जेब में फोन और गोद में लैपटॉप: क्या ये गैजेट्स सच में पुरुषों की फर्टिलिटी खराब कर रहे हैं?
भाई, आजकल तो हमारी जिंदगी में मोबाइल और लैपटॉप की जगह ऐसी बन गई है जैसे दूसरा हाथ। पर सच कहूं? हाल की एक स्टडी ने तो बड़ा ही चौंकाने वाला खुलासा किया है। कलकत्ता यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट ऑफ रिप्रोडक्टिव मेडिसिन की रिसर्च कहती है कि जेब में फोन रखने और गोद में लैपटॉप चलाने की हमारी आदतें हमें नपुंसक बना रही हैं! सच में। और ये कोई मामूली बात नहीं – स्पर्म काउंट में 40% तक की गिरावट देखी गई है।
अरे, पर ऐसा क्यों हो रहा है?
देखो, बात समझने वाली है। असल में दो मुख्य वजहें हैं:
पहली – गर्मी। जब हम घंटों लैपटॉप को गोद में रखकर काम करते हैं, तो ये हमारे टेस्टिकल्स को गर्म कर देता है। और याद रखो, स्पर्म बनने के लिए तापमान शरीर से 2-4 डिग्री कम चाहिए। लैपटॉप की गर्मी इसे बिगाड़ देती है। मतलब साफ है न?
दूसरी बड़ी वजह है EMF Radiation। फोन से निकलने वाली यही रेडिएशन सीधे हमारे हार्मोन्स को बिगाड़ती है। नतीजा? स्पर्म क्वालिटी खराब होना, और कभी-कभी तो Erectile Dysfunction जैसी समस्याएं भी।
तो फिर क्या करें? पैनिक नहीं, समझदारी से काम लें!
अब घबराने की नहीं, सावधान होने की बात है। कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके हम इससे बच सकते हैं:
- फोन को जेब में रखने की आदत छोड़ो। बैग या टेबल पर रखो। सरल सी बात है।
- लैपटॉप को कभी भी सीधे गोद में न रखो। अगर मजबूरी हो तो कूलिंग पैड जरूर इस्तेमाल करो।
- लंबी कॉल्स के लिए ईयरफोन यूज करो – सीधे फोन को कान से लगाकर बात न करो।
और हां, एक और जरूरी बात – रात को सोते समय फोन को बेड से दूर रखो। एयरप्लेन मोड ऑन कर दो। छोटी सी आदत, बड़ा फायदा!
खाने-पीने में क्या रखें ध्यान?
देखो, डाइट का भी बहुत रोल है। मेरा पर्सनल एक्सपीरियंस बताता है कि:
• विटामिन सी वाली चीजें जैसे संतरा, आंवला – ये स्पर्म क्वालिटी बढ़ाते हैं
• जिंक के लिए कद्दू के बीज और दालें खाओ
• ओमेगा-3 के लिए अखरोट तो गोल्ड हैं!
पर हां, जंक फूड और प्रोसेस्ड चीजों से दूर रहो। वो तो वैसे भी सेहत के लिए अच्छे नहीं। और हां, शराब-सिगरेट तो बिल्कुल नहीं!
डॉक्टर के पास कब जाएं?
अगर नीचे दिए लक्षण दिखें तो तुरंत एक्सपर्ट से सलाह लो:
– 1 साल तक प्रयास के बाद भी प्रेग्नेंसी न होना
– टेस्टिकल्स में दर्द या सूजन
– सेक्सुअल डिसफंक्शन की कोई भी समस्या
आखिरी बात – टेक्नोलॉजी हमारी दोस्त है, दुश्मन नहीं। बस थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता की जरूरत है। तो क्या आप आज से ही इन छोटे-छोटे बदलावों को अपनाने के लिए तैयार हैं?
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1. मोबाइल-लैपटॉप और नपुंसकता का कनेक्शन – कितना सच, कितना झूठ?
सच तो यह है कि ये गैजेट्स हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये हमारी मर्दानगी के लिए खतरा बन रहे हैं? देखिए, कुछ स्टडीज़ तो यही कहती हैं – लैपटॉप की गर्मी और मोबाइल का रेडिएशन स्पर्म काउंट को नुकसान पहुंचा सकता है। पर यहां एक बड़ा ‘लेकिन’ भी है। अभी यह रिसर्च शुरुआती स्टेज में है, और पूरी तस्वीर साफ नहीं हुई है। मतलब? पैनिक करने की ज़रूरत नहीं, लेकिन सावधानी बरतनी चाहिए।
2. लैपटॉप यूज़ करने का सही तरीका – गोद में या डेस्क पर?
असल में बात बहुत सीधी है। लैपटॉप को गोद में रखकर घंटों काम करना… ये ठीक वैसा ही है जैसे गर्म तवे पर बैठ जाना! तो क्या करें? सबसे आसान उपाय – टेबल या डेस्क पर रखकर चलाएं। और हां, अगर गोद में रखना ही पड़े (क्योंकि कभी-कभी ऐसा होता ही है), तो एक छोटा सा ट्रिक – लैपटॉप कूलर का इस्तेमाल करें। ये हीट को कम कर देता है। एकदम वाजिब सलाह!
3. मोबाइल रखने की सही जगह – जेब या बैग?
अब यहां थोड़ा सा गणित समझिए। टेस्टिकल्स और मोबाइल का रेडिएशन… ये कॉम्बिनेशन बिल्कुल भी अच्छा नहीं। खासकर तब, जब आप मोबाइल को पैंट की जेब में रखते हैं। तो सॉल्यूशन? बहुत आसान – मोबाइल को बैग में रखें, या फिर टेबल पर। छोटी सी आदत, बड़ा फायदा। सच कहूं तो यह आपके लिए भी अच्छा है, और आपके स्पर्म के लिए भी!
4. सिर्फ लड़कों की प्रॉब्लम या फिर लड़कियों को भी है खतरा?
यहां दिलचस्प बात यह है कि ज्यादातर रिसर्च लड़कों पर ही हुई है। लेकिन! कुछ स्टडीज़ ये भी कहती हैं कि गैजेट्स की हीट और रेडिएशन लड़कियों की फर्टिलिटी को भी प्रभावित कर सकते हैं। मतलब? यह समस्या सिर्फ एक जेंडर तक सीमित नहीं है। हालांकि, अभी इस पर और रिसर्च की ज़रूरत है। पर सतर्क रहने में हर्ज ही क्या है?
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com