“मंत्री के भाई का बर्बर रवैया: बिना लाइन के मंदिर प्रवेश नहीं, कॉन्स्टेबल को जड़ा थप्पड़!”

मंत्री के भाई का दबंगई भरा रवैया: “लाइन में लगो? मेरी किसकी सुनता है!”

कभी-कभी ऐसी घटनाएं सामने आ जाती हैं जो बता देती हैं कि सत्ता के आसपास के लोगों को कानून का डर कितना होता है… या यूं कहें कि बिल्कुल नहीं होता! आंध्र प्रदेश में तो एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे देखकर आपका भी गुस्सा फूट पड़ेगा। मंत्री बीसी जनार्दन रेड्डी के भाई मदन रेड्डी ने तो हद ही कर दी – एक बेचारे पुलिस कांस्टेबल को मंदिर में सरेआम थप्पड़ जड़ दिया! और वजह? बस इतनी कि उसने इन्हें लाइन में लगने को कह दिया था। सोशल media पर वायरल हुए वीडियो को देखकर तो लगता है जैसे ये लोग खुद को भगवान समझ बैठे हैं।

पूरा माजरा कुछ यूं है कि एक प्रसिद्ध मंदिर में भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए पुलिस ने लाइन लगवाई हुई थी। पर मदन रेड्डी साहब को कौन समझाए? इन्हें तो VIP कल्चर की ऐसी आदत पड़ गई है कि बिना लाइन में लगे सीधे अंदर घुसने चले। जब एक मासूम कांस्टेबल ने इन्हें रोका, तो क्या हुआ? “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे रोकने की?” – यह कहते हुए जोरदार तमाचा जड़ दिया! असल में देखा जाए तो ये सिर्फ एक थप्पड़ नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर मारा गया तमाचा है।

अब तो पूरा आंध्र प्रदेश इस वीडियो को देखकर आग बबूला हो रहा है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन सच कहूं तो हम सब जानते हैं कि ऐसे मामलों में क्या होता है। स्थानीय लोगों का गुस्सा देखने लायक है – “अगर आज ये एक कांस्टेबल को मार सकते हैं, तो कल हम आम जनता का क्या हाल करेंगे?” विपक्ष तो मानो जैसे दावत पा गया हो – “सत्ता का नंगा नाच” जैसे बयान देने में जुट गया है। पुलिस वाले भी कह रहे हैं कि legal action लेंगे, पर सच्चाई यही है कि राजनीतिक दबाव में ये केस भी शायद ठंडे बस्ते में चला जाए।

एक स्थानीय युवा ने जो बात कही, वो सोचने पर मजबूर कर देती है – “भाई साहब, अगर आपको भगवान के दरबार में भी लाइन में लगना पसंद नहीं, तो फिर आप मंदिर जा ही क्यों रहे थे?” सचमुच! विपक्षी नेता तो मांग कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री तुरंत बयान दें, पर हमें पता है न कि ऐसे में क्या होता है? एक बयान आएगा, कुछ दिन हंगामा होगा, और फिर सब कुछ भूल जाएंगे।

तो अब सवाल यह है कि क्या इस बार कुछ अलग होगा? सोशल media का दबाव, जनता का गुस्सा – क्या ये सब मिलकर सिस्टम को झकझोर पाएंगे? या फिर ये केस भी उन हजारों मामलों की तरह दफन हो जाएगा जहां ताकतवर लोगों ने कानून को अपने हाथ में ले लिया? देखते हैं… पर एक बात तो तय है – अगर आज हम चुप रहे, तो कल कोई और मदन रेड्डी किसी और कांस्टेबल को थप्पड़ मारेगा। और शायद उस दिन कोई वीडियो वायरल भी नहीं होगा।

अंत में बस इतना – जब तक हम आम लोग ऐसी घटनाओं पर आवाज नहीं उठाएंगे, तब तक ये “मैं तो मंत्री का भाई हूं” वाली मानसिकता खत्म नहीं होगी। वैसे भी, भगवान के दरबार में तो सब बराबर होते हैं… या कम से कम होने चाहिए, है न?

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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