ICMR की मलेरिया वैक्सीन: इंतज़ार की मशक्कत अभी बाकी है!
मलेरिया… नाम सुनते ही शरीर में एक ठंडी लहर दौड़ जाती है, है न? ये छोटा सा मच्छर कितना बड़ा तबाही मचा सकता है, ये तो वो ही जानते हैं जिन्होंने इसका कहर झेला है। भारत में तो P. falciparum वाला मलेरिया सबसे खतरनाक माना जाता है – जैसे कोई साइलेंट किलर हो। लेकिन अच्छी खबर ये है कि ICMR ने AdFalciVax नाम की एक वैक्सीन बनाई है। बुरी खबर? अभी इसके लिए 6-7 साल इंतज़ार करना पड़ेगा! क्यों? क्योंकि टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और क्लिनिकल ट्रायल्स जैसी प्रक्रियाएं तो पूरी करनी ही होंगी। सच कहूं तो, ये वैक्सीन और भी ज़रूरी हो गई है क्योंकि अब तक के इलाज धीरे-धीरे काम करना बंद कर रहे हैं। दवाओं के खिलाफ मलेरिया की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती जा रही है – बिल्कुल वैसे ही जैसे हमारी नौकरशाही फाइलों के सामने बढ़ती है!
मलेरिया: ये लक्षण दिखे तो समझ जाइए खतरा!
असल में मलेरिया के लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि लोग इसे साधारण बुखार समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। 10-15 दिन के अंदर अगर आपको:
– ऐसा बुखार जिसमें पहले कंपकंपी छूटे और फिर तापमान आसमान छूने लगे
– सिर में ऐसा दर्द जैसे कोई हथौड़े चला रहा हो
– शरीर टूट रहा हो और उल्टी जैसा महसूस हो
…तो ये मलेरिया के संकेत हो सकते हैं। गंभीर मामलों में तो पीलिया भी हो जाता है। और हां, ये सिर्फ मच्छर के काटने से ही नहीं, बल्कि खून चढ़ाने या गर्भवती मां से बच्चे को भी हो सकता है। डरावना लगता है न?
वैक्सीन आने तक ये घरेलू नुस्खे आजमाएं
जब तक वैक्सीन नहीं आती, तब तक हमारी दादी-नानी के नुस्खे ही काम आएंगे। मेरा पर्सनल फेवरिट? नीम का काढ़ा – स्वाद भले ही कड़वा हो, लेकिन असर ज़बरदस्त! गिलोय का जूस तो बुखार में रामबाण की तरह काम करता है। और हल्दी वाला दूध… अरे भई, ये तो भारतीय घरों का पैनासिया है! लेकिन सबसे ज़रूरी है मच्छरदानी का इस्तेमाल। मेरे एक दोस्त तो कहते हैं – “मच्छरदानी नहीं तो मलेरिया गारंटी!” सच बात तो ये है कि घर के आसपास पानी जमा न होने देना ही सबसे बड़ा बचाव है।
मलेरिया हुआ है? ये डाइट प्लान अपनाएं
मलेरिया में डाइट का ख्याल रखना उतना ही ज़रूरी है जितना कि दवा लेना। मेरी मां का मंत्र है:
– सुबह-सुबह संतरे का जूस (विटामिन C का पावरहाउस)
– दोपहर में पपीता और हरी सब्जियां (पालक-मेथी तो गोल्ड हैं)
– रात को दाल-चावल या अंडा (प्रोटीन के लिए)
लेकिन याद रखें – तला-भुना, मसालेदार खाना और शराब से तो बिल्कुल दूर रहना है। वैसे भी, बीमारी में ये सब खाने का मन कहां करता है!
डॉक्टर के पास कब भागें?
अगर:
– बुखार तीन दिन से ज्यादा टिका हुआ है
– शरीर पर कोई रैशेज़ दिख रहे हैं
– सांस लेने में तकलीफ हो रही है
…तो फौरन डॉक्टर के पास जाएं। गर्भवती महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग तो खासकर सावधान रहें – इनके लिए मलेरिया जानलेवा साबित हो सकता है। एक बात और – ये लेख सिर्फ जानकारी के लिए है। असली इलाज तो डॉक्टर ही बता सकते हैं। वैसे भी, गूगल से डॉक्टरी करने वालों का हाल तो आप जानते ही होंगे!
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Source: Hindustan Times – India News | Secondary News Source: Pulsivic.com