** “सुप्रीम कोर्ट का बड़ा चेतावनी! क्या वाकई पूरा हिमाचल प्रदेश गायब हो जाएगा? जानें पूरी सच्चाई”

सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी: क्या हिमाचल प्रदेश वाकई नक्शे से गायब हो जाएगा?

अभी-अभी सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को लेकर एक ऐसी बात कही है जो सुनकर रूह काँप जाती है। असल में, कोर्ट ने साफ़-साफ़ कहा है कि अगर हिमाचल में बेतरतीब विकास और पर्यावरण की अनदेखी ऐसे ही चलती रही, तो एक दिन ऐसा आएगा जब ये खूबसूरत राज्य नक्शे से ही मिट जाएगा। सच कहूँ तो ये कोई मामूली बात नहीं है, खासकर तब जब पहाड़ पहले से ही जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहे हैं।

देखिए न, हिमाचल पिछले कुछ सालों से क्या-क्या झेल रहा है – अंधाधुंध निर्माण, अवैध खनन, जंगलों की कटाई… और नतीजा? बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने जैसी घटनाएँ अब आम हो गई हैं। विशेषज्ञों का तो यहाँ तक कहना है कि ये सब सिर्फ प्रकृति का कहर नहीं, बल्कि हमारी अपनी गलतियों का नतीजा है। शायद यही वजह थी कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही इस मामले में suo moto संज्ञान लिया और सरकार से सवाल किया।

कोर्ट की सुनवाई तो कुछ ऐसी थी जैसे किसी ने सीधे दिल पर चोट की हो। जजों ने साफ़ शब्दों में कहा – “हिमाचल में अवैध निर्माण और पर्यावरण विनाश अब बेकाबू हो चुका है।” और तो और, उन्होंने सरकार को 4 हफ़्ते के अंदर एक ठोस action plan पेश करने का आदेश दिया। सबसे डरावनी बात? जस्टिस की ये लाइन – “अगर अभी नहीं चेते, तो हिमाचल का अस्तित्व ही खतरे में है।” सुनकर लगता है मानो कोई डरावनी भविष्यवाणी सुन रहे हों।

अब सवाल ये है कि इसका असर क्या हुआ? मुख्यमंत्री जी तो फटाफट बोल पड़े कि वो नए नियम बनाएंगे। लेकिन सच पूछो तो पर्यावरणविद् डॉ. अनिल जोशी की बात सही लगती है – “चेतावनी बहुत देर से आई। हम पहले ही 40% हरियाली गँवा चुके हैं।” और स्थानीय लोग? उनकी बात सुनिए – “हर साल बाढ़ में घर बह जाते हैं, लेकिन सरकार को कभी फुर्सत ही नहीं मिली।” दुख होता है सुनकर।

तो अब क्या? अगर सरकार कोर्ट के आदेशों को गंभीरता से नहीं लेती, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। कुछ रिपोर्ट्स तो यहाँ तक कहती हैं कि अगले कुछ सालों में हिमाचल में रहने लायक ज़मीन ही नहीं बचेगी। लोग पलायन करने को मजबूर होंगे। अगली सुनवाई एक महीने बाद है, देखते हैं सरकार क्या जवाब देती है।

एक बात तो तय है – ये चेतावनी सिर्फ हिमाचल के लिए नहीं, पूरे देश के लिए है। हमें अभी समझना होगा कि पर्यावरण की अनदेखी का खामियाजा हमें ही भुगतना पड़ेगा। वरना… अरे भई, सोचकर ही डर लगता है।

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सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी और हिमाचल प्रदेश का भविष्य – क्या सच में खतरा है?

अरे भाई, ये खबर तो कुछ दिनों से सभी की जुबान पर है। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल को लेकर जो बात कही, उससे तो लगता है मानो पूरा राज्य ही संकट में है। लेकिन सच क्या है? आइए, बिना पैनिक किए समझते हैं।

1. सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल को लेकर क्यों दी चेतावनी?

देखिए, असल मामला यह है कि कोर्ट ने हिमाचल में बेतरतीब हो रहे construction और पर्यावरण के साथ खिलवाड़ पर गुस्सा जताया है। बात सिर्फ illegal buildings की नहीं – पेड़ों की कटाई, बेवजह होटलों का निर्माण, और बिना सोचे-समझे बढ़ता tourism… ये सब मिलकर हिमाचल की खूबसूरती को निगल रहे हैं। कोर्ट का सीधा सा संदेश: “अगर अभी नहीं संभले, तो बाद में पछताओगे!”

2. क्या हिमाचल वाकई ‘गायब’ हो जाएगा?

अरे नहीं यार, ऐसा थोड़ी होगा कि हिमाचल नक्शे से गायब हो जाएगा! पर सच यह है कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो वो हिमाचल जिसे हम जानते हैं – हरे-भरे पहाड़, शांत वादियाँ, स्वच्छ नदियाँ – वो सब खतरे में पड़ सकता है। सोचो तो, जैसे दिल्ली की हवा खराब हो गई, वैसे ही हिमाचल की प्राकृतिक खूबसूरती…? डर लगता है ना?

3. असली समस्याएं क्या हैं? सिर्फ construction ही तो नहीं?

बिल्कुल! समस्या सिर्फ illegal construction तक सीमित नहीं है। मुख्य मुद्दे हैं:
– जंगलों की अंधाधुंध कटाई (क्या पता था कि हिमाचल में हर साल 1000+ hectare जंगल काटे जा रहे हैं?)
– बिना प्लानिंग का tourism – जिससे पहाड़ों पर दबाव बढ़ रहा है
– पानी की कमी की समस्या जो दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है

सच तो यह है कि ये सारी समस्याएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। जैसे एक domino effect – एक गिरा तो सब गिरे!

4. तो फिर अब क्या होगा? कोई उम्मीद की किरण?

गुड न्यूज़ यह है कि कोर्ट ने सिर्फ डांटा ही नहीं, solutions भी सुझाए हैं:
– सरकार को अब illegal constructions पर सख्त कार्रवाई करनी होगी (और हाँ, सिर्फ कागजों में नहीं!)
– Sustainable tourism को बढ़ावा – क्या आप जानते हैं homestay concept कितना कारगर हो सकता है?
– पर्यावरण संरक्षण के नियमों पर वाकई में अमल

अच्छी बात यह है कि हिमाचल सरकार ने कुछ कदम उठाने भी शुरू कर दिए हैं। पर सवाल यह है कि क्या ये पर्याप्त होगा? वक्त ही बताएगा।

अंत में, एक सवाल आपसे – क्या अगली बार हिमाचल जाते समय हम थोड़ा और ज़िम्मेदार tourism करेंगे? सोचिएगा ज़रूर…

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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