हिचकी आई तो कोई याद कर रहा है? सच्चाई जानकर चौंक जाएंगे आप!
अरे भाई, कितनी बार आपने यह सुना होगा – “हिचकी आ रही है? कोई याद कर रहा है!” मजाक-मजाक में हम सब इस पर यकीन कर लेते हैं। पर सच क्या है? असल में, विज्ञान इस बात को पूरी तरह नकारता है। देखा जाए तो हिचकी हमारे diaphragm (यानी वो मांसपेशी जो सीने और पेट को अलग करती है) में अचानक आई ऐंठन है। बस इतनी सी बात! लेकिन फिर सवाल यह है कि आखिर ये परेशानी होती क्यों है? चलिए, आज बात करते हैं इसके पीछे की असली वजहों और कुछ ऐसे घरेलू नुस्खों की जो वाकई काम करते हैं।
हिचकी आने के पीछे छुपे हैं ये मुख्य कारण
अब ये तो हम सब जानते हैं कि जल्दी-जल्दी खाने से हिचकी आती है। पर क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? दरअसल, जब हम बहुत तेजी से खाते हैं, तो पेट फूल जाता है और यही diaphragm पर दबाव डालता है। और हां, वो मसालेदार चाट-पकौड़े जो हमें इतने पसंद हैं, वो भी गले में जलन पैदा करके हिचकी ला सकते हैं। ईमानदारी से कहूं तो मुझे तो cold drink पीने के बाद अक्सर यह समस्या होती है। एक तरफ तो ये सब physical कारण हैं, लेकिन दूसरी तरफ तनाव या excitement भी हिचकी को ट्रिगर कर सकता है। है न मजेदार बात?
5 ऐसे घरेलू उपाय जो हिचकी भगाने में हैं मास्टर!
अब आते हैं मजेदार हिस्से पर। जब भी मुझे हिचकी आती है, मेरी दादी के ये नुस्खे काम आते हैं:
1. सांस रोकने का तरीका – गहरी सांस लो, 10 सेकंड रोको… फिर धीरे से छोड़ो। एकदम काम की चीज!
2. ठंडे पानी के छोटे-छोटे घूंट। मेरा तो ये पर्सनल फेवरेट है।
3. नींबू और honey का जादू। स्वाद भी अच्छा, फायदा भी हो जाता है।
4. चीनी का एक दाना… धीरे-धीरे चूसो। बचपन से आजमाया हुआ नुस्खा!
5. और सबसे अनोखा – कानों को हल्का सा दबाओ। सुनने में अजीब लगता है, पर काम करता है!
सच कहूं तो मुझे तो ये सब घरेलू उपाय allopathy से ज्यादा भरोसेमंद लगते हैं। आपको नहीं लगते?
क्या खाएं, क्या न खाएं – ये है असली गेम चेंजर
असल में बात ये है कि हिचकी से बचना है तो खान-पान पर ध्यान देना ही पड़ेगा। मेरी मां हमेशा कहती हैं – “अदरक वाली चाय पियो, सब ठीक हो जाएगा”। और सच मानिए, ये काम करती है! पुदीना भी बड़ा कारगर है – चाहे पत्ते चबा लो या चाय बना लो।
पर हां, कुछ चीजों से तो बचना ही पड़ेगा:
– तला-भुना (अरे यार, पर वो तो टेस्टी होता है!)
– बहुत ज्यादा spicy food
– Cold drinks (हां हां, वो भी नहीं)
– Alcohol (वैसे भी सेहत के लिए अच्छा नहीं)
और सबसे बड़ी बात – खाना अच्छी तरह चबा-चबाकर खाओ। जल्दबाजी में निगलोगे तो पछताओगे!
कब हो सकता है खतरा? इन संकेतों को न करें नजरअंदाज
अब सुनो, ज्यादातर मामलों में हिचकी कोई बड़ी बात नहीं होती। लेकिन… हमेशा एक लेकिन तो होता ही है न? अगर:
– हिचकी दो दिन से ज्यादा चले
– सीने में दर्द हो
– सांस लेने में तकलीफ हो
– बार-बार उल्टी आए
तो फौरन डॉक्टर के पास जाना चाहिए। मेरे एक दोस्त को तो लगातार हिचकी आ रही थी, पता चला GERD की समस्या थी। इसलिए लापरवाही न करें। सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें!
तो दोस्तों, अगली बार जब हिचकी आए तो घबराइए मत। ये कोई भूत-प्रेत वाली बात नहीं, बस एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। पर अगर ज्यादा परेशानी हो तो डॉक्टर से मिलने में संकोच न करें। आखिरकार, सेहत ही तो सबसे बड़ी दौलत है न?
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क्या सच में हिचकी आने पर कोई आपको याद कर रहा होता है?
अरे भई, कौन सी फिल्मी दुनिया में जी रहे हैं आप? असल में यह पूरा का पूरा एक urban myth है जिसका science से कोई लेना-देना नहीं। हिचकी तो आती है जब हमारी diaphragm (वो मांसपेशी जो सांस लेने में मदद करती है) अचानक ऐंठ जाती है। लेकिन हां, भारतीय घरों में तो नानी-दादी के नुस्खे और ये मान्यताएं चलती ही रहती हैं न!
हिचकी से छुटकारा पाने के लिए क्या करें? (और क्या न करें!)
तो सबसे पहले तो घबराइए मत! देखा जाए तो 90% मामलों में यह खुद ही चली जाती है। लेकिन अगर जिद्दी हिचकी हो तो:
– एक सांस भरकर रोक लें (मगर इतना भी न रोकें कि चेहरा नीला पड़ जाए!)
– ठंडा पानी घूंट-घूंट करके पिएं
– कुछ लोग चीनी या नींबू का रस भी try करते हैं
मेरी नानी का तो कहना था कि किसी को अचानक डरा दो… पर ये मैं recommend नहीं करूंगा। क्या पता आपका दोस्त ही दिल का दौरा पड़ने लगे!
कब पड़ जाए डॉक्टर के पास भागने की नौबत?
अब यहां थोड़ा serious होना पड़ेगा। अगर:
✓ हिचकी 2 दिन से ज्यादा टिकी रहे
✓ खाना-पीना मुश्किल होने लगे
✓ सोने में दिक्कत हो
तो फौरन doctor को दिखाएं। कभी-कभी यह acid reflux या nerve damage जैसी बीमारियों का संकेत भी हो सकता है। सावधानी हटी, दुर्घटना घटी वाली बात!
बच्चों को हिचकी क्यों आती है बार-बार?
छोटे बच्चे तो हिचकी लेकर ही पैदा होते हैं लगता है! असल में उनका digestive system और nervous system अभी बेबी स्टेज में होता है। जल्दी-जल्दी दूध पीने से या पेट के फूल जाने से यह problem हो जाती है। पर घबराने की कोई बात नहीं – यह उनके बड़े होने के साथ-साथ कम होती जाती है। मेरा छोटा भाई तो खाते वक्त हिचकी लेता था… आजकल तो बस मोबाइल पर ही लगा रहता है!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com