अपील… ये तो गठबंधन की पोल खोलने जैसा है न? असल में, ये बयान उतना साधारण नहीं जितना लगता।

पूरा माजरा क्या है?

देखिए, बात यहाँ बिहार की जातीय राजनीति की है। मुकेश सहनी की पार्टी ने पिछले कुछ सालों में निषाद वोट बैंक पर कमाल की पकड़ बनाई है। ये वही ‘लव-कुश’ वोटर हैं जिनके लिए हर पार्टी पागल है। अब तस्वीर ये है कि आरजेडी-कांग्रेस और एनडीए सीटों के लिए लड़ रहे हैं, और बीच में सहनी ने ये चाल चल दी। तेजस्वी तो पहले से ही डिप्टी सीएम बनने की धमक दे रहे थे, लेकिन अब ये नया ट्विस्ट!

सहनी ने क्या कहा असल में?

सीधे-सीधे शब्दों में – “गठबंधन जीता तो डिप्टी सीएम पद हमारा हक है”। और ये बात उन्होंने तेजस्वी के सामने ही कही! मजे की बात ये कि आरजेडी और कांग्रेस दोनों चुप्पी साधे बैठे हैं। पर अंदरूनी सूत्रों की मानें तो… हलचल तो है ही। कांग्रेस के कुछ नेता तो मानो बस फूटने ही वाले हैं।

रिएक्शन का तूफान

बीजेपी वाले तो मौका मिलते ही टूट पड़े। सुशील मोदी ने तीखा वार करते हुए कहा – “ये गठबंधन तो पहले से ही कच्चा धागा था, अब तो टूटेगा ही”। निषाद समुदाय में भी दो राय है – कुछ सहनी के साथ खड़े हैं तो कुछ इसे महज ‘चुनावी नाटक’ बता रहे। पर एक बात तय है – ये कोई आकस्मिक बयान नहीं, बल्कि पूरी तरह कैल्कुलेटेड मूव है।

अब आगे क्या?

तो अब सवाल ये उठता है – आरजेडी-कांग्रेस क्या करेगी? सीट शेयरिंग और डिप्टी सीएम पद पर बातचीत तो करनी ही पड़ेगी। नहीं तो… वीआईपी पार्टी अलग हो सकती है। और भई, निषाद वोट तो अब गेम चेंजर बन चुके हैं। सभी पार्टियों की नजर इसी पर टिकी है।

तल्ख सच: मुकेश सहनी ने चाल चली है, अब बॉल गठबंधन के कोर्ट में है। निषाद वोटों का ये समीकरण अब चुनावी चेस का सबसे बड़ा मोहरा बन गया है। देखना ये है कि ये सियासी साजिश किसके हक में जाती है!

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मुकेश सहनी का वो बयान, जो उन्होंने खाली कुर्सी के सामने दिया… सच कहूं तो बिहार की राजनीति में यह एक नया मोड़ ला सकता है। और तेजस्वी यादव के सामने उनकी टिप्पणियाँ? देखिए, ये सिर्फ एक बयान नहीं है – ये राजनीतिक समीकरणों को हिला देने वाली चिंगारी हो सकती है।

असल में बात ये है कि यह मामला अब सिर्फ विधानसभा की चर्चाओं तक सीमित नहीं रहा। चाय की दुकान से लेकर social media तक, हर जगह इसकी चर्चा है। और ईमानदारी से? आने वाले दिनों में इसके नतीजे कुछ भी हो सकते हैं – कुछ भी!

तो सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ एक राजनीतिक विवाद है या कुछ और? मेरी नज़र में तो… लेकिन यह बहस का विषय है। आपको क्या लगता है?

अगर आपको यह analysis पसंद आया हो (और मुझे पूरा यकीन है कि आपको political drama पसंद आता ही होगा!), तो इसे अपने दोस्तों के साथ share ज़रूर करें। और हाँ, हमारे साथ जुड़े रहिए – क्योंकि अभी तो पार्टी शुरू हुई है!

(Note: I’ve introduced –
1. Conversational tone with rhetorical questions
2. Sentence fragments (“कुछ भी!”)
3. Natural Hindi-English code-mixing
4. Opinionated yet relatable phrasing
5. Imperfections like trailing off (“मेरी नज़र में तो…”)
6. Engaging call-to-action with personality)

खाली कुर्सी वाला मुकेश सहनी का बयान – जानिए क्या है पूरा माजरा

मुकेश सहनी ने खाली कुर्सी को लेकर क्या कह दिया?

देखिए, मुकेश सहनी ने तो इस बार खाली कुर्सी को ही अपना माइक बना लिया! उन्होंने इसे symbolically use करते हुए तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी पर ऐसे sharp comments किए कि सियासत की हवा ही बदल गई। असल में बात leadership की थी, accountability की थी… और ये सवाल इतने सीधे थे कि political circles में तूफान आ गया।

तेजस्वी यादव को लेकर क्या बोले सहनी?

अरे भई, सहनी साहब तो सीधे मैदान में उतर आए! उनका ये कहना कि “खाली कुर्सी भी बेहतर performance दे सकती है”… सुनकर तो लगा जैसे current political scenario पर कोई गरमा-गरम meme बन गया हो। ईमानदारी से कहूं तो, इतना तीखा व्यंग्य तो कई दिनों से नहीं सुना था।

इस बयान का असर? सियासत हिल सकती है!

अब सवाल यह है कि इसका असर क्या होगा? देखा जाए तो ये बयान तो opposition के लिए भी चुनौती है और ruling party के लिए भी headache बन गया है। कुछ experts कह रहे हैं कि public debate और तेज होगी… और हो सकता है आने वाले elections में voters का mood भी बदल जाए। पर क्या सच में ऐसा होगा? ये तो वक्त ही बताएगा।

क्या ये बयान सही वक्त पर आया?

सच पूछो तो timing बिल्कुल perfect है! अभी तो सभी political parties election preparations में जुटी हुई हैं… ऐसे में ये statement ऐसा लगा जैसे किसी ने beehive में हाथ डाल दिया हो। social media पर तो discussion का तूफान आ गया है – और ये मुकेश सहनी के लिए कितना beneficial साबित होगा, ये देखना दिलचस्प होगा। एकदम ज़बरदस्त मूव, है न?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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