राहुल गांधी का ‘डिनर पॉलिटिक्स’: INDIA अलायंस की असली टेस्ट डिनर टेबल पर ही शुरू हो गई?
अक्सर राजनीति की बड़ी लड़ाईयां बंद कमरों और भाषणों के मंचों पर लड़ी जाती हैं। लेकिन कभी-कभी एक साधारण सी डिनर टेबल भी बड़ा राजनीतिक स्टेटमेंट बन जाती है। है न मजेदार बात? ठीक यही हुआ जब राहुल गांधी ने INDIA गठबंधन के नेताओं को डिनर पर बुलाया। ये कोई औपचारिक मीटिंग नहीं थी, बल्कि असल में तो ये विपक्षी एकजुटता का एक लाइव डेमो था। फोटोज में दिख रही नेताओं की बॉडी लैंग्वेज देखकर तो यही लगा कि अब ये लोग सीरियस मोड में आ गए हैं।
ये डिनर इतना खास क्यों? चाय की चुस्की के साथ समझिए
INDIA गठबंधन बना तो था 2024 में भाजपा के खिलाफ यूनाइटेड फ्रंट बनाने के लिए। पर पिछले कुछ महीनों से तो ये लग रहा था जैसे ये गठबंधन ‘गटरबंधन’ बनता जा रहा है। सीट शेयरिंग को लेकर झगड़े, नेताओं के विवादित बयान… एक तरफ तो ये सब चल रहा था। दूसरी तरफ राहुल का ये डिनर प्लान। सच कहूं तो ये एक स्मार्ट मूव था – जिसने न सिर्फ गठबंधन को नई एनर्जी दी, बल्कि ये मैसेज भी दिया कि अब ये लोग गंभीर हैं।
डिनर में क्या-क्या हुआ? गप्पें और गॉसिप
इस डिनर में तो जैसे पूरा विपक्ष ही मौजूद था – कांग्रेस, TMC, AAP, NCP… नाम लेना बंद करो भई! फोटोज में नेताओं को एक-दूसरे के साथ हंसते-मजाक करते देखकर तो यही लगा कि शायद मीडिया वालों ने इनके बीच के तनाव को थोड़ा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था। सूत्रों की मानें तो यहां सीट शेयरिंग से लेकर भाजपा के खिलाफ स्ट्रैटेजी तक सबकुछ डिस्कस हुआ। पर सबसे दिलचस्प बात? जिन नेताओं को हम अखबारों में एक-दूसरे का दुश्मन देखते आए थे, वो यहां गले मिल रहे थे। राजनीति में यारी-दुश्मनी का ये खेल भी निराला है!
क्या कह रहे हैं लोग? चलिए सुनते हैं
कांग्रेस वालों का तो कहना है, “ये गठबंधन परिवार जैसा है।” वहीं TMC के एक नेता ने राहुल की इस पहल की तारीफ की। लेकिन असल सवाल ये है कि क्या ये प्यार-मोहब्बत चुनाव के मैदान में भी कायम रहेगा? एक राजनीतिक विश्लेषक ने सही कहा – “डिनर टेबल पर तो सब ठीक लगता है, असली टेस्ट तो पोलिंग बूथ पर होगा।” सच बात तो ये है कि अभी बहुत कुछ देखना बाकी है।
अब आगे क्या? चलिए अंदाजा लगाते हैं
इस डिनर के बाद तो लगता है कि और मीटिंग्स होंगी। खबरें तो ये भी हैं कि जल्द ही सीट शेयरिंग पर कोई बड़ा ऐलान आ सकता है। अगर विपक्ष सच में यूनाइटेड होकर चुनाव लड़ता है, तो 2024 में भाजपा को पसीना आ सकता है। पर ये बड़ा ‘अगर’ है भाई!
तो फाइनल वर्ड: राहुल के इस डिनर ने INDIA गठबंधन को नई जान तो दी है। पर अब देखना ये है कि क्या ये एकजुटता सिर्फ डिनर प्लेट्स तक ही सीमित रहेगी, या फिर वोटिंग बूथ तक पहुंच पाएगी? वैसे मेरा मानना है – राजनीति में डिनर से ज्यादा इम्पोर्टेंट तो डेजर्ट होता है। और अभी तो डेजर्ट आना बाकी है!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com